लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ के रिहायशी इलाके गोमती नगर से जुड़ा अकबरनगर पूरी तरह ध्वस्त हो गया। कभी यहां चहल-पहल रहती थी। तड़के सुबह नमाज तो सूरज उगते ही मंदिर में आरती और भजन हुआ करता था। जिंदगी आबाद थी। लेकिन सरकारी कागजों में बस्ती अवैध तरीके से बसी थी। अंततः इसे ढहा दिया गया। मंगलवार देर रात तक सभी अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए गए। धार्मिक स्थलों को भी गिरा दिया गया। ध्वस्तीकरण अभियान आठ दिन तक चला।
लखनऊ में गैरकानूनी ढंग से बसाए गए अकबरनगर का अंतत: अंत हो गया। आठ दिन के अभियान में अकबरनगर के सभी 1240 मकान, काम्प्लेक्स और दुकानें गिरा दी गईं। मौके पर पांच-पांच मंजिला मकानों और दुकानों की जगह अब केवल मलबा ही बिखरा है। एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने इसकी पुष्टि की है। कुकरैल नदी की जमीन पर कब्जा कर लोगों ने काम्प्लेक्स, शोरूम, दुकानें तथा बड़ी संख्या में मकान बना लिए थे। शासन के निर्देश पर कुकरैल का सुन्दरीकरण किया जाना है। इसके लिए सर्वे हुआ तो पता चला कि पूरा अकबर नगर प्रथम व द्वितीय नदी की जमीन पर ही बसा है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इसके लिए पिछले वर्ष इनके निर्माणों को ध्वस्तीकरण की नोटिस दी थी। कोई भी भवन स्वामी जमीन के मालिकाना हक का दस्तावेज नहीं दिखा पाया था। जिसके बाद प्राधिकरण के विहित प्राधिकारी ने इनके ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया था। एलडीए के आदेश के खिलाफ लोग हाईकोर्ट गए। हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली तो सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट ने भी अवैध कब्जेदारों को राहत नहीं दी।
अदालत के आदेश के अनुपालन में एलडीए ने 10 जून को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कराई। 18 जून को सभी निर्माण ध्वस्त कर दिए गए। बीच में एक दिन 17 जून को केवल कार्रवाई रुकी। बाकी लगातार सुबह से देर रात तक चली। मंगलवार को सुबह छह बजे से फिर दस्ते ने ध्वस्तीकरण शुरू कराया। रात के आठ बजे तक सभी निर्माण ध्वस्त करा दिए गए। रात में तीन धार्मिक स्थल बचे थे। उन्हें भी देर रात ढहाना शुरू कर दिया गया। अकबर नगर प्रथम में कई धार्मिक स्थल बने थे। लेकिन एलडीए और नगर निगम के दस्ते ने इन्हें भी ध्वस्त करा दिया। केवल अकबर नगर द्वितीय के ही तीन निर्माण रात में बचे थे। जिन्हें गिराया जा रहा था। बाकी कोई धार्मिक स्थल नहीं छूटा।
एलडीए यहां का मलबा भी हटवाएगा। इसके लिए टेण्डर कराया गया है। टेण्डर में एलडीए को इसका पैसा भी मिलेगा। जो भी इसे लेगा निर्धारित रकम एलडीए में जमा करनी होगी। इसके बाद वह मलबा हटाएगा। एलडीए मकानों को तोड़ने का खर्च इसी से निकालेगा। यहां 50 लाख के खर्च का अनुमान है।
अकबरनगर में बुधवार को भी सुबह छह से ध्वस्तीकरण अभियान की समाप्ति तक ट्रैफिक डायवर्जन लागू रहेगा। इस बीच पॉलीटेक्निक और आईटी की ओर से अकबरनगर की ओर आवागमन करने वाले वाहन वैकल्पिक मार्गों से आ-जा सकेंगे। पॉलीटेक्निक से आने वाले वाहन अकबरनगर की तरफ नहीं जा सकेगा।
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