आज देश भर में किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च, WTO, अंबानी-अडानी का पुतला फूंका

जब खनौरी बॉर्डर पर 21 फरवरी को किसान दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे तो पुलिस द्वारा की गई कारवाई से एक युवा किसान की मौत हो गई थी। इसके और वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन की नीतियों के विरोध में किसानों ने सोमवार 26 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया था। ऐसे में आज पूरे देश में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला और WTO, मोदी-खट्टर, अंबानी-अडानी और कॉरपोरेट घरानों के पुतले फूंके।
मोदी-खट्टर और अंबानी-अडानी का पुतला फूंका.
मोदी-खट्टर और अंबानी-अडानी का पुतला फूंका.
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नई दिल्ली। किसान आंदोलन का आज सोमवार को 14वां दिन है। पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर 13 फरवरी से किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच आज किसानों के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला। वहीं किसानों द्वारा वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के पुतले भी फूंकें गए।

जब खनौरी बॉर्डर पर 21 फरवरी को किसान दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे तो पुलिस द्वारा की गई कारवाई से एक युवा किसान की मौत हो गई थी। इसके और वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन की नीतियों के विरोध में किसानों ने सोमवार 26 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया था। ऐसे में आज पूरे देश में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला और WTO, मोदी-खट्टर, अंबानी-अडानी और कॉरपोरेट घरानों के पुतले फूंके।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मीडिया को दिए अपने बयान में दावा किया, "हमें जो खबरें आ रही है उसके मुताबिक, आज देश भर के 13 राज्यों और 70 हजार गांवों में WTO का अर्थी दहन का कार्यक्रम हुआ। आज खनौरी और शंभू बॉर्डर पर हमने WTO(वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन) का अर्थी दहन किया। आज ये आंदोलन पूरे देश भर में हुआ, हर एक जगह पर अर्थी जलाई जा रही है, कार्यक्रम हो रहे हैं... अब यह आंदोलन पूरे देश में हर गली, कूचे में पहुंच गया है।"

हजारों ट्रैक्टर लेकर पहुंचे किसान

मीडिया रिपोर्पंट के मुताबिक, पंजाब के संगरूर में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाली, जिसमें हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर पहुंचे। किसानों ने संगरूर से खनौरी बॉर्डर तक करीब 40 किलोमीटर के एरिया में हजारों ट्रैक्टर लेकर किसान लुधियाना-हिसार के रास्ते दिल्ली को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे पर निकले। हरियाणा पुलिस की ओर से सीमेंट की दीवारें बनाकर किसानों को रोका गया है, लेकिन वे दिल्ली आकर अपना विरोध दर्ज करना चाहते हैं।

आंदोलन तेज हो रहा है, व्यापक पैमाने पर हमें सपोर्ट मिल रहे हैं - पंधेर

सरवन सिंह पंधेर कहा, "हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह आंदोलन MSP गारंटी कानून बनाने तक, देश के किसान मजदूर का कर्जा खत्म करने तक, लखीमपुर खीरी का इंसाफ लेने तक, C2+ 50% के साथ फसलों के दाम लेने तक, सभी केस वापस करने तक, बिजली बिल 2023 वापस करवाने तक, पॉल्यूशन से खेती को बाहर निकालने तक, फसली बीमा योजना लागू करवाने तक, मजदूरों को 200 दिन नरेगा 700 दिहाड़ी और WTO से भारत बाहर आए...इन मांगों को लेकर आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मान लेती। यह आंदोलन पूरी दुनिया में सारे देश के जितने भी संगठन बाहर रह गए हैं उनका न्योता आ रहा है...सभी इक्कठे हो रहे हैं, आंदोलन बड़ा हो रहा है। व्यापक पैमाने पर हमें सपोर्ट मिल रहे हैं, यह शुभ संकेत है। आंदोलन पूरी चर्म सीमा पर है और आगे और बढ़ रहा है। आंदोलन में माताएं बहनें बड़ी तादात में शामिल हो रही हैं, छोटे बच्चे आ रहे हैं...पूरे अमन ढंग से हम आगे बढ़ रहे हैं, आंदोलन तेज हो रहा है।"

दो हफ्ते से अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं किसान

बता दें कि फिलहाल, किसानों ने दिल्ली कूच के फैसले को 29 फरवरी तक रोक दिया है। हालांकि वे पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर लगातार डटे हुए हैं। किसान यहां दो हफ्ते से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, उनका कहना है कि जबतक उनकी मांगे नहीं मान ली जाती वे आंदोलन जारी रखेंगे।

इससे पहले, रविवार (25 फरवरी) को किसानों ने केंद्र से वार्ता के संकेत दिए थे। किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के कोऑर्डिनेटर सरवन सिंह पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर कहा -''सरकार बॉर्डर और इंटरनेट खोलने का काम कर रही है। अब इस माहौल में सही से बातचीत हो सकेगी।''

वहीं संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के प्रधान जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि "सरकार किसानों को गोली मारने वालों पर कार्रवाई करे। पंजाब के अंदर घुसकर किसानों को उठाने, पीटने और ट्रैक्टर तोड़ने वालों पर भी कार्रवाई हो।"

वहीं ट्रैक्टर मार्च को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा विरोध करने का अपना तरीका है। ट्रैक्टर श्रृंखला एक प्रोग्राम है कि दिल्ली जाने वाले खासतौर पर डिवाइडर वाले हाइवे पर ट्रैक्टर लगाओ। जैसे- अगर हरिद्वार-दिल्ली हाइवे है तो उस पर हरिद्वार, मेरठ और गाजियाबाद के लोग रहेंगे। ऐसे ही मुरादाबाद साइड के लोग हैं... हापुड़, अमरोहा साइड के लोग हैं। ऐसे ही हरियााणा में रोहतक साइड के लोग हैं। "एक नए तरीके का प्रदर्शन का ये प्रोग्राम बनाया है, जिससे सरकारें बात सुनें। सरकारों के दिमाग से किसान शब्द न निकले तो ये प्रोग्राम करने पड़ते हैं।"

मोदी-खट्टर और अंबानी-अडानी का पुतला फूंका.
किसानों ने कहा - “आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है सरकार”

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