जयपुर: हॉस्पिटल और इंजेक्शन से बच्चों का 36 का आंकड़ा रहता है। लेकिन कल्पना कीजिए किसी हॉस्पिटल में बच्चों के लिए ऐसे इन्नोवेशन किये गए हो- रंग बिरंगी दीवारें, खेलने को खिलौने हो और स्टाफ डांटने की बजाय पुचकारे दुलारे कि बातों बातों में कब इंजेक्शन लग जाये ये बच्चे को मालूम ही ना पड़े तो कितना अच्छा हो। राजस्थान के उदयपुर शहर में ये कल्पना साकार हो उठी है।
बर्नार्ड वेन लीयर फाउंडेशन के सहयोग तथा इकली साउथ एशिया एवं इकोरस इंडिया की तकनीकी साझेदारी में संचालित अर्बन 95 प्रोग्राम के तहत शहर के सेक्टर 11 स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में विभिन्न नवाचारों का उद्घाटन शनिवार को जिला चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शंकर बामनिया एवं नगर निगम उपायुक्त रागिनी डामोर के हाथों हुआ।
बच्चों के लिए होने चाहिए डेडिकेटेड ज़ोन
जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बामनिया ने निगम और बर्नार्ड वेन लीयर फाउंडेशन के प्रयासों को सराहते हुए द मूकनायक से कहा कि अर्बन95 एक अच्छी पहल है, जहाँ शहर को बच्चों के नज़रिए से तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आते समय छोटे बच्चों में एक अनजाना डर होता है। इस डर के चलते बच्चे इन स्थानों पर अधिक समय नहीं बिता पाते या उपलब्ध सेवाओं का लाभ नहीं ले पाते। ऐसे में बच्चों के नज़रिए से डिजाइन किये गए इन स्थानों से निश्चित ही उनका भय ख़त्म होगा और वे तथा उनके अभिभावक इन सेवाओं का अच्छे से लाभ ले पाएंगे। केन्द्रों में बच्चों के लिए डेडिकेटेड ज़ोन बनाना एक अच्छा प्रयास है.
उन्होंने कहा कि इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को चाइल्ड फ्रेंडली बनाने के बाद यहाँ के अनुभवों को चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी लागू करवाने के प्रयास किये जायेंगे।
बच्चे हमउम्रों के साथ बिताए समय
द मूकनायक से चर्चा करते हुए निगम उपायुक्त रागिनी डामोर ने कहा कि बच्चों से जुड़े स्थानों को अगर बच्चों की रूचि के अनुसार तैयार किया जाए तो वे ज़रूर वहां जाना पसंद करेंगे, इसी थीम को ध्यान में रखते हुए निगम द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, पार्क आदि को तैयार किया जा रहा है, ताकि बच्चे अपने अभिभावकों के साथ घर से बाहर समय बिता सके। भविष्य में अर्बन95 के अंतर्गत शहर के अन्य अस्पतालों, आंगनवाडी केन्द्रों और पार्कों को भी इसी नज़रिए से विकसित किया जायेगा, ताकि बच्चे मोबाइल फोन और टीवी छोड़कर बाहर अपने हमउम्र बच्चों के साथ समय बिता सके।
बच्चों की नज़र से देखोगे तो शहर बनेगा सेफ
बर्नार्ड वेन लीयर फाउंडेशन की इण्डिया प्रतिनिधि रुश्दा मजीद ने कहा कि किसी शहर को सुरक्षित बनाना है तो उसे बच्चों की नज़र से देखना आवश्यक है। निगम और बीवीएलएफ का यह प्रयास सराहनीय है, जहाँ छोटे बच्चों के लिए इस प्रकार के आयोजन किये जा रहे हैं। अर्बन95 एक वैश्विक प्रयास है, जो दुनिया को बच्चों के लिए सहज, सुन्दर और सुरक्षित बना रही है। इस से पूर्व अर्बन95 के परियोजना प्रबंधक अमित उपाध्याय ने कहा कि शहर को बच्चों के लिए बेहतर बनाने के लिए आज के परिप्रेक्ष्य में आधुनिक तकनीकों और प्रक्रियाओं का उपयोग करते हुए फोकस्ड अप्रोच के साथ आगे बढ़ना होगा ताकि उसके दूरगामी परिणाम हासिल हो सके। उन्होंने स्थान चयन में समुदाय सहभागिता की भी पैरवी की।
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