भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष विभाग ने लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू किया है। इस अभियान में ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए डाक्टरों की टीम घर-घर जाकर सर्वे कर रही है। साथ ही लोगों को बीमारियों से बचाव के लिए प्रशिक्षित भी कर रही है। अभियान अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को आहार, जीवनशैली और व्यायाम का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। डॉक्टरों ने इसके लिए कुछ गांवों को गोद लिया है।
आयुष संचालनालय के इस नवाचार में गर्भवती महिलाएं, स्कूल में जाने वाले बच्चे, जोड़ों के दर्द से पीड़ित और बुजुर्गों को शामिल किया गया है। फिलहाल यह अभियान एक साल तक चलाया जाएगा इसके बाद इसका समय आगे दो वर्षों के लिए बढ़ाया जाएगा।
मध्य प्रदेश के सात आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं यूनानी, हेम्योपैथी महाविद्यालय कॉलेज इस अभियान को प्रदेशभर में चलाएंगे। इसके लिए आयुष संचालनालय द्वारा पहले ही गाँवों को चिन्हित कर आयुष ग्राम बनाया गया है। अभियान के शुरुआती फेस में एक संभाग में 15 आयुष ग्राम बनाएं हैं। जिनमें डॉक्टर की टीम सर्वे और ग्रामीणों को प्रशिक्षित करेगी। आशा कार्यकर्ताओं को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है, ताकि किसी भी मरीज को परेशानी आती है तो वह अस्पताल तक आसानी से पहुंच सके।
अभियान के लिए इंदौर जिले के छह ग्राम अजनोद, सेमल्या चाऊ, बड़गोंदा, रंगवासा, माचल, गवली पलासिया को शासकीय अष्टांग आयुर्वेदिक महाविद्यालय के प्रोफेसर और डॉक्टर्स ने गोद लिया है। इसके लिए अष्टांग आयुर्वेदिक कालेज ने डाक्टर और अन्य स्टाफ की नियुक्ति भी कर दी है जो अब योजना बनाकर गोद लिए हुए गांवों में जा रहे हैं।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए अष्टांग आयुर्वेदिक कालेज के प्राचार्य अजीत पाल सिंह चौहान ने बताया कि इसमें हम चार कार्यक्रम के तहत काम कर रहे हैं। सुप्रभा जिसमें गर्भवती महिलाओं को आहार, जीवनशैली और व्यायाम का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि वे स्वस्थ रहे और इनकी सामान्य डिलीवरी भी हो। गर्भवती महिलाओं को 9 महीने का प्रशिक्षण देंगे ताकि वह खुद स्वस्थ रहे और स्वस्थ बच्चे को जन्म दें।
प्राचार्य अजीत पाल चौहान ने बताया कि आयुष विद्या के अंतर्गत एक वर्ष में हमारी टीम 300 स्कूलों में जांच करेगी। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में हमारा ध्यान रहेगा। इसमें स्कूल के विद्यार्थियों को सभ्यता, संस्कृति, स्वस्थ जीवन, पोषण, औषधि पौधे आदि की जानकारी दी जाएगी। इसमें शासकीय के साथ ही निजी स्कूलों को भी शामिल किया जाएगा। जोड़ों की बीमारी, गठिया रोग आदि की जांच होगी। इसके साथ ही पंचकर्म, फिजियोथेरेपी की भी सुविधा दी जाएगी। वयो मित्र में बुजुर्ग लोगों को होने वाली बीमारी पार्किंसन, पेशाब में रुकावट, भूलना, डायबिटीज, मानसिक रोग की पहचान के बाद उनका उपचार किया जाएगा।
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