लखनऊ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू यूपी की राजधानी लखनऊ के दो दिवसीय दौरे पर है। इसे लेकर शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। वहीं राजकीय अस्पतालों के कई सीनियर डॉक्टर को प्रोटोकॉल डयूटी में लगा दिया गया है। डाक्टरों की वीवीआईपी ड्यूटी लगने के कारण मंगलवार को श्यामाप्रसाद मुखर्जी राजकीय अस्पताल (सिविल अस्पताल) में मरीज इलाज के लिए भटकते नजर आए।
अस्पताल के लगभग सभी सीनियर डॉक्टर के चैम्बर खाली थे। वहीं कुछ फिजिशियन के चेम्बर के बाहर लंबी कतारें नजर आईं। इनमें उन मरीजों को ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ा जो अन्य जिलों से इलाज कराने आए थे। कुछ मरीजों को ऑपरेशन भी कराना था तो ऐसे भी मरीज थे, जिन्हें ऑपरेशन के लिए डेट मिलनी थी, उन्हें भी समस्या का सामना करना पड़ा।
सिविल अस्पताल में सुबह करीब 8 बजे अव्यवस्था नजर आई। मरीज डॉक्टरों की कमी के कारण मायूस दिखे और भटकते नजर आए। अमेठी जिले के बाजार शुकुल से आए विकास मिश्रा ने द मूकनायक को बताया -"मेरे पेट मे कई दिनों से दर्द था। सोमवार को सीनियर डॉक्टर को दिखाया था। जिसके बाद जांचें लिखी थीं। जांच के लिए सैम्पल 11 दिसम्बर को दिया था। 12 दिसम्बर सुबह लगभग 9 बजे अस्पताल आ गया। मेरी जांच रिपोर्ट भी मिल गई। लेकिन जब पर्चा दिखाने गया तो डॉक्टर का केबिन बन्द था। अन्य कमरों में फिजिशियन को दिखाने का प्रयास किया। उनका भी केबिन बन्द था। डॉक्टर आनन्द कुमार श्रीवास्तव के कमरे के बाहर लंबी लाइन लगी थी। पेट दर्द के कारण लाइन में लगना मुश्किल हो रहा था। इसलिए मुझे वापस लौटना पड़ा।"
सीनियर डाक्टरों की वीवीआईपी ड्यूटी के कारण डाक्टरों की कमी के बीच सिविल अस्पताल के निदेशक डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल और सीएमएस राजेश श्रीवास्तव ने मोर्चा संभाला रखा था। इन डाक्टरों के केबिन ओपीडी ब्लॉक में बने प्रशासनिक भवन के पहले तल पर है। ऐसे में समान्य मरीजों को उन तक पहुंच पाना मुश्किल था। जिन मरीजों की इसकी जानकारी थी। वह इन डॉक्टरों के पास पहुंचकर इलाज कराते नजर आए।
सिविल अस्पताल में गत 8 दिसम्बर को हुई ब्लड जांच की अधिकांश रिपोर्ट मशीन में गड़बड़ी आने के कारण गलत आईं। ऐसे में सभी मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इनमें रायबरेली जिले के बछरांवा से आए अमित जायसवाल ने द मूकनायक को बताया -"मेरे पिता का हाइड्रोसील का ऑपरेशन होना था। ब्लड जांच के लिए सैंपल दिया था। आज रिपोर्ट लेने आया था। आज मेरे पिता के ऑपरेशन की डेट मिलनी थी। काउंटर पर बताया गया कि मशीन खराब होने के कारण सभी रिपोर्ट खराब हो गईं। अब मुझसे दोबारा जांच के लिए सैंपल मांगा गया है।"
हजरतगंज से आई सरिता तिवारी ने बताती है, "पेट में दर्द होने के कारण 6 दिसम्बर 2023 को दिखाया था। डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए बताया था। इसके लिए 8 दिसम्बर को ब्लड सैंपल दिया था। आज रिपोर्ट लेने आई थी। काउंटर पर बताया गया कि मशीन खराब होने के कारण जांच रिपोर्ट नहीं मिल सकती।"
हर्ष दीक्षित बताते है, "मुझे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इसके लिए 8 दिसम्बर को चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर डीके वर्मा को दिखाया था। ब्लड जांच के लिए लिखा था। खून का सैम्पल 8 दिसम्बर को ही दे दिया था। आज (12 दिसम्बर) को रिपोर्ट लेने आया तो बताया गया। मशीन खराब हो गई है।"
जानकारी के मुताबिक सिविल अस्पताल में विभिन्न जिलों से आए लोगों से सम्बंधित लगभग सभी जांचें मुफ्त में होती हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार अस्पताल में एक दिन में लगभग 350 ब्लड के सैम्पल लिए जाते हैं। इनकी रिपोर्ट तैयार होती है। ऐसे में मशीन के खराब होने से मरीजों को परेशानी हो रही है।
मामले में द मूकनायक ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल अस्पताल) के चिकित्सा निदेशक नरेन्द्र अग्रवाल से बात की। चिकित्सा निदेशक ने गलत ब्लड रिपोर्ट के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की। वहीं चिकित्सकों की कमी को लेकर बोले कि यह रूटीन प्रक्रिया है।
इधर, राष्ट्रपति राजधानी में कई विशेष कार्यक्रमों में शामिल हो रही है। रविवार को वे गोमतीनगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में डिवाइन हार्ट फाउंडेशन के 27 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम में शामिल हुई थीं। मंगलवार को एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी। फिलहाल राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
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