MP: नगरीय निकायों में भ्रष्टाचार के कारण डेंगू फैलने का आरोप, हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इस वर्ष वायरस के मजबूत वेरिएंट के कारण राज्य में डेंगू से मौतों की संख्या बढ़ रही है। याचिका में बताया गया कि यह बढ़ती मौतें नगरीय निकायों की लापरवाही का परिणाम हैं, जिन्होंने डेंगू के खिलाफ उचित कदम नहीं उठाए।
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भोपाल। मध्य प्रदेश में डेंगू तेजी से फैल रहा है और राज्य के कई हिस्सों में इसका प्रकोप गहराता जा रहा है। इस बढ़ती समस्या पर काबू पाने में नगरीय निकायों की कथित लापरवाही को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि नगर निगम और अन्य नगरीय निकाय उचित कदम उठाने में विफल रहे हैं, जिसके कारण डेंगू राज्यभर में गंभीर समस्या बनता जा रहा है।

मंगलवार को इस जनहित याचिका पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने प्रारंभिक सुनवाई की। अदालत ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, भोपाल और जबलपुर नगर निगम आयुक्तों को नोटिस जारी कर 10 दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को निर्धारित की गई है, जब अदालत नगरीय निकायों द्वारा उठाए गए कदमों और उनकी प्रभावशीलता पर विचार करेगी।

अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की भीड़

याचिका में प्रस्तुत दलीलों के अनुसार, डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, जिससे राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों में भीड़ बढ़ गई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आदित्य संघी ने अदालत के समक्ष दलील दी कि जबलपुर में 10 सितंबर को ही सरकारी और निजी अस्पताल डेंगू मरीजों से भरे हुए थे। यह स्थिति मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में भी देखने को मिल रही है, जहां अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा रही है और मरीजों को पर्याप्त देखभाल नहीं मिल पा रही है।

डेंगू के खतरनाक वेरिएंट से बढ़ी मौतें

इस बार का डेंगू वायरस विशेष रूप से खतरनाक साबित हो रहा है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इस वर्ष वायरस के मजबूत वेरिएंट के कारण राज्य में डेंगू से मौतों की संख्या बढ़ रही है। याचिका में बताया गया कि यह बढ़ती मौतें नगरीय निकायों की लापरवाही का परिणाम हैं, जिन्होंने डेंगू के खिलाफ उचित कदम नहीं उठाए। याचिका के अनुसार, नगर निगमों द्वारा फॉगिंग मशीनों का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है और जहां-तहां गंदगी फैली हुई है, जो मच्छरों के पनपने का कारण बन रही है।

याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि मध्य प्रदेश के नगर निगमों में भ्रष्टाचार व्याप्त है, जिसके कारण डेंगू के रोकथाम के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। नगर निगमों द्वारा स्वच्छता अभियान, मच्छरों के नियंत्रण के लिए फॉगिंग और कीटनाशक छिड़काव जैसे कार्यों में अनदेखी हो रही है। याचिका के अनुसार, नगर निगमों द्वारा फॉगिंग मशीनों का उपयोग बहुत कम हो रहा है और जहां हो रहा है, वहां उचित कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। इसके कारण डेंगू का प्रकोप कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है।

याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई कि डेंगू की रोकथाम के लिए तत्काल प्रभाव से कड़े कदम उठाए जाएं और नगर निगमों को जवाबदेह बनाया जाए ताकि वे स्वच्छता बनाए रखने और मच्छरों के नियंत्रण के लिए उचित कार्रवाई कर सकें। याचिका में यह भी मांग की गई है कि हाई कोर्ट नगर निगमों की कार्यप्रणाली की निगरानी करे और सुनिश्चित करे कि डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी पर काबू पाने के लिए जरूरी उपाय अपनाए जाएं।

राज्य में डेंगू की स्थिति

मध्य प्रदेश में डेंगू का प्रकोप इस वर्ष विशेष रूप से चिंताजनक स्थिति में है। राज्य के विभिन्न जिलों से डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। डेंगू के कारण लोगों की जान जाने के मामलों ने स्वास्थ्य सेवाओं की विफलताओं को उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि राज्य सरकार और नगरीय निकाय समय रहते आवश्यक कदम उठाएं तो इस गंभीर स्थिति को रोका जा सकता है। लेकिन नगर निगमों की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण डेंगू नियंत्रित नहीं हो पा रहा है।

डेंगू क्या है?

डेंगू एक वायरल बीमारी है, जो डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है। इसे मादा एडीज एजिप्टी मच्छर फैलाता है, जो दिन के समय सक्रिय रहता है और साफ पानी में प्रजनन करता है। डेंगू बुखार अचानक शुरू होता है और इसमें उच्च बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, मतली, उल्टी, और त्वचा पर लाल धब्बे (रैशेज) हो सकते हैं। गंभीर मामलों में, यह बीमारी डेंगू हेमोरेजिक फीवर (डीएचएफ) या डेंगू शॉक सिंड्रोम (डीएसएस) का रूप ले सकती है, जो जीवन के लिए खतरा बन सकता है।

डेंगू का सही समय पर पता लगाना और उचित उपचार बहुत महत्वपूर्ण होता है, खासकर जब प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से गिरती है। इसके लिए एलाइजा टेस्ट का उपयोग किया जाता है, जो डेंगू संक्रमण की पुष्टि करने के लिए अधिक सटीक माना जाता है।

जानिए बचाव के उपाय?

डेंगू से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:

  • घर और आस-पास के क्षेत्रों में पानी जमा न होने दें, क्योंकि डेंगू फैलाने वाले मच्छर साफ पानी में पनपते हैं।

  • कूलर, गमले, और अन्य स्थानों में पानी की नियमित सफाई करें।

  • मच्छरदानी का उपयोग करें और मच्छरों को दूर रखने के लिए शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।

  • मच्छर भगाने वाले क्रीम और स्प्रे का उपयोग करें।

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के बुखार को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डेंगू से बचाव के लिए व्यक्तिगत सतर्कता और स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी है।

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