यूपी: नोएडा के जिला अस्पताल में दो दिन भटकता रहा मरीज, सीएमएस ने नहीं की मदद!

दो बार ऑपेरशन थिएटर में ले जाने के बावजूद नहीं किया आपरेशन.
जिला संयुक्त चिकित्सालय.
जिला संयुक्त चिकित्सालय.तस्वीर- द मूकनायक
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गौतमबुद्ध नगर। यूपी के गौतमबुद्ध नगर सेक्टर- 39 में मौजूद जिला अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था की गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। एक मरीज़ को ऑपरेशन के लिए ऑपरेशन थिएटर (ओटी) में ले जाया गया, वो भी लगातार दो दिन,लेकिन दोनों ही दिन डॉक्टर वहां नहीं पहुंचे। डॉक्टर अचानक छुट्टी पर चले गए, जिसके कारण मरीज़ को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मरीज के तीमारदार ने पूरे मामले की शिकायत सीएमएस से भी की, लेकिन सीएमएस ने भी इस मामले में कोई सख्त कदम नहीं उठाया।

यूपी के नोयडा में रहने वाले शिवा तिवारी हार्निया की बिमारी से जूझ रहे हैं। उनकी पत्नी महविश ने द मूकनायक को बताया-'मेरे पति का पूरा इलाज नोएडा के सेक्टर 39 में मौजूद डिस्ट्रिक्ट कम्बाइंड हॉस्पिटल से चल रहा था। जांच पूरी हो गई थी। मेरे पति का ऑपरेशन 20 मई को होना था। हमें सुबह 9 बजे बुलाया गया था। डॉक्टर ने उन्हें 17 मई को भर्ती होने के लिए कहा और मेरे पति के फ़ाइल में लिखा कि सोमवार 20 मई को उनका आपरेशन किया जाएगा। जब हम अपनी फ़ाइल लेकर आपरेशन स्टाफ़ के पास पहुंचे तो उन्होंने सलाह दी कि ऑपेरशन 20 मई को होना है, इसलिए वो रविवार की रात में आकर भर्ती हो जाएं।"

महविश आगे बताती हैं-'मेरे पति रविवार रात 8 बजे अस्पताल में भर्ती हो गए। डॉक्टर के निर्देश पर मेरे पति ने ऑपरेशन से 12-13 घंटे पहले खाना और पानी छोड़ दिया। 20 मई की सुबह जब वह हाथ में कैनुला लगवाकर और पेशेंट यूनिफ़ॉर्म पहनकर ऑपरेशन थियेटर में पहुंचे, तो वहां मौजूद डॉक्टर ने उनका ऑपरेशन करने से मना कर दिया, उनका कहना था कि यह केस उनका नहीं है किसी दूसरे डॉक्टर का है, जिसने उन्हें भर्ती होने के लिए कहा है, इसलिए वह यह ऑपरेशन नहीं करेंगे।"

डॉक्टर के छुट्टी पर होने की बात सुनने के बाद मरीज़ ने ऑपेरशन थिएटर में मौजूद डॉक्टर से गुहार लगाई कि उनकी ग़ैर-हाज़िरी में वह उनका ऑपरेशन कर दें, क्योंकि उन्होंने ऑफिस से छुट्टी ली है और उन्हें परेशानी हो सकती है,लेकिन वहां कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद नर्सिंग स्टाफ़ ने मरीज़ को बताया कि डॉक्टर ने उन्हें अगले दिन, मंगलवार (21 मई 2024) को ऑपेरशन करने की सूचना दी।

नियमानुसार,ऑपेरशन से 12-13 घण्टे पहले मरीज़ ने कुछ नहीं खाया-पिया। एक बार फिर मरीज़ के हाथ में कैनुला लगाकर उन्हें ऑपरेशन के लिए तैयार कर दिया गया, लेकिन आज फिर डॉक्टर नहीं आए। इस बार उन्होंने घर में कोई इमरजेंसी होने की बात कही और नर्सिंग स्टाफ़ को यह सूचित करने के लिए कहा कि वह एक हफ्ते तक छुट्टी पर हैं और अगले हफ़्ते ऑपरेशन करेंगे।

डाक्टरों की इस लापरवाही से मरीज़ और उनकी पत्नी बहुत ज़्यादा परेशान हो गए और उन्हें समझ नहीं आया कि क्या किया जाए, क्योंकि दोनों ही पति-पत्नी नौकरी पेशा है और इस ऑपरेशन के लिए उन्होंने अलग से छुट्टी ली थी। इस वजह से उन्होंने वहां मौजूद दूसरे सर्जन से दोबारा गुहार लगाई कि वह ऑपरेशन कर दें, लेकिन पहले दिन की तरह ही उन्होंने एक बार फिर मरीज़ और उनकी पत्नी के साथ अभद्र व्यवहार किया और ऑपरेशन करने से साफ़ मना कर दिया।

सीएमस ने भी नहीं की मदद

इस मामले में पीड़ित ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) से भी शिकायत की। आरोप है कि सीएमएस ने भी इस मामले में उनकी कोई सहायता नहीं की। जब मरीज़ और उनकी पत्नी अपनी परेशानी लेकर उनके पास पहुंचे, तो उन्होंने मरीज़ से लिखित में शिकायत देने के लिए कहा, जिसके बाद उन्होंने ऑपरेशन के लिए एक नई तारीख देते हुए शनिवार को आने के लिए कहा। इसके बाद मरीज़ और उनकी पत्नी ने अपनी परेशानी के बारे में बताते हुए दूसरे सर्जन से ऑपरेशन करवाने की बात कही, तब सीएमएस ने दोनों लोगों को अपने कक्ष से बाहर निकल जाने के लिए कहा। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि हम इन सब मामलों को नहीं जानते, आप और आपका डॉक्टर जानें, उन्होंने कहा कि अगर आपको ज़्यादा परेशानी है, तो आप शनिवार को दोबारा भर्ती हो जाएं और फिर आगे नियम अनुसार आपका ऑपरेशन करवा दिया जाएगा।

आरोप है कि सीएमएस ने इस बात पर कोई संज्ञान नहीं लिया कि मरीज़ को लगातार 2 दिन तक ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया, किंतु आपरेशन नहीं किया गया। जिस वजह से उन्हें और उनकी पत्नी को मानसिक और शारीरिक पीड़ा सहनी पड़ी। इस घटना ने ज़िला अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मरीज़ और उनकी पत्नी ने उच्च अधिकारियों से इस मामले की जांच की मांग की है और दोषी डॉक्टरों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की अपील की है।

मरीज़ की पत्नी ने कहा कि इस तरह की लापरवाही और असंवेदनशील व्यवहार से न सिर्फ़ मरीज़ की जान ख़तरे में पड़ती है, बल्कि अस्पताल की साख पर भी बट्टा लगता है, उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख़्त नियम और निगरानी की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में किसी और को इस तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

इस मामले में द मूकनायक को जिला चिकित्सा अधिकारी डाक्टर सुनील शर्मा ने बताया- डीसीएच (डिस्ट्रिक्ट कम्बाइन अस्पताल) की अधीक्षिका डाक्टर रेनू अग्रवाल हैं। पूरे मामले में उन्हें निर्देशित किया जाएगा।'

जिला संयुक्त चिकित्सालय.
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