जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने किसानों को बिजली बिलों में राहत तो दी है, लेकिन बिजली निगम कर्मियों की मनमानी किसानों की जान भी ले रही है। राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले के मलारना डूंगर उपखण्ड के भारजा गद्दी गांव में शनिवार सुबह बिजली कर्मियों की लापरवाही ने एक 60 वर्षीय किसान की जान ले ली। मामले में, किसान हाजी रहीमुद्दीन (60) पुत्र हुसैन की मौत बिजली निगम कर्मियों की लापरवाही से होने की बात बिजली निगम के अधिशाषी अभियंता अशोक कुमासर बुजोठिया ने स्वीकार की है।
अधिशाषी अभियंता ने स्पष्ट रूप से माना कि कनिष्ठ अभियंता अखिलेश शर्मा ने सही से मॉनिटरिंग की होती तो हाजी रहीमुद्दीन की मौत नहीं होती। हालांकि, हादसे के बाद एक व्यक्ति की शिकायत के बाद स्थानीय लाईनमैन सन्तोष महावर को निलंबित कर इतिश्री कर ली गई। साथ ही पीड़ित परिवार को विभागीय नियमानुसार 5 लाख रुपये आर्थिक मुआवजा देने की घोषणा की गई।
भारजा गद्दी गांव में भाड़ौती 33 केवी जीएसएस से बिजली सप्लाई होती है। इसी परिसर में बिजली निगम का भाड़ौती कनिष्ठ सभियन्ता कार्यालय है। जीएसएस से रसूलपुरा फीडर के माध्यम से विद्युत सप्लाई होती है। इस क्षेत्र में कृषि कनेक्शनों तक जा रही 11 केवी लाइन के तार कमजोर है, जो आये दिन टूटते रहते हैं।
गत दिनों हाजी रहीमुद्दीन के कुएं से निकल रही 11 केवी का तार टूट कर पेड़ पर गिरा तो पेड़ जल गया। सूचना पर बिजली निगमकर्मियों ने यहां 11 केवी क्षमता की जगह एलटी (सिंगल फेज) घरेलू कनकेशन के लिए सप्लाई वाला तार 11 केवी लाइन के तारो में जोड़ दिया। इस बात को लेकर निगम के कनिष्ठ अभियंता को भी शिकायत की गई, लेकिन कनिष्ठ अभियंता ने सुनवाई नहीं की। कमजोर तार होने के कारण यह हादसा हुआ।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया मृतक हाजी रहीमुद्दीन शनिवार को ईद के लिए कपड़े लेने मलारना डूंगर जाने वाला था। सुबह बाजार जाने से पहले घर वालों से कहा कि में खेत सम्भाल कर आता हूँ। खेतों पर कुए के नजदीक पहुंचा तो सुबह 8 बजे के लगभग अचानक 11 केवी बिजली का तार टूट कर उनके ऊपर गिर गया। करंट का झटका लगते ही वह जमीन पर धड़ाम से गिर गए। देखते ही देखते शरीर झुलसने लगा। धुंआ उठता देख पड़ोसी मौक़े पर पहुंचे। बिजली सप्लाई बंद के करने के लिए जीएसएस पर फोन किया। काफी देर बाद सप्लाई बंद हुई। तब तक रहीमुद्दीन की मौत हो चुकी थी।
उप प्रधान फजरुद्दीन ने कहा कि यह सीधे तौर पर बिजली निगम की लापरवाही है। यहां 11 केवी के तारों में इन्होंने सिंगल फेज का तार लगा रखा था। यहां जॉइंट वाले तारों से 11 केवी सप्लाई होती है। इन्हें बदलने के लिए कई बार पंचायत समिति की साधरण सभा की बैठक में भी यह मुद्दा उठाया, लेकिन विभाग ने तारों को नहीं बदला। यह सीधे तौर पर बिजली निगम की लापरवाही है।
