भोपाल। मध्य प्रदेश पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा इसके साथ ही लगातार सरकार कर्ज लेती जा रही है।लोकसभा चुनाव के बाद अब राज्य सरकार पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज और लेगी। इसके पहले भी सरकार ने करीब छहः महीने पहले ऐसा ही भारी भरकम कर्ज लिया था।
मंत्रालय के वित्त विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक यह कर्ज दो किस्तों में लिया जाएगा। पहला कर्ज ढाई हजार करोड़ रुपये का 11 साल के लिए लिया जाएगा। जबकि, ढाई हजार करोड़ रुपये का ही दूसरा कर्ज 21 साल के लिए लिया जाएगा। लगातार कर्ज लेने के कारण प्रदेश आर्थिक बोझ तले तब रहा है।
बता दें, कि प्रदेश सरकार के ऊपर 31 मार्च 2024 की स्थिति में 3 लाख 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण पहले से ही है। राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के प्रावधान के अनुसार, सरकार राज्य सकल घरेलू उत्पाद का तीन प्रतिशत तक ऋण ले सकती है।
आधा प्रतिशत ऋण ऊर्जा सहित अन्य क्षेत्रों के लिए विशेष परिस्थिति में लिया जा सकता है। वर्ष 2024-25 में सरकार 65 हजार करोड़ रुपये तक कर्ज ले सकती है। इसका उपयोग विकास परियोजना और आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए किया जा सकता है।
साल 2023 में तत्कालीन शिवराज सरकार लाडली बहना योजना को लॉन्च किया था। लाडली बहना योजना के कारण करीब 1210/- करोड़ रुपए हर महीने इस योजना के लिए खर्च किए जा रहे हैं। तत्कालीन सीएम शिवराज ने भाजपा की सरकार बनने के बाद लाडली बहनों को मिलने वाली राशि को 1250/- रुपये से बढ़ाकर तीन हजार प्रति महीने का वादा भी किया था। फिलहाल लाभार्थियों को 1250 रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं।
इस बार लाडली बहना योजना की लाभार्थी महिलाओं को योजना के तहत मिलने वाली 1250 रूपेय की 12वीं किस्त की वित्तीय सहायता राशी पूर्वानुसार जारी की जाएगी साथ ही इस बार लाडली बहनो के खाते मे रक्षाबंधन के शगुन के साथ 250 रूपेय की अतिरिक्त राशी भेजी जाएगी। हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसकी घोषणा भी की थी। यानी इस बार 10 अगस्त को लाडली बहना योजना की लाभार्थी महिलाओं को 1500 रूपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
साल 2023 में तत्कालीन शिवराज सरकार की लाड़ली बहना योजना के लिए सरकार ने वर्तमान में पांच साल के लिए 60 हजार करोड़ के बजट का प्रावधान किया था। एक हजार हर महीना देने की लाड़ली बहना योजना के लिए पहले साल के 12 हजार करोड़ की राशि आवंटित की गई थी। अब योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि सरकार ने बढ़ाकर 1250 रुपए कर दी है। जिसके लिए वर्तमान बजट में राशि बढ़ा दी गई थी।
मध्य प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले 28 नवंबर को 2 हजार करोड़ का कर्ज लिया ऐसे में इस साल अब तक सरकार 38 हजार 500 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। मध्य प्रदेश सरकार पर 31 मार्च 2022 तक प्रदेश का कुल सार्वजनिक कर्ज 2.95 लाख करोड़ रुपए था।
31 मार्च 2023 तक कुल कर्ज 3 लाख 31 हजार 651 करोड़ रुपए हो गया था। मध्य प्रदेश में 9 अक्टूबर 2023 को चुनावों के ऐलान के तुरंत बाद आदर्श आचार संहिता लागू हुई थी। मध्य प्रदेश की तत्कालीन शिवराज सरकार ने अक्टूबर महीने में 4 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था जबकि, सिंतबर महीने में सरकार ने 4500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। नई मोहन सरकार बनने के बाद भी कर्ज लेने का सिलसिला जारी रहा है।
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