भोपाल। छतरपुर में कोतवाली पर हुए पथराव के बाद कई इलाकों में तनाव का माहौल है। कांग्रेस की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन एक मुस्लिम विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। आरोपी हाजी शहजाद ने वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा है। इस बीच, सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए सीएम डॉ. मोहन यादव पर संविधान की शपथ तोड़ने का आरोप लगाया है।
पथराव के मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली ने वीडियो जारी कर सफाई दी है। उन्होंने इस घटना को किसी की साजिश बताया और सीएम डॉ. मोहन यादव से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
शुक्रवार को जारी वीडियो में आरोपी ने कहा- "किसी ने इस तरह की घटना को अंजाम दिया है। जब टीआई और पुलिस लोगों को रोक रही थी। तभी उनमें झड़प हुई। इस दौरान असामाजिक तत्वों ने पत्थरबाजी की। पुलिस के कहने पर मैंने लोगों को रोका। मुझे भी पत्थर और चप्पल लगी। दोनों तरह से पत्थर चले। पुलिस ने भी पत्थर चलाए। माहौल बिगड़ता देख मैं वहां से निकल गया।"
"मुख्यमंत्री जी के पास सच्चाई नहीं पहुंची। मेरे बारे में पुलिस प्रशासन को गुमराह किया गया। कुछ असामाजिक तत्वों ने ये घटना कराई है। इसकी निष्पक्ष जांच होना चाहिए। मैं सीएम से भी इसकी जांच कराने की मांग करता हूं। जो इसमें उपद्रवी हैं वो अपने आप मिल जाएंगे। जो लोग वहां गए थे वो उपद्रवी नहीं थे।"
आजाद समाज पार्टी प्रमुख और सांसद चंद्रशेखर आजाद ने राज्य सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए एक्स पर पोस्ट किया है। उन्होंने सीएम को पद ग्रहण की याद दिलाते हुए शपथ तोड़ने का आरोप लगाया है।
चंद्रशेखर ने लिखा- मैं मोहन यादव ईश्वर की शपथ लेता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा, मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा, मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अंत:करण से निर्वहन करूंगा तथा मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना, सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार कार्य करूंगा'
मध्य प्रदेश के छतरपुर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के इशारे पर हाजी शहज़ाद के घर को बुल्डोजर से ध्वस्त कर उस शपथ को भी ध्वस्त (बुल्डोज) कर दिया हैं जो उन्होने मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करते समय ली थी क्योंकि जिस तरह घर की एक-एक ईंट को नष्ट किया गया है उसी तरह शपथ का एक-एक शब्द भी नष्ट हुआ हैं।
ऐसा लगता है सरकार ही न्यायपालिका हो गई है, मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट से निवेदन करता हूं कि स्वत: संज्ञान ले, विधि से हटकर होने वाली "बुल्डोजर की कार्यवाहियों" पर रोक लगाएं।
भोपाल मध्य विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को लिखे पत्र में कहा, "21 अगस्त को छतरपुर सिटी कोतवाली में घटी घटना के बाद नाराज छतरपुर पुलिस ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने 22 अगस्त को बिना नोटिस दिए लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिए हैं, जो कि सीधे-सीधे न्याय व्यवस्था के विपरीत है."
आरिफ मसूद ने कहा, "जिस तरह पुलिस प्रशासन ने कार्यवाही के दौरान घरों और वाहनों को जेसीबी और पोखलेन मशीनों से तोड़ा है। उसको देखकर साफ पता चलता है कि मध्य प्रदेश में संविधान लगभग समाप्ति की ओर है, यदि कोई अपराधी अपराध करता है तो उसके लिए न्याय व्यवस्था में कार्यवाही करने के लिए प्रावधान है। मेरा आपसे आग्रह है कि जिस तरह बगैर नोटिस दिए मकानों को तोड़ा गया है। ऐसे में अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाए, जिससे आमजन का विश्वास कानून प्रक्रिया पर बना रहे।"
छतरपुर के जिस इलाके में अघोषित कर्फ्यू जैसी स्थिति है उसे रानी तलैया का इलाका कहते हैं। ये मुस्लिम बाहुल इलाका है। इसी इलाके से पुलिस ने पथराव की घटना के आरोपियों को पकड़ा है। इलाके के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। इस इलाके की रहवासी बस्तियों में पहुंची तो गलियां सूनी पड़ी हैं। कई मकानों पर बाहर से ताला लगा है।
21 अगस्त 2024: शाम 7 बजे, सैकड़ों मुस्लिम समुदाय के लोग सिटी कोतवाली के सामने अपने ज्ञापन देने के लिए इकट्ठा हुए थे। माहौल गंभीर और उत्तेजित था। इस दौरान भीड़ में से कुछ उग्र तत्वों ने अचानक थाने पर हमला बोल दिया। स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने मोर्चा संभाला, लेकिन पथराव में टीआई समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायलों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई गई।
22 अगस्त 2024: घटना के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की। 46 लोगों पर नामजद एफआईआर दर्ज की गई, जबकि 150 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया। इनमें से 30 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कोतवाली से कोर्ट तक इनका जुलूस निकाला, जो प्रशासन के सख्त रुख को दर्शाता है।
22 अगस्त 2024: इस दिन की एक और बड़ी घटना रही जब पथराव के मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली की 20 हजार स्क्वायर फीट में बनी तीन मंजिला हवेली को पुलिस ने प्रशासन के आदेश पर बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। प्रशासन का कहना था कि हवेली अवैध रूप से बनाई गई थी, इसलिए उसे गिराना अनिवार्य था।
23 अगस्त 2024: इस दिन, जुमे के दिन, जहां सामान्यतः रानी तलैया इलाके में चहल-पहल रहती है, वहां सन्नाटा पसरा रहा। इलाके में दोनों प्रमुख मस्जिदों के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिस लगातार इलाके में गश्त करती रही, जिससे किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
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