MP: नीमच में भ्रष्टाचार के खिलाफ अनोखा विरोध, शिकायतें अनसुनी रहने पर जमीन पर रेंगते हुए कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में पहुँचा युवक

कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने तुरंत मामले की जांच के आदेश दिए हैं। एसडीएम डॉ. ममता खेडे ने बताया कि मुकेश ने पहले भी शिकायतें की थीं, जिनकी जांच ग्रामीण विकास विभाग द्वारा की जा चुकी है। अब नए सिरे से आवेदन मिलने पर कलेक्टर ने पुनः जांच के निर्देश दिए हैं।
रेंगते हुए युवक पहुँचा कलेक्ट्रेट
रेंगते हुए युवक पहुँचा कलेक्ट्रेटवायरल वीडियो/इंटरनेट
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भोपाल। मध्य प्रदेश के नीमच जिले के काकरिया तलाई गांव के निवासी मुकेश प्रजापत ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अनोखा और दृढ़ प्रदर्शन किया है। जब उनकी शिकायतों की सुनवाई नहीं हुई, तो उन्होंने कलेक्टर कार्यालय में जमीन पर रेंगते हुए पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराया। मुकेश ने पूर्व सरपंच, उनके पति, और जिला पंचायत के पूर्व सीईओ सहित कई लोगों पर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।

मुकेश प्रजापत ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जनसुनवाई में पहुंचने के लिए एक ऐसा तरीका अपनाया जो काफी चर्चा में आ गया है। अपनी शिकायतों के 1000 पन्नों को धागे में पिरोकर, वे रेंगते हुए कलेक्टर कार्यालय तक पहुंचे। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद लोग और अधिकारी हैरान रह गए। मुकेश का कहना है कि वे यह संघर्ष अपने लिए नहीं, बल्कि गांव के सभी लोगों के लिए कर रहे हैं, ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।

वीडियो हुआ वायरल

मुकेश के इस विरोध का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें उन्हें कलेक्टर कार्यालय के सामने जमीन पर घिसटते हुए देखा जा सकता है। उनके पास कागजों का एक बड़ा ढेर था, जिसे उन्होंने रस्सी की डोर में बांधकर अपने गले में फंसा रखा था। ये डोर उनके पीछे जमीन पर लंबी दूरी तक घिसट रही थी। मुकेश ने स्पष्ट किया कि वे यह सब जनता के लिए कर रहे हैं, ताकि गांव में हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खोली जा सके।

कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश

मुकेश के इस अनोखे विरोध के बाद नीमच के कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने तुरंत मामले की जांच के आदेश दिए हैं। एसडीएम डॉ. ममता खेडे ने बताया कि मुकेश ने पहले भी शिकायतें की थीं, जिनकी जांच ग्रामीण विकास विभाग द्वारा की जा चुकी है। अब नए सिरे से आवेदन मिलने पर कलेक्टर ने पुनः जांच के निर्देश दिए हैं।

मुकेश प्रजापत ने अपनी शिकायतों में कई गंभीर आरोप लगाए हैं, उन्होंने पूर्व सरपंच पर करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन पर कब्जा कर उसे बेच देने का आरोप लगाया है। इसके साथ उन्होंने आरोप लगया की सरपंच रहते हुए लाखों रुपये की मिट्टी खोदकर बेच दी गई। गांव में बिना सड़क और नाला निर्माण के लिए आए सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया।मुकेश ने जिला पंचायत के पूर्व सीईओ गुरुप्रसाद पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, और मांग की है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।

पहले भी हुए ऐसे अनोखे विरोध

मुकेश का यह विरोध इस तरह का पहला मामला नहीं है। मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में भी भ्रष्टाचार और अन्य समस्याओं के खिलाफ अनोखे प्रदर्शन देखने को मिले हैं। मंदसौर के साखतली गांव के किसान शंकरलाल पाटीदार ने जमीन विवाद के चलते 16 जुलाई को जनसुनवाई में लोट लगाकर विरोध जताया था। खंडवा में 15 दिन पहले गांव सहेजला निवासी श्यामलाल ने अपनी जमीन पर दबंगों के कब्जे के खिलाफ एसडीएम कार्यालय से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक लोट लगाते हुए विरोध किया था।

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