MP के रतलाम में घटिया साइकिल वितरण मामला: आदिवासी विधायक ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की

सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने कलेक्टर को लिखे अपने पत्र में कहा कि स्कूलों में वितरित की जा रही साइकिलें स्थानीय प्रशासन की देखरेख में वितरित की जा रही हैं, लेकिन इनकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि उनके उपयोग से दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है।
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भोपाल। मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के सैलाना विधानसभा क्षेत्र में सरकारी योजनांतर्गत वितरित की जा रही साइकिलों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठे हैं। स्थानीय विधायक कमलेश्वर डोडियार ने इस मामले को उठाते हुए जिला कलेक्टर से उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। विधायक ने कहा कि सैलाना के सरकारी स्कूलों में छात्रों को दी जा रही साइकिलें न केवल घटिया गुणवत्ता की हैं, बल्कि उनसे छात्रों की सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है।

डोडियार ने कलेक्टर को लिखे अपने पत्र में कहा कि स्कूलों में वितरित की जा रही साइकिलें स्थानीय प्रशासन की देखरेख में वितरित की जा रही हैं, लेकिन इनकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि उनके उपयोग से दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि साइकिलों के पहिये बेहद कमजोर हैं, जिनमें लोहे की क्वालिटी निम्न स्तर की है। इससे साइकिलें टूटने का खतरा बना रहता है, और कई छात्र पहले ही इन खराब साइकिलों की वजह से चोटिल हो चुके हैं।

विधायक ने साइकिलों का किया निरीक्षण

विधायक ने अपने निरीक्षण के दौरान पाया कि कुछ साइकिलों के पेडल टूट चुके थे और चेन भी कमजोर थी। साइकिल की अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों की गुणवत्ता भी बहुत खराब पाई गई, जिससे छात्र इनका सही तरीके से उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। यह भी आरोप लगाया गया कि स्कूलों में यह साइकिलें गुणवत्ता की जांच किए बिना ही बांटी जा रही हैं, जो सरकारी योजना के उद्देश्यों के विपरीत है।

सुरक्षा पर उठे सवाल

साइकिल वितरण का मुख्य उद्देश्य छात्रों को स्कूल आने-जाने में सुविधा प्रदान करना था, लेकिन विधायक ने कहा कि अगर यह साइकिलें इसी प्रकार की रहेंगी तो छात्रों के लिए यह लाभकारी होने के बजाय हानिकारक साबित हो सकती हैं। ऐसे में प्रशासन की जवाबदेही बनती है कि वह इस मामले की गहराई से जांच करे और दोषियों पर कार्रवाई हो।

विधायक ने जांच के लिए लिखा पत्र
विधायक ने जांच के लिए लिखा पत्र

उच्चस्तरीय जांच की मांग

कमलेश्वर डोडियार ने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच टीम गठित की जाए, ताकि पता चल सके कि साइकिलों की गुणवत्ता में इतनी कमी क्यों आई और इसका जिम्मेदार कौन है। उन्होंने कलेक्टर से कहा कि जांच टीम जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपे, ताकि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके और छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली साइकिलें उपलब्ध कराई जा सकें।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने बताया, की छात्रों को साइकिल योजना के अंतर्गत उपलब्ध कराई जा रही साइकिल एकदम घटिया गुणवत्ता की है, इसकी जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, "फिलहाल कलेक्टर को पत्र लिखकर जांच की मांग की है, यदि संतोषजनक कार्रवाई नहीं होती तो। मुख्यमंत्री को इससे अवगत कराएंगे यह विषय विधानसभा में उठाएंगे। छात्रों की सुरक्षा जरूरी है।"

क्या है साइकल योजना?

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए साइकिल वितरण योजना चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य बच्चों को स्कूल पहुंचने में मदद करना है। इस योजना के तहत, उन गांवों के बच्चों को साइकिल प्रदान की जाती है जहां सेकेंडरी या हाई स्कूल की सुविधा नहीं है। यह योजना खासकर उन विद्यार्थियों के लिए है जिन्होंने कक्षा 6 या कक्षा 9 में एडमिशन लिया हो। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्रों के हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों या ऐसे छात्र-छात्राओं को, जिनका स्कूल 2 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित है, भी साइकिल दी जाएगी।

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