भोपाल। मध्य प्रदेश के शासकीय डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर गत बुधवार से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया है। प्रदेशभर में करीब 10 हजार चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर अस्पतालों में काम किया। वहीं चिकित्सकों ने दो मई तक सरकार द्वारा मांगें नहीं मानने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। मध्य प्रदेश राज्य शासकीय/स्वशासी चिकित्सक महासंघ के बैनर तले यह विरोध प्रदर्शन किया है। डॉक्टरों के मुताबिक केंद्र सरकार की डीएसीपी प्रदेश में लागू नहीं होने से शासकीय चिकित्सकों के पद्दोन्नति नहीं हो पा रही है। इसके साथ अन्य मांगों लेकर प्रदेशभर के चिकित्सक हड़ताल पर जा सकते हैं।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए राज्य शासकीय/स्वशासी चिकित्सक महासंघ के अध्यक्ष अरविंद घनघोरिया ने बताया कि केंद्र सरकार की डीएसीपी (डायनामिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन) के तहत हर चार साल में शासकीय डाक्टरों का प्रमोशन किया जाता है। इस योजना का लाभ देश के सभी डाक्टरों को मिल रहा है, लेकिन मध्य प्रदेश के चिकित्सकों को अभी भी इसका लाभ नहीं मिल रहा है। डॉ. घनघोरिया ने कहा कि डीएसीपी मध्य प्रदेश में भी लागू की जाना चाहिए।
इसके लागू होते ही प्रदेश के समस्त डॉक्टरों को प्रमोशन मिलना शुरू हो जाएगा। प्रोमोशन से गांवों में भी डाक्टरों की कमी खत्म हो जाएगी। डॉ. घनघोरिया ने सरकार से मांग की है कि प्रशासनिक अधिकारियों की दखलंदाजी बंद सहित 32 मांगें हैं जो हम सरकार को बता चुके हैं।
गौरतलब है कि 17 फरवरी को शासकीय चिकित्सकों ने जिला स्तर पर आंदोलन किया था। इस आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निराकरण के लिए एक माह तक की समय सीमा दी थी। साथ ही हाई पावर कमेटी भी बनाई थी। डॉक्टरों ने बताया कि कमेटी ने हमसे जो रिपोर्ट मांगी थी, वह भी दे दी गई है, लेकिन उसपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इसे लेकर प्रदेश के चिकित्सकों में रोष है।
प्रदेश के इंदौर में मंगलवार को आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिए एमजीएम कालेज स्थित पीसीएम हाल में कालेज के डॉक्टर और मेडिकल स्टूडेंट्स की बैठक रखी गई, जिसमें यह तय हुआ कि सभी काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। बैठक में कहा गया कि सरकार ने जो पुराने वादे किए थे, उन्हें दो माह हो गए हैं। सरकार ने यदि दो मई तक हमारी मांगें नहीं मानी तो तीन मई से हम शासकीय सेवाओं को बंद कर देंगे।
अपनी मांगों को लेकर काली पट्टी बांधकर सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी। जानकारी के अनुसार लंबित मांगों को लेकर करीब दस हजार डॉक्टर काम बंद हड़ताल करेंगे ऐसे में शासकीय अस्पतालों में मरीजों को इलाज मिलने में परेशानियां आएंगी।
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