भोपाल। राजधानी भोपाल के जय प्रकाश जिला चिकित्सालय (जेपी) से मैटरनिटी सुविधा को काटजू अस्पताल में दिए जाने का विरोध किया जा रहा है। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने इस संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर कहा है कि लगातार शहर की जनसंख्या बढ़ रही है, भोपाल का विस्तार हो रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए जय प्रकाश अस्पताल से सेवाएं स्थानांतरित करने के बजाए काटजू अस्पताल में नई मैटरनिटी सुविधाएं शुरू की जाए। यहां डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ को शिफ्ट नहीं किया जाए।
जानकारी के अनुसार, जय प्रकाश अस्पताल (जेपी) से मैटरनिटी सुविधाओं की शिफ्टिंग शुरू कर दी गई है। जिसके लिए धीरे-धीरे प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के डॉक्टर्स और कर्मचारियों की ड्यूटी काटजू अस्पताल में लगाई जा रही है। इसके चलते अब प्रसूति विभाग की सिर्फ एक ही डॉक्टर की ड्यूटी जय प्रकाश अस्पताल में लगाई जा रही है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में डॉक्टर्स की कमी होने के चलते सेवाएं शिफ्ट की जा रही हैं।
जय प्रकाश जिला अस्पताल से मैटरनिटी सुविधा हटाकर काटजू अस्पताल को देने के मामले में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव, उमाशंकर तिवारी ने मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, आयुक्त स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा है।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए तिवारी ने कहा कि, 50 वर्ष पुराने जय प्रकाश अस्पताल से कर्मचारी बहुल क्षेत्र जुड़ा है। यहां ब्लड बैंक, मदर मिल्क बैंक, सर्वसुविधायुक्त ऑपरेशन थिएटर के साथ बच्चों के लिए विशेष यूनिट बनी हुई है। यह सुविधाएं काटजू में नहीं हैं। मिसरोद, मंडीदीप, बीएचईएल, कटारा हिल्स, साकेत नगर सहित अन्य दूर-दराज से गर्भवती महिलाएं जयप्रकाश अस्पताल प्रसूति लाभ लेने आती हैं।
उमाशंकर तिवारी का कहना है कि, "जय प्रकाश अस्पताल में प्रतिदिन 10 से 15 बच्चों का जन्म होता है, 8 से 10 सिजेरियन ऑपरेशन के साथ काफी संख्या में परिवार कल्याण के ऑपरेशन भी हो रहे हैं। यदि सुविधाएं शिफ्ट की गई गई तो यहां व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाएंगी।" कर्मचारी नेता तिवारी ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि, राजधानी का विस्तार हो रहा है, जिसे दृष्टिगत रखते हुए काटजू अस्पताल में अलग से व्यवस्थाएं करके वहां भी मैटरनिटी की सुविधा जारी रखी जाए लेकिन जय प्रकाश अस्पताल की सुविधा को शिफ्ट नहीं किया जाए।
डॉ. कैलाशनाथ काटजू शासकीय महिला चिकित्सालय प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की सेवाएं शुरू की गई हैं। लेकिन यह सुविधाएं जय प्रकाश अस्पताल से शिफ्ट कर ली जा रही हैं। 300 बेड की क्षमता के साथ इस अस्पताल में प्रसूति एवं नवजात शिशु के लिए चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध हैं। लगभग 16 हज़ार वर्ग मीटर में निर्मित यह अस्पताल दो साल पहले ही बनकर तैयार हुआ है।
जय प्रकाश जिला चिकित्सालय (जेपी) और काटजू अस्पताल में तीन किलोमीटर की दूरी है। इसी कारण जेपी की मैटरनिटी सुविधाएं शिफ्ट की जा रही हैं। लोगों का कहना है कि काटजू में भी सुविधाएं हो इलाज मिले लेकिन जिला अस्पताल की सेवाएं बन कर वहां शुरू करने से क्या फायदा होगा? जबकि वहां से हमीदिया अस्पताल और भी नजदीक हो जाता है।
यह माना जा रहा है कि डॉक्टर्स की कमी के कारण जेपी की मैटरनिटी सेवाएं काटजू में शिफ्ट की जा रही हैं। मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल द्वारा जुलाई 2022 में जारी आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में 51 जिला अस्पतालों, 66 सिविल अस्पतालों, 335 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 1170 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 9192 स्वास्थ्य उप-केंद्रों और 49,864 ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों के साथ 19 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं. प्रदेश को अपने नागरिकों स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए 77 हजार डॉक्टर्स की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में राज्य में केवल 22 हजार डॉक्टर्स ही काम कर रहे हैं।
इधर, द मूकनायक से बातचीत करते हुए भोपाल के जिला चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रभाकर तिवारी ने कहा कि डॉक्टरों की ड्यूटी दूसरे अस्पताल में लगाना रूटीन प्रक्रिया में है। मैटरनिटी सुविधाएं यहां भी चलेगी और काटजू में भी सेवाएं संचालित होंगी।
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