मध्य प्रदेश: अनुसूचित जाति के जर्जर छात्रावासों को तोड़कर नए भवन बनाने की तैयारी

अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ने अशासकीय अनुदान प्राप्त संस्थाओं को अनुदान राशि स्वीकृत करने से पहले उसकी जाँच-पड़ताल का निर्देश दिया। सावित्री बाई फुले स्व-सहायता समूह योजना के तहत विशेषकर रतलाम, अलीराजपुर, और झाबुआ जिलों की व्यवसायी महिलाओं को इसका लाभ दिए जाने पर भी जोर दिया गया।
मंत्रालय बल्लभ भवन भोपाल
मंत्रालय बल्लभ भवन भोपाल इंटरनेट
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भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। प्रदेश के अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान ने सोमवार को मंत्रालय में हुई विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिए कि राज्य भर में पुराने और जर्जर हो चुके अनुसूचित जाति छात्रावासों को तोड़कर नए भवनों का निर्माण किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य छात्रों को सुरक्षित और सुविधाजनक आवास प्रदान करना है ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो और शिक्षा के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध कराया जा सके।

सरकार के इस कदम से छात्रावासों की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच भी विश्वास और संतोष का वातावरण बनेगा, जो शिक्षा की गुणवत्ता और परिणामों में सकारात्मक बदलाव ला सकेगा।

मंत्री चौहान ने कहा कि सभी जिलों से जर्जर और अनुपयोगी छात्रावास भवनों की सूची मांगी गई है। इन भवनों की पहचान के बाद, उन्हें डिस्मेंटल कर नए और आधुनिक सुविधाओं से युक्त भवनों का निर्माण किया जाएगा। मंत्री ने कहा, "हम यह प्रयास कर रहे हैं कि आवासीय परिसरों में छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिलें, जिससे उनके माता-पिता भी अपने बच्चों को छात्रावास में भेजने में विश्वास महसूस करें।"

अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि राज्य के सभी छात्रावासों में सुविधाओं का विस्तार किया जाए। उन्होंने विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि सभी छात्रावास सुविधा सम्पन्न हों ताकि छात्रों का पढ़ाई में अधिक मन लगे और वे एक सुरक्षित एवं सकारात्मक वातावरण में शिक्षा प्राप्त कर सकें। सभी संभागीय अधिकारियों को समय-समय पर छात्रावासों का निरीक्षण करने और उसकी स्थिति की जानकारी मंत्री को देने के निर्देश भी दिए गए हैं।

नवाचार के भी निर्देश

मंत्री चौहान ने छात्रावासों में नवाचार के रूप में टेलीफोन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इसका उद्देश्य यह है कि छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थी अपने माता-पिता से समय-समय पर बात कर सकें, जिससे उन्हें भावनात्मक संबल मिले और वे घर से दूर भी अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें। इसके अलावा, मंत्री ने अनुसूचित जाति विभाग की अन्य योजनाओं, जैसे छात्रवृत्ति प्रदाय, शिक्षा के लिए प्रोत्साहन, अधोसंरचना विकास, और अस्पृश्यता निवारण की भी समीक्षा की।

आवासीय विद्यालय की समीक्षा

मंत्री चौहान ने ज्ञानोदय आवासीय विद्यालयों में परीक्षा परिणामों पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, और उज्जैन में इन विद्यालयों के परीक्षा परिणाम में गिरावट आई है, जिसके लिए संबंधित प्रिंसिपलों से बैठक कर जानकारी ली जाएगी और सुधार के उपाय किए जाएंगे।

इसके अलावा, मंत्री ने अशासकीय अनुदान प्राप्त संस्थाओं को अनुदान राशि स्वीकृत करने से पहले उसकी जाँच-पड़ताल का निर्देश दिया। सावित्री बाई फुले स्व-सहायता समूह योजना के तहत विशेषकर रतलाम, अलीराजपुर, और झाबुआ जिलों की व्यवसायी महिलाओं को इसका लाभ दिए जाने पर भी जोर दिया गया।

द मूकनायक से बातचीत में मंत्री चौहान ने बताया कि सभी जिलों से भवनों की सूची प्राप्त होने के बाद अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य यह है कि अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए आवासीय परिसर में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, जिससे वे शैक्षणिक सफलता की दिशा में आगे बढ़ सकें,"

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