सिरसा : बंद रास्ते, रेलवे ट्रैक पार करने की मजबूरी और दो मौतें, परिवार ने कहा - "दवाई लेने जा रहे थे "

मृतकों की पहचान डिप्टी सिंह (50 वर्ष) और अमनदीप सिंह (30 वर्ष) के रूप में हुई है। यह सूचना भी हमें उनके परिवार वालों ने दी, इस बारे में 'द मूकनायक' ने उनके परिवार वालों से बातचीत की। डिप्टी सिंह के बारे में बताते हुए उनके परिवार के सदस्य सोनू हमें बताते हैं - "वे हमारे चाचा लगते हैं, उनकी सास अस्पताल में भर्ती हैं...उनका इलाज चल रहा है, वे उन्हीं के लिए दवाई लेने जा रहे थे।"
सिरसा : बंद रास्ते, रेलवे ट्रैक पार करने की मजबूरी और दो मौतें, परिवार ने कहा - "दवाई लेने जा रहे थे "
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नई दिल्ली। सिरसा में घग्घर रेलवे पुल पर सोमवार को गोरखधाम एक्सप्रेस के नीचे आने से दो लोगों की मौत हो गई। दोनों लोग एक ही बाइक पर सवार थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरी बाइक पर सवार दो युवकों का अभी तक कुछ पता नहीं चला है। उनकी बाइक भी रेलगाड़ी की टक्कर से टूट गई।

खेतों में काम कर रहे लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। इसके बाद राजकीय रेलवे पुलिस मौके पर पहुंची। एक युवक का शव रेलवे पुल पर पटरी के बीच पड़ा मिला जबकि दूसरे युवक के शव के कई हिस्से पुल के नीचे मिले।

"अब परिवार का क्या होगा..."

मृतकों की पहचान डिप्टी सिंह (50 वर्ष) और अमनदीप सिंह (30 वर्ष) के रूप में हुई है। यह सूचना भी हमें उनके परिवार वालों ने दी, इस बारे में 'द मूकनायक' ने उनके परिवार वालों से बातचीत की। डिप्टी सिंह के बारे में बताते हुए उनके परिवार के सदस्य सोनू हमें बताते हैं - "वे हमारे चाचा लगते हैं, उनकी सास अस्पताल में भर्ती हैं...उनका इलाज चल रहा है, वे उन्हीं के लिए दवाई लेने जा रहे थे। मुख्य रास्ते बंद होने की वजह से उन्होंने रेलवे ट्रैक होते हुए जाना चुना और ये हादसा हो गया। उनके तीन बच्चे हैं, अब परिवार का क्या होगा..."

दूसरे मृतक अमनदीप के बारे में सोनू ने बताया कि वे भी चाचा के साथ ही जा रहे थे। उनकी भी शादी हो गई है और उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं।

"सिरसा में हुए मौत के लिए सरकार जिम्मेदार - सरवन सिंह पंधेर "

वहीं इस घटना के बारे में सरकार को घेरते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा - कल हिसार में रेल के नीचे आने से हुई दो लोगों की मौत बहुत दुखद है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। सरकार जिस तरह से आम जन के लिए रास्ता रोके हुए है, उसके चलते किसानों को परेशानी हो ही रही है, आम जन को भी बहुत परेशानी हो रही है। हम फिर से मांग करते हैं कि सरकार रास्ते खोले और लोकतांत्रिक प्रदर्शन करने के अधिकारों की रक्षा करे और आम जन को परेशान करना बंद करे। हम किसान मजदूर मोर्चा की तरफ से दोनों मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।"

ये दोनों व्यक्ति नथोर, ब्लॉक रैना (सिरसा) के रहने वाले थे। सोनू ने 'द मूकनायक' को बताया कि सिरसा नथोर से करीब 7 किलोमीटर दूर है, जहां वे दवाई लेने जा रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने किसान आंदोलन को लेकर सारे रास्ते ब्लॉक कर रखे हैं जिसके कारण लोग रेलवे ट्रैक का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, हमने उनके परिवार के और भी सदस्यों से बात करने की कोशिश की लेकिन फिलहाल यह संभव नहीं हो पाया।

सिरसा आने के लिए कच्चे रास्ते से होकर रेलवे लाइन का इस्तेमाल करते हैं आम जन

बातचीत के मुताबिक, सिरसा के गांव खैरेकां के पास प्रशासन ने किसानों के दिल्ली कूच करने से रोकने के लिए नेशनल हाईवे 9 पर बड़े बैरिकेड्स और पिलर लगाकर इसे बंद कर दिया है। ऐसे में बाइक सवार काफी लोग सिरसा आने के लिए कच्चे रास्ते से होकर रेलवे लाइन पार करके सिरसा आ रहे हैं। ऐसे में सोमवार को दो बाइक सवार चार युवकों ने इस रेलवे ट्रैक का इस्तेमाल किया और उन्हें इनकी कीमत जान देकर चुकानी पड़ी।

भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, जब वे रेलवे ट्रैक से जा रहे थे, उसी दौरान सिरसा से बठिंडा जाने वाली गोरखधाम एक्सप्रेस आ गई और दोनों बाइक सवार इसकी चपेट में आ गए। रेलगाड़ी की टक्कर से बाइक बुरी तरह से टूट गया। यह आवाज सुनकर खेत में काम कर रहे लोग रेलवे पुल पर पहुंचे तो एक युवक का शव रेलवे पटरी के बीच पाया और दूसरे युवक के शव के कई हिस्से पुल के नीचे पड़े मिले। जबकि दूसरे बाइक पर सवार युवकों का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है।

इसके बाद लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। जीआरपी थाने से प्रभारी सब इंस्पेक्टर रणबीर सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंची। पुलिसकर्मियों ने शवों की पहचान इधर-उधर पड़े कागज और लिफाफे की मदद से किया। पुलिस को एक बाइक की आरसी भी मिली। ये आरसी किसी महिला के नाम है और वह सिरसा के गांव नथोर की रहने वाली हैं।

जीआरपी थाना प्रभारी रणबीर का कहना है कि उनके पास सूचना आई थी कि घग्घर रेलवे पुल पर हादसे में दो युवकों की मौत हो गई है, इसके बाद वे मौके पर घटनास्थल पर पहुंचे और जांच पड़ताल की।

13 फरवरी से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं किसान

बता दें कि पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर 13 फरवरी से किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने पहले ही दिन दिल्ली की ओर कूच करना शुरू कर दिया था। हालांकि, किसानों ने दिल्ली कूच के फैसले को 29 फरवरी तक रोक दिया है। हालांकि वे पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर लगातार डटे हुए हैं। किसान यहां दो हफ्ते से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, उनका कहना है कि जबतक उनकी मांगे नहीं मान ली जाती वे आंदोलन जारी रखेंगे।

वहीं सरकार ने किसानों को रोकने के लिए पंजाब, हरियाणा से लेकर दिल्ली तक रास्ते बंद कर रखे हैं और भारी संख्या में पुलिस फोर्स लगा रखा है। नुकीली कीलें, बैरिकेड्स, सीमेंट के ब्लॉक और तारें बिछा कर रास्ते बंद कर दिए गए हैं। रास्ते बंद होने की वजह से किसानों के साथ-साथ आम जन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और उनकी दिनचर्या बाधित हो रही है। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि आम जनों को हो रही इस परेशानी और कल हुए दो लोगों की मौत के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है?

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