भोपाल। मध्य प्रदेश में आई फ्लू संक्रमण तेजी से फैल रहा है। आँखों के संक्रमण की इस बीमारी के कारण अस्पतालों में रोगियों की लंबी कतारें लग रही हैं। प्रदेश भर के अस्पतालों में आई फ्लू के मरीज बड़ी तेजी से पहुंच रहे हैं। इधर, नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) ने भी आई फ्लू के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोगों के जागरूकता के लिए एडवाइजरी जारी की है।
मध्य प्रदेश में आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। हर दिन हजारों की संख्या में मरीज मिल रहे। राजधानी भोपाल में आई फ्लू के रोज 300 से 400 मामले सामने आ रहे है। बीते 10 दिनों में तीन हजार से ज्यादा आई फ्लू के मरीजों की संख्या दर्ज की गई है। दरअसल, मध्य प्रदेश में पल-पल बदल रहे मौसम की वजह से प्रदेश भर के जिलों में आंखों का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार बारिश के बाद उमस की वजह से इस बीमारी का असर बढ़ रहा है। संक्रमित व्यक्ति से यदि स्वस्थ व्यक्ति नजरें मिला ले तो पलभर में स्वस्थ व्यक्ति भी आई फ्लू के रोग से पीड़ित हो जाएगा।
बता दें स्वास्थ्य विभाग कि रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में हर 8 वें व्यक्ति की आंखें आई फ्लू से संक्रमित हो रही हैं। इधर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया कि उन्होंने प्रदेश के सभी जिला चिकित्सा अधिकारियों को सक्रिय रहने के निर्देश दिए है। मंत्री ने कहा स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है।
जय प्रकाश जिला चिकित्सालय में आई फ्लू का इलाज कराने पहुँचे मयंक द्विवेदी ने द मूकनायक को बताया कि एक दिन पहले ही उसकी आंख में संक्रमण हुआ है। उसे सिर्फ एक ही आँख में आई फ्लू हुआ है। मयंक ने बताया कि उसकी आँख में सूजन है। हल्की जलन आंसू आना और आँख पूरी तरह लाल होने जैसे लक्षण है।
आई फ्लू संक्रमण का असर सबसे ज्यादा बच्चों में देखा जा रहा है। इसकी प्रमुख वजह यह है कि स्कूलों में पीड़ित बच्चों को देखने की वजह से स्वस्थ बच्चे भी इस रोग से पीड़ित हो रहे हैं। यही कारण है कि आई फ्लू की चपेट में ज्यादातर बच्चे आ रहे हैं। डॉक्टरों द्वारा अपील की जा रही है कि आई फ्लू से पीड़ित बच्चे स्कूल न जाएं। द मूकनायक से बातचीत करते हुए भोपाल सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ी है। सभी का इलाज हो रहा है। उन्होंने कहा इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जाती गाइडलाइंस का पालन कर सुरक्षित रहा जा सकता है।
1. अपनी आंखों को छूने से पहले हाथ आवश्यक रूप से धोएं।
2. संक्रमित व्यक्ति अपना टॉयल, तकिया, आई ड्रॉप आदि उपयोग की गई वस्तुएं घर के अन्य सदस्यों से अलग रखें।
3. स्विमिंग पूल तालाबों के प्रयोग से बचें।
4. कांटेक्ट लेंस पहनना बंद करें और अपने नेत्र चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही उपयोग करें।
5. आंखों के सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग न करें।
6. साफ हाथों से अपनी आंखों के आस-पास किसी भी तरह के स्राव को दिन में कई बार साफ गीले कपड़े से धोयें, उपयोग किये गये कपड़े को गर्म पानी से धोएं।
7. यदि आंखों लाल हो रही है तो डॉक्टर की सलाह बगैर किसी भी ड्रॉप का उपयोग न करें।
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