छतीसगढ़। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में एक नवजात के शव को बाईक पर ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। आरोप है कि शव ले जाने के लिए शव वाहन मुहैया नहीं कराया गया। क्षेत्र की एक सीएचसी में प्रसव के दौरान शिशु की मौत हो गई। आरोप है कि नवजात की मौत के बाद उसका शव अस्पताल प्रशासन ने परिजनों के हाथ में थमा दिया। आरोप है कि परिजनों ने शव वाहन की मांग की, लेकिन शव वाहन मुहैया नहीं कराया गया। परिजन लगभग चार घंटे भूखे-प्यासे शव वाहन के मिलने का इन्तजार करते रहे। शव वाहन न मिलने पर मजबूरन नवजात के शव को बाईक पर ले जाना पड़ा।
पूरा मामला कोरिया जिले के सोनहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। 22 मई को सुबह ग्राम पोंडी की रहने वाली पूजा ने यहां नवजात को जन्म दिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनहत में प्रसव के दौरान नवजात शिशु की मृत्यु हो गई। इसके बाद परिजनों को नवजात का शव अस्पताल की ओर से थमा दिया गया। आरोप है कि परिजनों ने शव वाहन की मांग की, लेकिन अस्पताल की ओर से शव वाहन भी मुहैया नहीं कराया गया।
इस पूरे मामले में मृत नवजात के परिजनों का कहना है कि अस्पताल की ओर से उनको शव वाहन नहीं दिया गया। वह 4 घंटे तक शव वाहन मिलने का इन्तजार करते रहे। लम्बे इंतजार के बाद वह बाइक से बच्चे के शव को लेकर घर गए। स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के इलाके में इंसानियत ऐसी शर्मसार हुई कि वायरल वीडियो को देखकर हर शख्स यही कह रहा है जब स्वास्थ्य मंत्री के इलाके में ऐसी स्वास्थ्य व्यवस्था है तो अन्य इलाकों में क्या होगा, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
पूर्व विधायक ने कसा तंज
इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। भरतपुर सोनहत क्षेत्र के पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने तंज कसा है। पूर्व विधायक स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल और भरतपुर सोनहत की विधायक रेणुका सिंह को टैग कर सोशल मीडिया पर लिखा है कि विधायक मंत्री प्रचार में व्यस्त, नवजात तोड़ रहे हैं दम। शर्म है ऐसे स्वास्थ्य सिस्टम पर जहां मौत के बाद भी शव वाहन उपलब्ध नहीं होता।
इस मामले में द मूकनायक ने बीएमओ (ब्लॉक मेडिकल अफसर/खंड स्वास्थ्य अधिकारी) श्रेष्ठ मिश्रा से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया। खबर लिखे जाने तक उनका कोई उत्तर नहीं मिल सका। उनका पक्ष आने पर खबर को पुनः अपडेट किया जायेगा।
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