भोपाल। प्रदेश के अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था की मौजूदा स्थिति को लेकर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुधीर सक्सेना ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। यह कवायद आगामी केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के साथ राज्यों के डीजीपी की ऑनलाइन बैठक से पहले की जा रही है, जो कि बुधवार को प्रस्तावित है। इस बैठक में अस्पतालों की सुरक्षा और हिंसा निवारण संबंधी जानकारी प्रस्तुत की जाएगी।
डीजीपी कार्यालय द्वारा मांगी गई जानकारी में विशेष रूप से अस्पतालों में तैनात सुरक्षाकर्मियों की संख्या, ब्लैक स्पॉट्स की पहचान, और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सुरक्षा प्रावधानों का उल्लेख किया गया है। इसके साथ ही, नए कानून के तहत अस्पतालों में सूचना बोर्ड लगाने का कार्य पूर्ण हुआ है या नहीं, इस पर भी रिपोर्ट तलब की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रदेश के अधिकांश जिलों के पुलिस अधीक्षकों ने अपनी रिपोर्ट डीजीपी कार्यालय को भेज दी है। हालांकि, कुछ जिलों से जानकारी अभी तक नहीं आई है। डीजीपी सुधीर सक्सेना ने इस प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं, ताकि केंद्रीय बैठक में प्रदेश की स्थिति का सटीक आकलन प्रस्तुत किया जा सके।
इस बैठक का आयोजन कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद किया जा रहा है, जिसके चलते अस्पतालों में सुरक्षा की स्थिति को लेकर देशभर में चिंता बढ़ गई है।
डीजीपी सुधीर सक्सेना ने जिलों के पुलिस अधीक्षकों से जिन बिंदुओं पर जानकारी मांगी है, वे निम्नलिखित हैं:
1. अस्पतालों में सुरक्षा समितियों का गठन: सभी अस्पतालों में सुरक्षा और हिंसा निवारण के लिए समितियों का गठन हुआ है या नहीं, इस पर रिपोर्ट मांगी गई है। इन समितियों की जिम्मेदारी सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना और किसी भी संभावित हिंसात्मक घटनाओं को रोकना है।
2. यौन उत्पीड़न मामलों की रोकथाम: अस्पतालों में यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों की रोकथाम के लिए समितियों का गठन किया गया है या नहीं, इसकी जानकारी भी पुलिस अधीक्षकों से मांगी गई है। यह समितियां यौन उत्पीड़न के मामलों की निगरानी और जांच के लिए गठित की जाती हैं।
3. सुरक्षा कैमरों (CCTV) की उपलब्धता: मेडिकल कॉलेज, अस्पताल और परिसर में सुरक्षा के दृष्टिकोण से पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं या नहीं, इस पर भी जानकारी तलब की गई है। यह कदम अस्पतालों में हर गतिविधि पर नजर रखने और सुरक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए आवश्यक माना जा रहा है।
4. पास व्यवस्था का प्रावधान: अस्पताल और कॉलेज परिसरों में प्रवेश के लिए पास व्यवस्था की स्थिति की भी समीक्षा की जा रही है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही अस्पताल और कॉलेज परिसर में प्रवेश की अनुमति हो, पास व्यवस्था लागू की गई है।
5. स्वास्थ्य कर्मियों के लिए यातायात सुविधा: डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के छात्रावास से अस्पताल आने-जाने की व्यवस्था की स्थिति की भी जानकारी मांगी गई है। यह कदम सुनिश्चित करता है कि स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से अस्पताल पहुंचने और लौटने की सुविधा मिल सके।
राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई भी चूक नहीं करना चाहते हैं। विशेष रूप से हाल ही में हुई घटनाओं के मद्देनजर, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अस्पतालों में न केवल स्वास्थ्य कर्मियों और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित हो, बल्कि यौन उत्पीड़न जैसे मामलों की रोकथाम के लिए भी प्रभावी कदम उठाए जाएं।
केंद्रीय बैठक में डीजीपी सुधीर सक्सेना द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली रिपोर्ट में प्रदेश के अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था, सुरक्षाकर्मियों की तैनाती, सीसीटीवी कैमरों की स्थिति, और अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं का विस्तृत विवरण होगा। बैठक में देशभर के अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं।
डीजीपी कार्यालय से प्राप्त निर्देशों के अनुसार, जिलों के पुलिस अधीक्षकों को जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है, ताकि राज्य स्तर पर स्थिति का आकलन किया जा सके और इसे केंद्रीय बैठक में प्रस्तुत किया जा सके।
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