कोविशील्ड के बाद कोवैक्सीन के दुष्प्रभाव: अध्ययन में वैक्सीन लगवाने वाले 50 फीसदी लोगों में सांस संबंधी संक्रमण

बीएचयू के शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा किये गए एक साल के अध्ययन में दावा किया गया है कि 50 प्रतिशत लोगों ने शिकायत किया है कि कोवैक्सीन लगवाने के बाद उन्हें सांस संबंधी संक्रमण का सामना करना पड़ा. अध्ययन में यह भी दावा किया जा रहा है कि टीका लगवाने वालों को त्वचा और तंत्रिका तंत्र से सम्बंधित बीमारियों का सामना करना पड़ा, जिसमें खासकर किशोरों को यह समस्याएं हुई हैं.
कोविशील्ड के बाद कोवैक्सीन के दुष्प्रभाव
कोविशील्ड के बाद कोवैक्सीन के दुष्प्रभाव
Published on

उत्तर प्रदेश। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा किए गए एक साल के अध्ययन में दावा किया गया कि भारत बायोटेक के कोविडरोधी टीके 'कोवैक्सीन' लगवाने वाले लगभग एक- तिहाई व्यक्तियों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शोधकर्ताओं ने इन स्वास्थ्य समस्याओं को 'विशेष रुचि वाली प्रतिकूल घटनाओं' या AESI की संज्ञा दी है।

अध्ययन में भाग लेने वाले 926 प्रतिभागियों में से लगभग 50 प्रतिशत लोगों ने शिकायत की है कि उन्हें कौवैक्सीन लगवाने के बाद श्वास संबंधी संक्रमण का सामना करना पड़ा है। यह संक्रमण उनके श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से में हुआ। अध्ययन में दावा किया गया कि कोवैक्सीन लगवाने वाले एक फीसद व्यक्तियों ने एईएसआइ की शिकायत की, जिसमें मस्तिष्काघात एवं गिलियन-बर्र सिंड्रोम से ग्रस्ति हुए।

इस सिंड्रोम में लोगों के पैरों का सुन्न होना शुरू होता है तथा यह लक्षण शरीर के अन्य अंगों में फैलने लगता है।

पत्रिका स्प्रिंगर नेचर में प्रकाशित यह अध्ययन ब्रिटेन की फार्मास्युटिकल दिग्गज एस्ट्राजेनेका द्वारा ब्रिटेन की अदालत में यह स्वीकार करने के बाद सामने आया है कि कोविशील्ड से खून के थक्के जम सकते हैं और प्लेटलेट काउंट कम हो सकते हैं। 

बीएचयू के शोधकर्ताओं द्वारा जनवरी 2022 से अगस्त 2023 तक किए गए अध्ययन में बताया गया कि कोवैक्सीन लगवाने के बाद लगभग एक तिहाई व्यक्तियों ने एईएसआइ की शिकायत की, जिसमें उन्हें त्वचा से संबंधित बीमारी, सामान्य विकार और तंत्रिका तंत्र से संबंधित बीमारियों का सामना करना पड़ा। खासकर किशोरों को ये समस्याएं हुई।

शोध में 635 किशोर और 391 वयस्क शामिल थे। इन सभी लोगों को टीका लगवाने के एक साल बाद की जांच के लिए संपर्क किया गया था। अध्ययन के मुताबिक, 10.5 फीसद किशोरों की त्वचा से संबंधित बीमारियां, 10.2 फीसद को सामान्य बीमारियां, 4.7 फीसद तंत्रिका तंत्र से संबंधित बीमारियों से ग्रस्त हुए।

अध्ययन में यह भी दावा किया गया कि कोवैक्सीन लगवाने के बाद 4.6 प्रतिशत महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी असामान्यताएं देखी गई।

इसमें यह भी बताया गया कि चार व्यस्कों (तीन महिला और एक पुरुष) की भी मौत हुई। इन चारों को मधुमेह था, जबकि तीन को उच्च रक्तचाप था और उनमें से दो लोगों ने कोवैक्सीन टीका लगवाया हुआ था।

वैक्सीन को लेकर चिंताएं बढ़ी 

जाहिर है कि कोविड वैक्सीन “कोविशील्ड” के हाल ही में खुलासे के बाद लोगों में वैक्सीन को लेकर चिंताएं बढ़ गईं हैं. इस साल फरवरी महीने में यूके हाईकोर्ट के समक्ष कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली AstraZeneca ने वैक्सीन के साइड इफेक्टस के आरोपों को स्वीकार किया था. एस्ट्राजेनेका ने यूके हाईकोर्ट में कबूल किया कि कोविड-19 वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम से शरीर में खून के थक्के जमने (Blood Clot) लगते हैं या बॉडी में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं. बॉडी में ब्लड क्लॉट की वजह से ब्रेन स्ट्रोक की भी आशंकाएं बढ़ सकती हैं.

कोविशील्ड के बाद कोवैक्सीन के दुष्प्रभाव
दक्षिण एशिया में पिछले साल सबसे ज्यादा 97 फीसद विस्थापन अकेले मणिपुर से हुआ: आइडीएमसी रिपोर्ट
कोविशील्ड के बाद कोवैक्सीन के दुष्प्रभाव
Environment: उत्तर भारत में धूलभरी आंधी के साथ बारिश के आसार, जानिए मौसमी आपदाओं की पूर्व घटनाएं और बचाव के उपाय!
कोविशील्ड के बाद कोवैक्सीन के दुष्प्रभाव
आंध्र प्रदेश: हर प्राइमरी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम शिक्षा लागू करने वाले सीएम पर अमित शाह ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, क्या है हकीकत?

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com