उत्तर प्रदेश। यूपी की राजधानी लखनऊ सहित बुलंदशहर में डाक्टरों की लापरवाही के मामले सामने आए हैं। लखनऊ के रहीमाबाद के अशोका हॉस्पिटल में ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में कॉटन (रूई) छोड़ने के आरोप में पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर अस्पताल के डॉक्टर समेत छह के खिलाफ मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि अस्पताल की लापरवाही से मरीज की हालात खराब हो गई। वहीं बुलंदशहर के जहांगीराबाद के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान गंभीर लापरवाही बरतने से महिला की जान जाते-जाते बची। परिजनों ने अस्पताल स्टॉफ पर लापरवाही बरतने पर कार्रवाई करने के लिए डीएम और एसएसपी को पत्र दिया है। फिलहाल, महिला का मेरठ में उपचार चल रहा है।
क्या हैं दोनों मामले?
एफआईआर के मुताबिक, लखनऊ के रहीमाबाद भतोइया खुशहालपुर निवासी राकेश कुमार की पत्नी पिंकी की तबीयत खराब होने पर अशोका हॉस्पिटल में डॉ. मो. राशिद को दिखाया। डॉ. अशोक के कहने पर 26 नवंबर 2022 को पत्नी को भर्ती करा दिया। 28 नवंबर को डॉ. मो. राशिद, डॉ. रोहित सिंह सोनकर, डॉ. अजय वीर सिंह, डॉ. सुधाकर सिंह ने ऑपरेशन कर 5 दिसंबर 2022 को डिस्चार्ज कर दिया। ऑपरेशन के कुछ दिन बाद पत्नी पिंकी के टांके पकने लगे और असहनीय दर्द होने लगा। इस बार डॉ. अशोक ने 17 दिसंबर को दोबारा भर्ती कर लिया, लेकिन पिंकी की सेहत नहीं सुधरी। इस बीच डॉ. अशोक आदि से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन किसी ने मुलाकात नहीं की। ऐसे में मजबूरन 21 दिसंबर को डिस्चार्ज कराकर ले गया। 30 मई 2023 को केजीएमयू सर्जरी विभाग में दिखाने पर यहां सीटी स्कैन जांच में पता चला कि ऑपरेशन के दौरान पेट में कुछ छूट गया। दुबग्गा के एरा मेडिकल कॉलेज में 23 जुलाई 2023 को ऑपरेशन कराया तो पेट में कॉटन छूटने, पस बनने और संक्रमण फैलने की बात डॉक्टरों ने बताई। राकेश के मुताबिक, कई बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया तो कोर्ट में अपील दाखिल की। कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया।
बुलन्दशहर में ऑपरेशन के दौरान बच्चे की मौत, गलत टाँके लगाने से स्थिति गंभीर हुई
बुलन्दशहर के सराय छबीला गाँव के रहने वाले चमन सिंह ने बताया कि बहन दया की शादी जहांगीराबाद नगर निवासी छोटू (पुत्र मदन सिंह) के साथ हुई। बहन को प्रसव पीड़ा होने पर 10 जनवरी को जहांगीराबाद के अहार बाईपास रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां हॉस्पिटल संचालक ने ऑपरेशन से प्रसव कराने की बात कही। ऑपरेशन से प्रसव के दौरान मृत बच्चा पैदा हुआ। इसके बाद 14 जनवरी तक बहन अस्पताल में भर्ती रही। इसके बाद उसके पेट में दर्द रहने की समस्या बताएं जाने के बाद भी हालात सही बता डिस्चार्ज कर घर भेज दिया। दर्द बंद न होने पर बुलंदशहर के दो निजी अस्पताल में दिखाया तो उन्होंने हालत गंभीर बता मेरठ ले जाने की सलाह दी। बताया कि मेरठ के एक अस्पताल में गलत ऑपरेशन करने व गलत तरीके से टांके लगाने की बात कही। जिसकी वजह से उसके पेट में इंफेक्शन होने से पस पड़ गया। दोबारा ऑपरेशन करने पर बहन को वेंटीलेटर पर भर्ती करने पर जान बची। बहन के जीवन से खिलवाड़ करने वाले हॉस्पिटल संचालक व स्टॉफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए डीएम और एसएसपी को पत्र सौंपकर मांग की है।
इस मामले में सीएमओ बुलंदशहर डॉ.विनय कुमार सिंह ने ‘द मूकनायक’ को बताया कि मामला संज्ञान में आया है। इसके लिए एसीएमओ को जांच करने के निर्देश दिए हैं। जल्द ही मामले की जांच कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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