भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक स्कूल टीचर ने जांच के लिए छात्राओं के कपड़े उतरवा दिए। क्लास के दौरान एक छात्रा के पास मोबाइल मिलने पर अन्य छात्राओं के जबरन कपड़े उतरवाकर जांच करने का मामला सामने आया है। घटना की जानकारी लगते ही छात्राओं के परिजनों ने हंगामा किया, तो आरोपी शिक्षिका को विभाग में अटैच कर दिया गया। फिलहाल कलेक्टर के निर्देश पर जांच की जा रही है।
दरअसल, यह घटनाक्रम बड़ा गणपति स्थित शासकीय शारदा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है। यहां 10वीं की कक्षा में एक छात्रा के पास मोबाइल मिला था, जिसके बाद शिक्षिका ने अन्य छात्राओं को बाथरूम ले जाकर कपड़े उतरवाकर मोबाइल की जांच की थी।
बता दें कि, शारदा कन्या उमावि में डीएड की परीक्षा के चलते स्कूल सुबह 8 से दोपहर 12:30 बजे तक संचालित किया जा रहा है। शुक्रवार सुबह करीब 11:30 बजे 10वीं कक्षा में एक छात्रा के पास मोबाइल की रिंगटोन बजी। मोबाइल की रिंग सुनते ही कक्षा में पढ़ा रही मनीषा चौरसिया ने मोबाइल जब्त कर लिया और अन्य छात्राओं की जांच के लिए उन्हें बाथरूम में लेकर गईं।
छात्राओं का आरोप है कि, वहां शिक्षिका जया पंवार ने जबरदस्ती कपड़े उतरवाए और जांच की। इनकार करने पर वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी। हालांकि किसी छात्रा के पास मोबाइल नहीं मिला। घर जाकर छात्राओं ने स्कूल में हुआ घटनाक्रम परिजनों को बताया। इसके बाद बड़ी संख्या में परिजन स्कूल पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया।
इस पूरी घटना की शिकायत के बाद इस मामले में परिजनों का विरोध जारी है। छात्राओं की ओर से की गई शिकायत के बाद शनिवार को जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने स्कूल की शिक्षिका को स्कूल से हटाकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अटैच कर दिया। वहीं, कलेक्टर आशीष सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक टीम का गठन कर छात्राओं से बयान लेकर आगे की कार्रवाई करने की बात की है।
इधर, शनिवार को स्कूल में परिजनों के विरोध के बीच प्राचार्य सीमा जैन के निर्देश पर संबंधित टीचर शिकायतकर्ता छात्राओं के परिजनों से मिलीं।
इस दौरान परिजनों ने टीचर को जमकर खरी खोटी सुनाई वहीं, टीचर के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी। इस दौरान टीचर ने एक और खुलासा करते हुए बताया कि, ''जिस समय छात्राओं की जांच की जा रही थी उस समय उनके अलावा तीन-चार टीचर और मौजूद थीं.'' हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने जांच के दौरान छात्राओं के कपड़े उतरवाए थे।
इस मामले में मध्य प्रदेश राज्य बाल सरंक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है। द मूकनायक प्रतिनिधि से बातचीत में आयोग की सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा ने कहा, "इस तरह की घटनाएं पेश आना दुर्भाग्य की बात है। यदि छात्राओं के कपड़े जांच के नाम पर उतरवाए गए है तो यह एक अमानवीय व्यवहार है। बच्चों के साथ ऐसी घटनाएं उनके साथ शारिरिक और मानसिक प्रताड़ना है। आयोग ने सज्ञान लिया है, हम मामले में जांच प्रतिवेदन मंगवाकर वैधानिक कार्रवाई करेंगे।"
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