नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने कई प्रावधानों और एफसीआरए के उल्लघंन के मामले में कम से कम पांच जाने माने गैर सरकारी संगठन के रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए हैं। एफसीआरए के रजिस्ट्रेशन के रद्द होने के बाद अब ये एनजीओ विदेशों से पैसे नहीं ले पाएंगे और ना ही इनके पास जो इस समय पैसा है उसका इस्तेमाल कर पाएंगे।
जिन पांच एनजीओं के रजिस्ट्रेशन रद्द हुए हैं उनमें वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया, सीएनआई सिनोडिकल बोर्ड ऑफ सोशल सर्विसेज, इंडो-ग्लोबल सोशल सर्विस सोसाइटी, चर्च ऑक्जिलरी फॉर सोशल एक्शन और इवेंजेलिकल फेलोशिप ऑफ इंडिया शामिल हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी एनजीओं की तरफ से कोई भी टिप्पणी नहीं की गई है।
एनजीओ को कथित तौर पर उन कामों के लिए पैसे का इस्तेमाल करने के लिए कार्रवाई का सामना करना पड़ा जो उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं थे। एनजीओ ने एफसीआरए के नियमों के उलट गतिविधियों में शामिल होकर कानून का उल्लघंन किया है।
1970 में गठित वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया देशभर में 4500 से ज्यादा स्वास्थ्य और विकास संस्थानों को जोड़ता है। वहीं, सिनोडिकल बोर्ड ऑफ सोशल सर्विसेज चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया का विकास और न्याय बोर्ड है। सीएनआई एसबीएसएस का गठन गरीबों और शोषितों लोगों के लिए हुआ था। इंडो-ग्लोबल सोशल सर्विस सोसाइटी ने अपनी वेबसाइट में कहा है कि वह सत्य, न्याय, स्वतंत्रता और समानता के लिए काम करती है। इसका पहला उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों को मजबूत करना और सतत विकास को बढ़ावा देना है। 1951 इवेंजेलिकल फेलोशिप ऑफ इंडिया का गठन किया गया था। यह राष्ट्र निर्माण में योगदान देता है।
द मूकनायक ने उक्त कुछ एनजीओ के ऑफिसियल इमेल पर मामले की कानूनी कार्यवाहियों पर प्रक्रिया मांगी है. खबर लिखे जाने तक हमें उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. किसी तरह की टिप्पणी प्राप्त होते ही उसे खबर में अपडेट कर दिया जाएगा.
अब तक कुल मिलाकर कई एनजीओं के एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए गए हैं। 2012 से 20,721 एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए गए हैं। 2012 में 3,924 एफसीआरए रद्द किए गए, 2013 में 4, 2014 में 59, 2015 में 10,002, 2016 में 6, 2017 में 4,863, 2018 में 1, 2019 में 1,839, 2020 में 3, 2021 में 3, 2022 में 15, 2023 में 4 एनजीओ के रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए हैं। 1 फरवरी तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 2012 से 2,580 एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द होने के साथ तमिलनाडु पहले नंबर पर है, इसके बाद महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में 2,025, उत्तर प्रदेश में 1,820 और पश्चिम बंगाल में 1,717 हैं।
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