MP: कलेक्टर ऑफिस में जमीन पर क्यों लोटने लगा बुजुर्ग, जानिए पूरा मामला?

बुजुर्ग का 14 साल से एक जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। किसान का आरोप है कि कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ बाबू ने उसकी जमीन अपने बेटे के नाम करा ली है। इसी को लेकर बुजुर्ग कलेक्ट्रेट में फर्स पर लोटकर कलेक्टर से न्याय के लिए गुहार लगाई। जिसका वीडियो वायरल हो गया।
कलेक्ट्रेट में लोटता बुजुर्ग किसान
कलेक्ट्रेट में लोटता बुजुर्ग किसानइंटरनेट/वायरल वीडियो
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भोपाल। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें एक बुजुर्ग जमीन पर लोट रहा है। बताया जा रहा है कि बुजुर्ग किसान कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुँचा था। बुजुर्ग का 14 साल से एक जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। किसान का आरोप है कि कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ बाबू ने उसकी जमीन अपने बेटे के नाम करा ली है। इसी को लेकर बुजुर्ग कलेक्ट्रेट में फर्स पर लोटकर कलेक्टर से न्याय के लिए गुहार लगा रहा है।

दरअसल, 65 वर्षीय बुजुर्ग शंकरलाल पाटीदार मंदसौर के सीतामऊ तहसील के साखतली गांव के रहने वाले हैं। मंगलवार को शंकरलाल कलेक्टर कार्यालय के मुख्य द्वार से जनसुनवाई कक्ष तक जाने के लिए लोटने लगे। बाद में सुरक्षाकर्मी उन्हें उठाकर जनसुनवाई कक्ष में ले गए।

किसान शंकरलाल पाटीदार काफी समय से भूमिया बीज, बिजवारे, को लेकर काफी परेशान था विभागों के चक्कर लगा रहा था। समस्या का समाधान नहीं होने पर उसने यह कदम उठाया, लोटकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचा। वहां मौजूद पुलिस कर्मी और कुछ अधिकारियों ने उसे रोका और उसकी समस्याओं को गंभीरता से सुना, लोट लगाते वक्त वह अपनी पीड़ा भी बयां कर रहा था।

शंकरलाल पाटीदार ने जन सुनवाई में बताया, "मैं 2010 से अपनी जमीन के लिए लड़ाई लड़ रहा हूं,पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। 25 से ज्यादा बार जनसुनवाई में आवेदन दें चुका हूं। राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री तक को अपनी समस्या भेजी लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही है।"

इधर, वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने बाद में वीडियो जारी कर कहा कि जनसुनवाई के दौरान आवेदक शंकर लाल पिता फूलचंद द्वारा आवेदन दिया गया था। इनकी 1/2 भूमि पर स्वयं का कब्जा है, उक्त संबंध में कोई कार्यवाही लंबित नहीं है।

कलेक्टर कार्यालय के बाबू पर जमीन हड़पने का आरोप!

किसान शंकरलाल ने आरोप लगाया कि सुरखेड़ा में कृषि भूमि सर्वे क्रमांक 604 रकबा 1.25 हेक्टर और सर्वे क्रमांक 625 रकबा 0.51 हेक्टर कुल रकबा 1.76 हेक्टेयर है। यानि कुल पौने 9 बीघा कृषि भूमि हैं। जिसे धोखे से कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ बाबू देशमुख ने अपने बेटे अश्विनी देशमुख के नाम करा दी है। इसके लिए किसान 2010 से लड़ाई लड़ रहा है। बुजुर्ग ने आरोप लगाया कि जमीन को हड़पने वाले लोग उसे धमका रहे है, और उसकी जान को भी खतरा है।

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