MP: राजधानी में डेंगू से पहली मौत, और मामले बढ़ने की संभावना!

मंगलवार को शहर में डेंगू के 3 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिसके बाद शहर में डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 188 हो गई है। भोपाल में डेंगू के मामलों की बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है।
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भोपाल। राजधानी में डेंगू का कहर बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को शहर में 35 साल के एक युवक की डेंगू से संदिग्ध मौत होने का मामला सामने आया। यह इस सीजन की डेंगू से पहली मौत बताई जा रही है, हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इसे संदिग्ध मौत माना है क्योंकि मृतक का डेंगू टेस्ट रेपिड पद्धति से किया गया था, जबकि विभाग एलाइजा पद्धति से ही जांच को मान्यता देता है।

डॉक्टरों के अनुसार, मौसम में हो रहे बदलाव डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के लिए अनुकूल वातावरण बना रहे हैं, जिससे इस बीमारी के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं। ऐसे में लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

डेंगू के नए मामले

मंगलवार को शहर में डेंगू के 3 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिसके बाद शहर में डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 188 हो गई है। भोपाल में डेंगू के मामलों की बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है। विभाग की ओर से डेंगू के मामलों की जांच में तेजी लाई जा रही है, और संदिग्ध मरीजों की एलाइजा पद्धति से जांच कराई जा रही है।

डेंगू से एक संदिग्ध मौत!

जानकारी के अनुसार, मृतक युवक को बुखार होने पर उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। दो दिन के उपचार के बाद भी उसकी सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ, जबकि उसकी प्लेटलेट्स की संख्या लगातार गिरती रही। रविवार देर रात युवक की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि सितंबर माह में डेंगू के मामले ज्यादा सामने आते हैं और इसके लिए जांच की संख्या बढ़ाई जा रही है। उन्होंने बताया कि इलाज के सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए टीमों को तैयार रखा गया है।

डेंगू क्या है?

डेंगू एक वायरल बीमारी है, जो डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है। इसे मादा एडीज एजिप्टी मच्छर फैलाता है, जो दिन के समय सक्रिय रहता है और साफ पानी में प्रजनन करता है। डेंगू बुखार अचानक शुरू होता है और इसमें उच्च बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, मतली, उल्टी, और त्वचा पर लाल धब्बे (रैशेज) हो सकते हैं। गंभीर मामलों में, यह बीमारी डेंगू हेमोरेजिक फीवर (डीएचएफ) या डेंगू शॉक सिंड्रोम (डीएसएस) का रूप ले सकती है, जो जीवन के लिए खतरा बन सकता है।

डेंगू का सही समय पर पता लगाना और उचित उपचार बहुत महत्वपूर्ण होता है, खासकर जब प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से गिरती है। इसके लिए एलाइजा टेस्ट का उपयोग किया जाता है, जो डेंगू संक्रमण की पुष्टि करने के लिए अधिक सटीक माना जाता है।

जानिए बचाव के उपाय?

डेंगू से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:-

  • घर और आस-पास के क्षेत्रों में पानी जमा न होने दें, क्योंकि डेंगू फैलाने वाले मच्छर साफ पानी में पनपते हैं।

  • कूलर, गमले, और अन्य स्थानों में पानी की नियमित सफाई करें।

  • मच्छरदानी का उपयोग करें और मच्छरों को दूर रखने के लिए शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।

  • मच्छर भगाने वाले क्रीम और स्प्रे का उपयोग करें।

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के बुखार को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डेंगू से बचाव के लिए व्यक्तिगत सतर्कता और स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी है।

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