उत्तर प्रदेश। लखनऊ में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान प्रशासन पर विशेष भर्ती अभियान (बैकलॉग) में आरक्षण की अनदेखी का आरोप लगाते हुए अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग से एक शिकायत की गई है। इस मामले में संस्थान पर सरकार के शासनादेश की अनदेखी करने का आरोप लगा है। यह आरोप डॉ. अम्बेडकर समाजोत्थान समिति की तरफ से लगाया गया है। शिकायत में यह भी मांग की गई है कि बैकलॉग के पदों में ईडब्ल्यूएस को निकाल कर दोबारा से विज्ञापन निकाला जाये।
दरअसल, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में बैकलॉग के 320 पदों पर डॉक्टरों की भर्ती के लिए 1 दिसंबर 2023 को विज्ञापन निकाला गया था। इसमें ईडब्ल्यूएस के 17 पदों को भी शामिल किया गया। इसमें प्रोफेसर, एसोशिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर करीब 800 उम्मीदवार हैं। आवेदन की स्क्रीनिंग 31 जनवरी तक पूरी होने की उम्मीद है। समिति का आरोप है डॉक्टरों की भर्ती में आरक्षण की अनदेखी की गई है।
डॉ. अंबेडकर समाजोत्थान समिति की ओर से 24 जनवरी को डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान के निदेशक को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग को पत्र लिखकर शिकायत की गई थी। समिति के सदस्य संतराम प्रेमी ने शिकायत में कहा है कि बैकलॉग की भर्ती में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को ही शामिल किया जा सकता है। ऐसा न करना सरकार के शासनादेशों का उल्लंघन है। इस पर आयोग ने संस्थान प्रशासन को नोटिस देकर जवाब मांगा है।
डॉ. अम्बेडकर समाजोत्थान समिति की शिकायत के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग ने जांच शुरू कर दी है। साथ ही डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान प्रशासन को पत्र लिखकर बैकलॉग की भर्ती मामले में अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। आयोग ने इसके लिए संस्थान को 15 दिन का समय दिया है।
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