तमिलनाडु। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission ) ने कल्लाकुरिची जिले में जहरीली शराब त्रासदी को देखते हुए नाराजगी जताई है। वहीं तमिलनाडु सरकार और डीजीपी को नोटिस जारी किया है। एनएचआरसी ने एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट मांगी है। जिले में जहरीली शराब पीने से 58 लोगों की मौत हो चुकी है। 219 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने कल्लाकुरिची में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत होने से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लिया है। महिलाओं सहित बड़ी संख्या में लोगों का कथित तौर पर अस्पतालों में इलाज चल रहा है और उनमें से कुछ की हालत गंभीर है।
अगर खबर सही है तो पीड़ितों के जीवन के अधिकार के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठता है। बयान में कहा गया कि राज्यों के पास शराब के उत्पादन, निर्माण, कब्जे, परिवहन, खरीद और बिक्री को विनियमित करने की विशेष शक्ति है। इसमें आगे कहा गया है कि तमिलनाडु के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दोनों अधिकारियों से रिपोर्ट में प्राथमिकी की स्थिति,अस्पताल में भर्ती पीड़ितो के चिकित्सा उपचार और राज्य सरकार की ओर से पीड़ित परिवारों को मुआवजे के वितरण की राशि आदि के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। नोटिस में कहा गया है कि आयोग ने त्रासदी के जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का भी विवरण मांगा है।
तमिलनाडु विधानसभा में विपक्षी अन्नाद्रमुक के सदस्यों को हंगामा करने के लिए एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। विपक्षी सदस्य प्रश्नकाल के दौरान जहरीली शराब कांड के मुद्दे को उठाते हुए हंगामा कर रहे थे। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने याद दिलाया कि सदन पहले ही इस मुद्दे पर विस्तार से बहस कर चुका है। उन्होंने त्रासदी के बाद सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया।
स्टालिन ने आरोप लगाया कि मुख्य विपक्षी पार्टी सदन में सुनियोजित गतिविधियों में लिप्त है और द्रमुक नीत गठबंधन को 40 में से 40 सीट जीतने और तमिलनाडु में सभी 39 सीट जीतने और पुडुचेरी की एकमात्र सीट पर हासिल जीत को पचा नहीं पा रही है।
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