लखनऊ KGMU: 2000 से अधिक कर्मचारी धरने पर, मरीजों का हुआ बुरा हाल

लखनऊ KGMU: 2000 से अधिक कर्मचारी धरने पर, मरीजों का हुआ बुरा हाल
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केजीएमयू कर्मचारी संगठन ने मांगों को लेकर धरना शुरू किया, विरोध में मरीजों ने भी किया प्रदर्शन

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्विद्यालय में कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज के ओपीडी में ताला लगाकर मरीजों का इलाज बंद कर दिया है। कर्मचारी लंबे समय से वेतनमान की मांग कर रहे थे, लेकिन सुनवाई नहीं होने के बाद उन्होंने मेडिकल कॉलेज में कामकाज रोकने का फैसला लिया। सुबह से मेडिकल कॉलेज में बड़ी संख्या में प्रदर्शकारी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। कर्मचारियों का विरोध देखकर यूपी के विभिन्न जिलों से इलाज कराने केजीएमयू आए मरीज और परिजनो ने भी नाराज होकर केजीएमयू प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। मामले की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने लोगों को शांत कराकर रास्ता खुलवाया।

केजीएमयू के कर्मचारी लंबे समय से कैडर पुर्नगठन की मांग कर रहे थे। उनका कहना है कि अधिकारी जान बूझकर मामले को अटका रहे हैं, जिससे हर महीने उन्हें हजारों रुपए का आर्थिक नुकसान हो रहा है। सुनवाई नहीं होने की वजह से कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज में कामकाज रोकने का फैसला लिया है।

6 साल से लंबित पड़ा है मामला

केजीएमयू कर्मचारी परिषद के महामंत्री अनिल कुमार ने बताया-"तत्कालीन सरकार ने 23 अगस्त 2016 को केजीएमयू के कर्मचारियों को भी एसजीपीजीआई के समान वेतन दिए जाने का आदेश पारित किया था। लगभग 6 साल हो गए हैं। कुल 40 कैडरों में मात्र 7 कैडरों में ही ऐसा हुआ है। इससे हर कर्मचारी का 15 से 20 हजार का नुकसान हो रहा है। प्रमोशन नहीं हो पा रहे हैं। कई कर्मचारी रिटायर भी हो गए हैं।"

2000 से ज्यादा कर्मचारी प्रदर्शन में शामिल, पुलिस बल तैनात

केजीएमयू में करीब 2000 से ज्यादा नियमित पैरामेडिकल, नर्सिंग, लिपिक समेत दूसरे संवर्ग के कर्मचारी हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारी फिलहाल ओपीडी बंद करके अपना विरोध दर्ज करेंगे, लेकिन फिर भी कोई रास्ता नहीं निकला तो वे कुलपति, कुलसचिव, वित्त समेत दूसरे विभागों में भी कामकाज नहीं होने देंगे। मेडिकल कॉलेज में कर्मचारियों व प्रदर्शनकारियों की संख्या और हंगामे को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।

बताया जा रहा है कि केजीएमयू के कर्मचारियों के साथ 250 से ज्यादा डॉक्टर भी प्रशासन के रवैये का विरोध जता रहे हैं। उनका कहना है कि केजीएमयू अधिनियम व परिनियमावली में सरकार द्वारा प्रावधान के बावजूद डॉक्टर्स या टीचर्स को समान वेतन, पेमेट्रिक्स एवं ग्रेजुयटी जैसे सेवानिवृत्तिक लाभ नहीं दिया जा रहा। टीचर्स 29 अगस्त से काला फीता बांधकर शांति पूर्ण विरोध जता रहे हैं।

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