उत्तर प्रदेश। भारतीय किसानों द्वारा की जाने वाली आत्महत्याओं में कई बड़े कारणों में से कर्ज एक प्रमुख आत्महत्या की वजह मानी जाती है। ताजा मामला यूपी के इटावा जिले से सामने आया है जहां कथित तौर पर कर्ज अदा न कर पाने से परेशान एक किसान ने अपने खेत में एक पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। चौविया थानाक्षेत्र की इस घटना में पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
चौविया थाने के एसएचओ मंसूर अहमद ने बताया कि थानाक्षेत्र के गांव चौविया में गुरुवार की देर रात विकास जाटव (30) ने अपने खेत में पेड़ से फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली।
एसएचओ ने बताया कि विकास शाम को घर से खेतों पर धान रोपने गया था और रात को वापस घर नहीं लौटा। शुक्रवार सुबह लोगों ने उसका शव पेड़ से लटका देखा तब पुलिस को सूचित किया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मृतक की पत्नी रीता देवी के अनुसार, विकास ने एक साहूकार से डेढ़ लाख रुपए कर्ज पर लिए थे और कर्ज अदा न कर पाने और बढ़ते कर्ज से वह बीते एक हफ्ते से परेशान और चिंतित रहता था, इसीलिए उसने यह कदम उठाया।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2022 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में हर दिन 154 किसान और दिहाड़ी मजदूर आत्महत्या करते हैं, 2021 में यह संख्या 144 थी।
किसानों की आत्महत्या के सबसे ज़्यादा मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए, उसके बाद कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश का स्थान है। वर्ष 2021 में कृषि क्षेत्र से जुड़े कुल 10,881 लोगों (जिनमें 5,318 किसान/खेतीकर्ता और 5,563 कृषि मजदूर शामिल हैं) ने आत्महत्या की।
पुरुष किसानों की संख्या महिलाओं (208) की तुलना में अधिक (4,999) थी।
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