सेवानिवृत शिक्षक हाजी शमसुद्दीन ने कहा कि "आज से पांच दिन पहले शिकायत की थी इन लोगों से लेकिन कोई नहीं आया। उन्होंने ने बिजली निगम के कार्मिकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों ने यहां प्राइवेट आदमी तैनात कर रखे हैं। उपभोक्ता शिकायत करता है तो, पहले पांच रुपये लेते हैं। उसके बाद समस्या समाधान करते हैं। यह मेरी नहीं पूरे इलाके की शिकायत है। हम आपको पूरे इलाके की लाइन दिखाते हैं। आप खुद देख लें क्या स्थिति है।"
एक्सईएन का कहा है कि, "11 केवी में सिंगल फेज सप्लाई का वायर जोड़ दिया था। लापरवाह कनिष्ठ अभियंता पर कार्रवाई करेंगे।"
बिजली निगम के अधिशाषी अभियंता सवाईमाधोपुर अशोक कुमार मुजोठिया ने कहा सुबह सूचना मिली कि ग्राम भारजा गद्दी गांव में विद्युत करंट लगने से एक व्यक्ति की मौत हुई है। सूचना मिलते ही सबसे पहले जीएसएस पर फोन कर बिजली बंद करने की कार्रवाई की। इसके बाद सहायक अभियंता को भी जानकारी दी। इसके बाद में खुद मौके पर आया। ग्रामीणों की मौजूदगी में घटना स्थल का निरीक्षण किया। यहां 11केवी बिजली का तार टूटा मिला। 11 केवी में सिंगल फेज का इंसुलेटेड एबी केबल लगा हुआ था। उसमे जॉइंट होने की वजह से यह तार टूटा और यह घटना घटित हुई। घटना की मौका रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेज रहे हैं। जो भी सक्षम जांच अधिकारी नियुक्त होगा उसकी रिपोर्ट के आधार पर विभागीय नियमानुसार जो भी मुआवजा होगा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया जो लाईनमैन है हमने उसको निलम्बित कर दिया है। कनिष्ठ अभियंता की सुरविजन में लापरवाही का मामला है। उसके खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेज रहे हैं। कनिष्ठ अभियंता पर भी कार्रवाई होगी।
भारजा गद्दी गांव में शनिवार सुबह बिजली करंट से किसान की मौत के चार घण्टे बाद मौके से शव उठाया गया। हादसे के बाद निगम के सहायक अभियंता नरेंद्र बजाड़ के साथ मौके पर पहुंची पुलिस ने शव उठाना चाहा तो, पीड़ित परिवार ने लापरवाह निगम कर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने व आर्थिक मुआवजे की मांग को लेकर शव उठाने से मना कर दिया। स्थिति बिगड़ती देख एसडीएम किशन मुरारी मीना भी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों की मांग पूरी करने में खुद को अक्षम बताते हुते एसडीएम ने पूरे घटनाक्रम से कलक्टर को अवगत कराया। इसके बाद बिजली निगम की और से अधिशाषी अभियंता अशोक कुमार मुजोठिया पहुंचे। इन्होंने दोषी कर्मचारी व अधिकारियों के निलंबन करने व विभागीय स्तर पर मुआवजा दिलाने का आश्वाशन या। तब चार घण्टे बाद परिजनों ने शव उठाया।
इस दौरान दोन्दरी निवासी नियामत खान ने कहा कि "आखिर बिजली कर्मियों की लापरवाही कब तक किसानों की जान लेती रहेगी। यहां एक जान की कीमत पांच लाख रुपये है?"
उन्होंने कहा "हादसा और हादसे का कारण सबके सामने है। बिजली अधिकारी भी लापरवाही की बात स्वीकार रहे हैं। ऐसे में हम चाहते हैं कि दोषी अधिकारी व कर्मचारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो। बिजली निगम के सक्षम अधिकारी खुद मुकदमा दर्ज कराए। तब जाकर पीड़ित को इंसाफ मिलेगा।"
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.