भोपाल। मध्य प्रदेश में कैंसर रोगियों के आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी है। कैंसर से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही ही। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (एनसीआरपी) की रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में हरसाल करीब 40 हजार कैंसर पीड़ित सामने आ रहे हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में कुल 42 हजार 966 मामले थे। 2021 में 44 हजार 56 और 2022 में 45 हजार 176 लोग इस बीमारी से पीड़ित हुए हैं। यानि औसतन 40 हजार मरीज हर साल में दर्ज किए गए।
एनसीआरपी की ओर से 2016 के बाद की विस्तृत रिपोर्ट इसी वर्ष जारी होने वाली है, जिसमें पता चलेगा कि महिलाओं और पुरुषों में कौन सा कैंसर बढ़ा-घटा है। 2020 में जारी 2012 से 2016 तक की रिपोर्ट में प्रदेश में पुरुषों में सर्वाधिक मामले मुंह के और महिलाओं में स्तन कैंसर के थे।
ज्यादातर पुरुषों में मुंह के कैंसर के मामले सामने आए हैं। डॉक्टर मुंह के कैंसर के अधिक रोगी होने का बड़ा कारण खाने वाले तंबाकू का प्रदेश में अधिक उपयोग मानते हैं। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और सागर मेडिकल कालेज में आइसीएमआर की ओर से कैंसर रजिस्ट्री की जा रही है। यहां कैंसर का उपचार करने वाले अस्पतालों से रोगियों के आंकड़े एकत्र किए जाते हैंं। इसके आधार पर पूरे प्रदेश में रोगियों की अनुमानित संख्या निर्धारित फार्मूला से निकाली जाती है।
एनसीआरपी 2020 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में कैंसर के कुल रोगियों में सर्वाधिक 29.2 प्रतिशत 65 से 74 वर्ष के थे। इसके बाद दूसरा बड़ा हिस्सा 55 से 64 वर्ष वालों का 21.7 प्रतिशत था। 45 से 54 वर्ष की आयु वाले 20.7 और 35 से 44 वर्ष वाले 14.4 प्रतिशत थे।
डॉक्टर्स के मुताबिक तंबाकू चबाने से मुंह के कैंसर का खतरा अधिक होता है, यह एक तरह का कैंसर है, जो आपके मुंह के अंदर विकसित होता है। वास्तव में, मुंह के कैंसर से पीड़ित होने वाले ज़्यादातर लोग तंबाकू का सेवन करने वाले होते हैं।
जब तंबाकू चबाने से मुंह का कैंसर पहली बार विकसित होता है, तो यह आमतौर पर एक छोटा लाल या सफेद धब्बा होता है जो ठीक नहीं होता है। जबड़े में अकड़न और सूजन एक और शुरुआती संकेत है।
यदि आप चबाने वाले तम्बाकू का सेवन करते हैं और आपको मुहँ के कैंसर के कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है। समय पर उपचार से कैंसर को फैलने से रोका जा सकता है।
कैंसर शरीर की कोशिकाओं की बीमारी है। यह तब होता है जब कोशिकाएँ अनियंत्रित तरीके से बढ़ती हैं।कैंसर कोशिकाएँ ट्यूमर बना सकती हैं और आस-पास के स्वस्थ ऊतकों पर आक्रमण करके उन्हें नष्ट कर सकती हैं।
कभी-कभी असामान्य रूप से बढ़ने वाली कोशिकाएँ फैलती नहीं हैं। इन कोशिकाओं को 'सौम्य' या गैर-खतरनाक कहा जाता है।
कुछ कोशिकाएँ आस-पास के क्षेत्रों या शरीर के अन्य भागों में फैलती हैं या फैलने में सक्षम होती हैं। इन कोशिकाओं को कैंसर कहा जाता है। जब कैंसर आपके शरीर के अन्य भागों में फैलता है, तो इसे 'मेटास्टेसिस' कहा जाता है।
कैंसर के शुरुआती लक्षणों में आपके शरीर की सामान्य प्रक्रियाओं में बदलाव शामिल हैं, जैसे कि आपकी मल त्याग की आदतों में बदलाव। अन्य लक्षणों में अस्पष्टीकृत रक्तस्राव या गांठ का विकास शामिल हो सकता है।
आमतौर पर, इन बदलावों का मतलब यह नहीं है कि आपको कैंसर है। लेकिन यह ज़रूरी है कि आप अपने डॉक्टर से मिलें ताकि वे जांच कर सकें।
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