MP: ग्वालियर में 31 नर्सिंग होम और अस्पतालों का पंजीयन रद्द, किन कारणों से हुई कार्रवाई?

कार्रवाई के पीछे का मुख्य उद्देश्य स्पष्ट किया कि ऐसे नर्सिंग होम और अस्पताल, जो मानकों के अनुरूप नहीं हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई आवश्यक थी। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में इस तरह के निरीक्षण और सख्त कार्रवाई जारी रहेगी, जिससे चिकित्सा सुविधाओं में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
MP: ग्वालियर में 31 नर्सिंग होम और अस्पतालों का पंजीयन रद्द, किन कारणों से हुई कार्रवाई?
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भोपाल। ग्वालियर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. आरके राजौरिया ने शनिवार को 31 नर्सिंग होम और अस्पतालों का पंजीयन निरस्त कर दिया। यह कार्रवाई पंजीयन के नवीनीकरण नहीं कराने, निरीक्षण में अनियमितताएं पाए जाने और कुछ अस्पतालों के संचालकों द्वारा स्वयं के आवेदन पर की गई है।

सीएमएचओ डॉ. राजौरिया के अनुसार, 24 नर्सिंग होम और अस्पतालों का पंजीयन नवीनीकरण नहीं कराने और निरीक्षण में अनियमितताएं पाए जाने के कारण निरस्त किया गया है। वहीं, 2 नर्सिंग होम और अस्पतालों के निरीक्षण में गंभीर कमियां पाए जाने पर पंजीयन रद्द करने की कार्रवाई की गई है। इसके अतिरिक्त, 5 नर्सिंग होम और अस्पतालों के संचालकों ने स्वयं अपने अस्पतालों को बंद कराने के लिए आवेदन दिया था, जिसे स्वीकार करते हुए उनके पंजीयन को भी निरस्त कर दिया गया।

पांच नर्सिंग होम और अस्पताल जिन्होंने स्वयं के आवेदन पर अपने पंजीयन को निरस्त कराया है, उनमें वंदे मातरम सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (गांव बरौआ), आदित्य हॉस्पिटल (एबी रोड रायरू बरौआ), आरएचएफपीसी प्रजनन यौन स्वास्थ्य और बाल स्वास्थ्य देखभाल केंद्र, मां कैला देवी हॉस्पिटल और एसएसटी हॉस्पिटल शामिल हैं।

जिन अस्पतालों में निरीक्षण के दौरान गंभीर कमियां पाई गईं, उनमें अष्टविनायक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, लॉर्ड अस्पताल और अनुसंधान केंद्र शामिल हैं। इन अस्पतालों के पंजीयन को भी निरस्त कर दिया गया है।

इन अस्पतालों के पंजीयन रद्द

निरस्त किए गए अस्पतालों और नर्सिंग होम की सूची में एलिस मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर, एएस मल्टीस्पेशलिटी क्लिनिक और अस्पताल, आशी चिल्ड्रेन अस्पताल, बिबेकर अस्पताल ग्वालियर, चिराग अस्पताल, द्रश्य सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, हारे का सहारा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, जय बालाजी अस्पताल, जय भारत अस्पताल, जय ग्लोबल अस्पताल, जीवन आशा अस्पताल, महामृत्युंजय मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, मदर टेरेसा अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, न्यू सुंदरम अस्पताल, परिधि अस्पताल और केयर, पीपुल्स चैरिटेबल अस्पताल, आरएचएफपीसी प्रजनन यौन स्वास्थ्य और बाल स्वास्थ्य देखभाल केंद्र, रियान एस मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, सहारा अस्पताल (ए यूनिट क्रियंजीव अस्पताल सेवा प्राइवेट लिमिटेड), संतरो मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, शांति नेत्रालय, श्री राम सिंह धाकरे मेमोरियल मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, श्री शिवाय अस्पताल और एसएमजीएस मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल शामिल हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं पर होगा असर

इस बड़े पैमाने पर की गई कार्रवाई से जिले में निजी स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ने की संभावना है। कई अस्पतालों के बंद हो जाने से मरीजों को अब वैकल्पिक स्वास्थ्य सुविधाएं ढूंढनी होंगी। सीएमएचओ ने इस कार्रवाई के पीछे का मुख्य उद्देश्य स्पष्ट किया कि ऐसे नर्सिंग होम और अस्पताल, जो मानकों के अनुरूप नहीं हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई आवश्यक थी। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में इस तरह के निरीक्षण और सख्त कार्रवाई जारी रहेगी, जिससे चिकित्सा सुविधाओं में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

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