Women's Day 2024: महिलाओं ने संभाला मोर्चा, कहा- "अकेले नहीं है किसान"

महिला दिवस के दिन हरियाणा पंजाब बॉर्डर पर किसान महिलाओं ने मोर्चा संभालकर महिला दिवस मनाया. महिलाओं ने कहा कि जब तक सरकार किसानों की मांग नहीं मानती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.
किसान महिलाओं ने मोर्चा संभालकर महिला दिवस मनाया.
किसान महिलाओं ने मोर्चा संभालकर महिला दिवस मनाया. The Mooknayak
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अंबाला/जींद/चरखी दादरी: किसान आंदोलन में महिला दिवस पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया. हरियाणा पंजाब बॉर्डर पर किसान महिलाओं ने इस खास दिन का जश्न मनाया. शुक्रवार को हरियाणा पंजाब से भारी संख्या में महिलाएं शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल हुई और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस मौके पर साक्षी मालिक भी शंभू बॉर्डर पहुंची और किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया.

जींद में महिलाओं ने संभाला मोर्चा

ईटीवी भारत में प्रकाशित खबर के अनुसार जींद में भी महिलाओं ने ही आंदोलन की कमान संभाली. हरियाणा पंजाब के दाता सिंह वाला बॉर्डर पर भारी संख्या में महिलाएं महिला दिवस के मौके पर इकट्ठा हुई और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इसके अलावा महिलाओं ने ही मंच का संचालन किया. महिलाओं ने कहा कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा, तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.

 चरखी दादरी में नेशनल हाईवे के पास फोगाट खाप प्रधान बलवंत सिंह की अगुवाई में एक मार्च को धरना शुरू किया गया था. जो आठवें दिन भी जारी रहा. महिला दिवस के दिन धरने पर काफी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया. इस धरने में आशा वर्कर भी शामिल रही. आशा वर्कर्स की जिला उपाध्यक्ष कमलेश भैरवी ने कहा कि किसान लंबे समय से सड़कों पर हैं.

आशा वर्कर ने कहा कि सरकार किसानों की बात सुनने की बजाय किसानों को दबाने के लिए उन पर गोली, लाठी-डंडे, आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार करवा रही है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा, तब तक वो पीछे नहीं हटेंगे. लोकसभा चुनावों में किसान और आशा वर्कर मिलकर सरकार को इसका करारा जवाब देंगी. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान बीजेपी का बहिष्कार किया जाएगा.

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