उत्तर प्रदेश। बदायूं जिले में एक महिला ने फांसी से लटककर जान दे दी। महिला का शव पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों के पैनल ने महिला की दोनों आँखे चोरी कर ली। परिजनों ने जब बॉडी बैग खोलकर युवती का शव देखा तो उसकी दोनों आँखे गायब थी। परिजनों ने जमकर हंगामा किया, जिसके बाद इस मामले में जाँच बैठा दी गई। मामले में एफआईआर दर्ज हुई। पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था। इस मामले में लापरवाही बरतने पर सीएमओ को निलंबित कर दिया गया था। घटना के दो महीने बाद अब एफआईआर में नामजद दोनों डाक्टरों को भी निलंबित कर दिया गया है।
बदायूं जिले के अलापुर थाना इलाके के कुतरई गाँव की रहने वाली गंगा चरण की बेटी पूजा (20) का शव मुजरिया थाना इलाके के रसूला गांव में स्थित उसकी ससुराल में बीते 10 नवंबर 2023 को फांसी से लटकता पाया गया था। पूजा के मायके के लोगों ने दहेज की मांग पूरी नहीं होने के कारण उसकी हत्या किए जाने का आरोप लगाया था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने पूजा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। पोस्टमार्टम के बाद शव को काले बैग में रखकर परिजनों को दे दिया गया था। आरोप है कि शाम को जब परिजनों ने बैग खोलकर शव को देखा तो उसकी दोनों आंखे गायब थीं। आक्रोशित परिजनों ने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों पर आंखे निकालने का आरोप लगाया था।
इस मामले में पूजा के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर आरिफ और ओवैस के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था और जिलाधिकारी मनोज कुमार ने मामले की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) वी के सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी(नगर) आलोक मिश्रा और मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर प्रदीप वार्ष्णेय की संयुक्त टीम गठित की थी। इस टीम ने रिपोर्ट पेश की, जिसके बाद दोनों आरोपी डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
पूरा मामला सामने आने के बाद डाक्टरों ने खुद को बचाने के लिए शव की आँखों को चूहे द्वारा कतरे जाने की कहानी बना डाली। उधर, पूजा के भाई राजकुमार ने पुलिस को बताया कि जब उसकी बहन के शव को पोस्टमार्टम हाउस में अंदर ले जाया गया था तब उसकी आंखें थीं। वहीं जब पोस्टमार्टम के बाद शव आया तो उसमें आँखे गायब थी। इस मामले से जब हड़कंप मचा तो जांच कमिटी गठित की गई। शव का दोबारा पोस्टमार्टम भी कराया गया था। जानकारी के मुताबिक़, पुलिस ने दोबारा पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोग्राफी भी कराई थी। दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सिर्फ आंखें न होने का उल्लेख किया गया था। भाई का कहना था कि अगर शव की आँखे चूहें ने कुतरी होती तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका जिक्र किया गया होता। फिलहाल, दोनों डॉक्टरों को जेल भेजने का कारण यही बना कि उन्होंने अपने दावे के मुताबिक आंखें न होने का पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जिक्र नहीं किया। महिला के शव का परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया लेकिन पोस्टमार्टम के दौरान हुई वीडियोग्राफी जांच के लिए अहम साबित होगी।
थाना सिविल लाइंस के प्रभारी निरीक्षक गौरव विश्नोई ने ‘द मूकनायक’ को बताया कि प्रारंभिक जांच के दौरान दोषी पाए गए डॉक्टर आरिफ और डॉक्टर ओवैस को बुधवार को जिलाधिकारी आवास मार्ग के निकट स्थित चौराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया गया था और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था। न्यायाधीश मोहम्मद साजिद के आदेश पर दोनों डॉक्टरों को जिला कारागार भेज दिया गया था। विश्नोई ने बताया कि इस मामले में अग्रिम विवेचना जारी है। इसमें पोस्टमार्टम करने वाले कुछ और मेडिकल स्टाफकर्मियों की भी संलिप्तता पाई गई है। उनके खिलाफ भी गिरफ्तारी की कार्रवाई जल्द की जाएगी।
इस प्रकरण में पहले ही बदायूं के तत्कालीन मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डा. प्रदीप वार्ष्णेय को निलंबित किया जा चुका है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर दोनों ही चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। पोस्टमार्टम के बाद महिला के शव से आंखें गायब होने के मामले में बदायूं के दो डाक्टरों को निलंबित कर दिया गया है। लापरवाही के आरोप में निलंबित किए गए दोनों ही चिकित्सकों को बरेली मंडल के अपर निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
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