राजस्थान: चिकित्सालय भवन पर ताला, गर्भवती ने खुले में दिया बच्चे को जन्म!

प्रसूता की हालत स्थिर, लापरवाह चिकित्साकर्मियों पर हुई कार्रवाई
प्रसूता ने खुले में दिया बच्चे को जन्म
प्रसूता ने खुले में दिया बच्चे को जन्म
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जयपुर। राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार कानून बनाने वाला पहला राज्य तो बन गया, लेकिन जमीनी हकीकत इससे परे है। गांवों में सरकारी चिकित्सा सुविधाएं वेंटीलेटर पर है। समय पर अस्पताल नहीं खुल रहे हैं। रोगियों को उपचार नहीं मिल रहा है। चिकित्साकर्मियों की लापरवाही रोगियों की जान पर भारी है। यह बात अलग है कि प्रदेश में सबसे बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के दावों के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हर जगह तारीफ कर खुद की पीठ थपथपाने से नहीं थकते। खासतौर से आदिवासी और दलित बहुल इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के बुरे हाल है।

चिकित्साकर्मियों की लापरवाही का ताजा मामला टोंक जिले से सामने आया है। जहां टोडारायसिंह क्षेत्र में राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मांदोलाई में नियुक्त चिकित्सक व अन्य स्टाफ समय पर नहीं पहुंचा। अस्पताल के मुख्य द्वार पर ताला लगा होने से दलित प्रसूता का खुले आकाश तले प्रसव हो गया। गनीमत रही कि दर्द से चिल्ला रही प्रसूता की आवाज सुनकर अस्पताल के पड़ोस की महिलाओं ने सुरक्षित संसाधनों के अभाव में प्रसव करवाया, नहीं तो जच्चा-बच्चा की जान भी जा सकती थी।

सुबह 6 बजे पहुंचे थे अस्पताल

प्रधान बागरिया की गर्भवती पत्नी मडी देवी को रविवार तड़के प्रसव पीड़ा हुई। प्रधान बागरिया परिवार की अन्य महिलाओं के साथ पत्नी को संस्थागत प्रसाव के लिए मांदोलाई के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचा। सुबह 6 बजे अस्पताल के मुख्य द्वार पर ताला लगा था। इस पर परिजन चिकित्सकों के आने का इंतजार करने लगे। इस बीच प्रसूता को तेज दर्द हुआ। महिलाएं पास में रहने वाली एक एलएचवी को बुलाने गई, लेकिन उसने अनसुना कर दिया। असहनीय पीड़ा से प्रसूता चीखने लगी। आवाज सुनकर अस्पताल के पड़ोस में रहने वाली कुछ महिलाएं दौड़ कर आई तथा इन महिलाओं ने मडी देवी का खुले आसमान के नीचे प्रसव करवा दिया।

प्रधान बागरिया की माने तो प्रसव के बाद भी चिकित्साकर्मियों को बुलाने गए थे। इसके एक घंटे बाद एलएचवी अस्पताल पहुंची थी। अस्पताल का ताला खोल कर जच्चा-बच्चा को वार्ड में भर्ती किया। अब जच्चा-बच्चा दोनों स्वास्थ्य बताए गए हैं। प्रधान ने कहा कि हम गांव के लोग यहां एक भरोसे पर आए थे। अस्पताल पर ताला लगा था। मेरी पत्नी की जान पर बन आई थी। गनीमत रही की अस्पताल के पड़ोस में रहने वाली महिलाओं ने संभाल लिया।

17 सीसीए का दिया नोटिस

राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मांदोलाई पर रविवार को ताला लगा होने से अस्पताल के बाहर प्रसव होने की सूचना पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी टोंक डॉ. श्याम सुन्दर अग्रवाल मौके पर पहुंचे। अस्पताल में प्रसूता और चिकित्साकर्मियों से घटनाक्रम की जानकारी लेने के बाद सुबह अस्पताल समय पर भवन के ताला लगा होने की सच्चाई सामने आई। इसपर पीएचसी में कार्यरत चिकित्सक डॉ. कनक शर्मा, डॉ. हेमंत सिंह व एलएचवी माया देवी को 17 सीसीए का नोटिस दिया गया। वहीं पर्यवेक्षण में लापरवाही मानते हुए ब्लाक मुख्य चिकित्सा अधिकारी टोडारायसिंह डॉ. रोहित डंडोरिया को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

नोटिस नाकाफी, तत्काल निलम्बन हो

रविवार सुबह अस्पताल समय पश्चात भी पीएचसी भवन पर ताला लगा होने तथा खुले परिसर में दलित महिला का प्रसव होने की सूचना पर जिला परिषद सदस्य भरतराज चौधरी भी मौके पर पहुंचे। जहां चौधरी ने लापरवाह कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यहां केवल नोटिस देने से काम नहीं चलेगा। यह चिकित्सकों की घोर लापरवाही है। इन पर दंडात्मक कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने अस्पताल पहुंचे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अग्रवाल से स्थाई रूप से रात्रि में अस्पताल में उपस्थिति के लिए चिकित्सकों को पाबंद करने के लिखित में आदेश जारी कराने तथा चिकित्सा व्यवस्थाओं में सुधार कराने की बात कही।

मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी टोंक डॉ. श्यामसुंदर अग्रवाल से द मूकनायक ने बात की। डॉ. अग्रवाल ने द मूकनायक को बताया कि चिकित्सकों की लापरवाही का मामला सामने आया है। हमने दो चिकित्सक और एलएचवी को आरोप पत्र दिए है। ब्लॉक सीएमएचओ को भी कारण बताओ नोटिस दिया है। जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।

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