भोपाल। कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े सहित पांच कांग्रेसी नेताओं को दो-दो साल की जेल की सजा कोर्ट ने सुनाई है। भोपाल की मध्य प्रदेश, एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश स्वयं प्रकाश दुबे ने शनिवार को आठ वर्ष पुराने मामले में फैसला सुनाते हुए, मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े सहित पांच आरोपित विवेक त्रिपाठी, आशुतोष चौकसे, आकाश चौहान और धनजी गिरी को दो वर्ष के कारावास और 11-11 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
बता दें, मामला वर्ष 2016 का है। एनएसयूआई में रहते हुए विपिन वानखेड़े ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था। इस दौरान उन्होंने धरना-प्रदर्शन भी किया था। प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों से झूमाझटकी कर मारपीट करते हुए शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न की थी। उस दौरान पथराव भी किया गया था। इस मामले में हबीबगंज थाना पुलिस ने मुकदमा कायम कर विवेचना की थी।
साल 2016 में कांग्रेस छात्र संगठन एनएसयूआई ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था। उस समय व्यापमं घोटाला हुआ था। जिसकी निष्पक्ष जांच और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई कराने के लिए एनएसयूआई सड़कों पर था। प्रदेशभर से जुटे हजारों कार्यकर्ताओं ने राजधानी भोपाल में प्रदर्शन किया था। इसी दौरान विपिन वानखेड़े, विवेक त्रिपाठी, आशुतोष चौकसे, आकाश चौहान और धनजी गिरी घेराव में आगे थे, मौके पर पुलिसकर्मियों से झूमाझटकी कर हुई थी। आरोप यह भी था, आरोपितों ने पुलिस से मारपीट करते हुए शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न किया था। उस दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने पथराव भी किया था।
प्रदर्शन के बाद पुलिस ने कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की थी। उसी दिन पांचों के खिलाफ भोपाल के हबीबगंज थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू की थी। इसी मामले में कोर्ट ने पांचों आरोपितों को 2-2 साल की सजा सुनाई है।
इस मामले में सजा पाने वाले आशुतोष चौकसे वर्तमान में एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष हैं। द मूकनायक से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "कोर्ट का सम्मान है, लेकिन फैसले से सहमत नहीं है। न्याय के लिए हम उच्च न्यायालय का दरबाजा खटखटाएंगे।"
आशुतोष ने आगे कहा, "मध्यप्रदेश में आए दिन घोटाले सामने आते है। 2016 में जब मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था, तब हम व्यापमं घोटाले में छात्रों को न्याय दिलाना चाहते थे। आज जब कोर्ट ने हमें सजा सुनाई तो अब नर्सिंग घोटाला सामने है। भाजपा सरकार छात्रों के साथ अन्याय कर रही है, और जो न्याय मांगने के लिए आंदोलन करते है उन्हें जेल में भेजने काम काम कर रही है। हम सरकार से डरने वाले नहीं है, छात्र हित में न्याय के लिए लड़ते रहेंगे।"
इधर, पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े के कहना है, कि " हम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन ये आंदोलन उस समय का है जब प्रदेश में व्यापम घोटाला हुआ था। आज व्यापम घोटाला, नर्सिंग घोटाले तक पहुंचा है। युवाओं के सपनों को चकनाचूर करने का काम किया है। जब तक युवाओं और जनता को हक नहीं मिलेगा, तब तक कांग्रेस के सिपाही के तौर पर लड़ाई लड़ते रहेंगे।"
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