भोपाल। मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था के वीडियो कई बार सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। हाल ही में ग्वालियर-चंबल संभाग के एक बड़े हॉस्पिटल कमलाराजा महिला एवं बाल चिकित्सालय में चूहों के आतंक का वीडियो सामने आया। वीडियो में कई चूहे खाने की तलाश में बेड के बगल में रखे ड्रोज पर कूदते-फांदते नजर आ रहे हैं।
अस्पताल में मरीज और उनके परिजन इन दिनों चूहों से परेशान हैं। ये चूहे दवाओं और खाने-पीने की चीजों को तो नुकसान पहुंचा ही रहे हैं, नवजातों को भी कुतरने का खतरा है। हालात ये हैं कि परिजन रात-रातभर जागकर मरीज और बच्चों की देखभाल कर रहे हैं। वार्ड में घूमते चूहों की वीडियो बनाकर किसी मरीज के परिजन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की जिसके बाद यह तेजी से वायरल हो गई। वहीं, जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि चूहों को भगाने के सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
ग्वालियर के स्थानीय दैनिक समाचार पत्र के मुताबिक एक मरीज की परिजन गीता ने कहा, 'वार्ड में चूहों की भरमार है। डर लगा रहता है कि चूहा अगर जच्चा या बच्चा को काट लेगा तो इंफेक्शन हो जाएगा। हमारा खाना ही नहीं, मरीज का भोजन भी चूहे खराब कर देते हैं। कई बार अस्पताल कर्मचारियों से इसको लेकर बात की लेकिन वे जवाब तक नहीं देते।
एक अन्य मरीज के परिजन देवेंद्र ने कहा, 'मेरी भाभी की डिलीवरी हुई है। वे यहां तीन दिन से एडमिट हैं। रात में एक चूहे ने मेरे भाई के पैर में काट लिया था। डॉक्टर-नर्स सब देखते रहते हैं। कोई कुछ नहीं करता। कोई सुनवाई नहीं। अब किससे कहें।'
अस्पताल में चूहों के आतंक से मरीज के परिजनों को हर वक्त चिंता रहती है। मेटरनिटी वार्ड होने के कारण यहाँ हर पलंग पर नवजात होते हैं। यहां चूहों ने वार्ड की खिड़कियों को काटकर जगह बना ली है। बाथरूम की नालियों से भी चूहे वार्ड में पहुंच रहे हैं। रात होते ही भोजन के तलाश में निकले चूहों की संख्या दर्जनों में हो जाती है। चूहों के आमद होते ही मरीज के परिजन मजबूरन रातभर जागकर जच्चा-बच्चा की सुरक्षा करते हैं।
इस मामले में अस्पताल के डीन डॉ. आरकेएस धाकड़ ने कहा, 'वीडियो संज्ञान में आते ही हमने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अस्पताल के अधीक्षक और मैनेजर को अस्पताल में पेस्ट कंट्रोल कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों को नोटिस भी दिए गए हैं। जो भी उचित होगा वह कार्रवाई की जाएगी।
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (ट्वीटर) पर कमला राजा अस्पताल के वार्ड का यह वीडियो शेयर किया। पोस्ट पर लिखा है- "इनसे जच्चा-बच्चा को इन्फेक्शन का खतरा है।" यह वीडियो सोशल मीडिया के अन्य यूजरों द्वारा भी पोस्ट किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश के भिंड में प्रशासन की लापरवाही से दूषित जल पीने के कारण तीन लोगों की मौत हो गई, वहीं 70 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं। जिले के फूप में नलों से बदबूदार दूषित पानी पीने से हर दूसरे घर में कोई न कोई बीमार है। लोगों को उल्टी-दस्त हो रहे हैं। सोमवार रात तक मरीजों की संख्या 52 थी, मंगलवार को 24 और नए मरीज सामने आ गए। वार्ड 5, 6 और 7 में 3 दिन में 2 बुजुर्गों और 1 लड़की की मौत हो चुकी है। 70 से ज्यादा लोग बीमार हैं।
फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने 11 एम्बुलेंस अलर्ट मोड पर रखी हैं। इनमें चार एम्बुलेंस मुरैना से भिंड जिला अस्पताल में बुलाई हैं। चार एम्बुलेंस भिंड जिला अस्पताल की हैं। वहीं, तीन को फूप में तैनात किया गया है। उधर, जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डॉ. अवधेश सोनी दूषित पानी पीने से मौत होने की बात को पूरी तरह नकार रहे हैं। वे दो बुजुर्गों की मौत का कारण उनकी पुरानी बीमारी को बता रहे हैं। जबकि परिजनों का आरोप है कि उनकी, तबीयत पानी पीने के बाद बिगड़ी थी।
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