भोपाल। मध्य प्रदेश के छतरपुर में बुधवार को सिटी कोतवाली पर हुए पथराव के मामले में पुलिस ने गुरुवार को कड़ी कार्रवाई की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर पुलिस ने मुख्य आरोपी और पूर्व कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष हाजी शहजाद अली की 20 हजार वर्ग फीट में फैली आलीशान कोठी पर बुलडोजर चलवाया। संभाग कमिश्नर ने बताया कि यह कोठी बिना किसी परमिशन के बनाई गई थी।
प्रशासन की कार्रवाई के दौरान, पुलिस ने कोठी के अंदर खड़ी तीन लग्जरी कारों को भी नुकसान पहुंचाया। जेसीबी की मदद से दीवार तोड़कर इन कारों को बाहर निकाला गया और उन पर भी जेसीबी चढ़ा दी गई। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद हाजी शहजाद अली अपने परिवार समेत फरार बताया जा रहा है। पुलिस ने पथराव के मामले में 20 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जिन्हें कोतवाली से कोर्ट तक पैदल ले जाया गया। इस दौरान उनका जुलूस भी निकाला गया।
इस मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे भाजपा सरकार की मुसलमानों के खिलाफ नफरत की नीति का हिस्सा बताया और कहा कि राज्य सरकारें बहाने बनाकर मुसलमानों के घर तोड़ रही हैं। उन्होंने संविधान की दुहाई देते हुए कहा कि मोदी सरकार हर दिन संविधान को कुचल रही है और इस मुद्दे को लेकर वे जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
वहीं, भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बिना नोटिस दिए घर और गाड़ियां तोड़ने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। दूसरी ओर, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने इस घटना पर कहा कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बुधवार को छतरपुर में सिटी कोतवाली पर पथराव की घटना के बाद से ही पुलिस ने इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया था। रातभर पुलिस फोर्स ने मार्च पास्ट किया और गुरुवार सुबह तक टीकमगढ़, पन्ना समेत सीमावर्ती जिलों से भी अतिरिक्त फोर्स बुला ली गई। सुबह 10 बजे के आसपास पुलिस लाइन में फोर्स जुटना शुरू हुआ और कुछ ही देर में वरिष्ठ अधिकारी भी वहां पहुंच गए।
गुरुवार को सभी संबंधित विभागों की टीमें, जिसमें राजस्व अमला, नगर पालिका, पुलिसकर्मी और मेडिकल टीमें शामिल थीं, आरोपी हाजी शहजाद अली की कोठी पर पहुंचीं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच सुबह 11.30 बजे कार्रवाई शुरू हुई। कोठी का निर्माण कार्य अभी भी चल रहा था। अंदर तीन लग्जरी कारें खड़ी थीं, जिन्हें पुलिस ने जेसीबी की मदद से बाहर निकाला और फिर कोठी को ढहाना शुरू कर दिया गया।
नायब तहसीलदार इंदु गौड़ ने बताया कि हाजी शहजाद अली ने इस मकान के निर्माण के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी। आरआई देवेंद्र पटेरिया ने कहा कि यह कोठी 20 हजार वर्ग फीट में बनी थी और इसकी कीमत लगभग 20 करोड़ रुपये थी। एसपी अगम जैन ने कहा कि अपराधियों की अवैध संपत्तियों की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) और जिला बदर जैसे कानूनों का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही जिनके पास शस्त्र लाइसेंस हैं, उन्हें भी निरस्त कराया जाएगा।
पुलिस ने इस पथराव मामले में 30 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया। गुरुवार शाम को इनमें से 20 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ने आरोपियों को कोतवाली से कोर्ट तक पैदल ले जाकर उनका जुलूस निकाला, जिसमें आरोपियों ने 'पत्थर फेंकना पाप है, पुलिस हमारी बाप है' जैसे नारे लगाए। इस घटना के विरोध में चौक बाजार के व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर पुलिस का समर्थन किया और एसपी को ज्ञापन देकर आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
बता दें, बुधवार को शाम 5 बजे के आसपास बड़ी संख्या में लोग एक मामले में शिकायती आवेदन लेकर सिटी कोतवाली पहुंचे। वहां मौजूद लोग नारेबाजी करने लगे और भीड़ में कुछ लोग पुलिस को हथियार और पत्थर लिए दिखाई दिए। इस पर पुलिस ने मुख्य गेट बंद कर दिया। भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया और पुलिसकर्मी थाने के अंदर भागे। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रशासन बुलडोजर की कार्रवाई की।
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