राजस्थान: शोषण के खिलाफ 16 फरवरी को 'भारत बंद' आंदोलन की तैयारियों के लिए एकजुट हुए किसान

राजस्थान किसान सभा ने जयपुर में बंद को लेकर किया निर्णय।
भारत बंद आंदोलन की तैयारियों को लेकर चर्चा करते राजस्थान किसान सभा के पदाधिकारी
भारत बंद आंदोलन की तैयारियों को लेकर चर्चा करते राजस्थान किसान सभा के पदाधिकारी
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जयपुर। किसान व मजदूरों के शोषण के खिलाफ देशभर के किसान, मजदूर व सामाजिक संगठन लामबंद हो रहे हैं। 16 फरवरी को प्रस्तावित भारत बंद के समर्थन में राजस्थान किसान संघ भी तैयारियों में जुट गया है। राजस्थान किसान संघ अन्य मजदूर संगठनों को साथ लेकर प्रदेश में भारत बंद आंदोलन में शामिल होगा।

आगामी 16 फरवरी को प्रस्तावित भारत बंद की तैयारियों को लेकर राजस्थान किसान संघ ने जयपुर में प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की। राजधानी जयपुर में राजस्थान किसान सभा प्रदेशाध्यक्ष तारा सिंह सिद्धु की अध्यक्षता में कुमार नंद भवन अथरोई स्थित प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैठक में भारत बंद की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रदेशाध्यक्ष तारा सिंह सिद्धु ने कहा कि, भाजपा शासित केन्द्र सरकार पूंजीपतियों के समर्थन में निर्णय कर मजदूर, किसान, छोटे व्यापारी तथा आमजन का शोषण कर रही है। सरकार के किसान व मजदूर विरोधी निर्णयों से केवल बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार व जमाखोरी को बढ़ावा मिल रहा है। किसान, मजदूर व छोटे व्यापारियों के शोषण को रोकने के लिए हमें संघर्ष करना होगा।

राजस्थान किसान सभा के प्रदेश महासचिव कैलाश गहलोत ने कहा कि, भाजपा शासित केन्द्र सरकार आमजन की वाजिब समस्याओं को दरकिनार कर धार्मिक आडंबरों में ध्यान लगाने का प्रयास कर रही है। आमजन रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा है। इस हालात से निपटने के लिए देशभर के सैकड़ों संगठनों का संयुक्त मोर्चा 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान कर चुका है। भारत बंद को सफल बनाने के लिए राजस्थान किसान सभा के पदाधिकारी भी प्रदेश भर में आंदोलन करेगा।

भारत बंद में यह रहेगी प्रमुख मांगे

राजस्थान किसान सभा सवाईमाधोपुर जिलाध्यक्ष कानजी लाल मीणा ने कहा कि भारत बंद के दौरान किसानों की उपज का वाजिब दाम देने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, किसानों को कर्ज मुक्त करने, योग्यता के आधार पर सभी को रोजगार की गारंटी देने, निशुल्क  शिक्षा, चिकित्सा व आवास की गारंटी देने, न्यूनतम मासिक वेतन 26 हजार रुपए करने, निजीकरण पर रोक लगाने, नौकरियों में ठेका प्रथा बंद करने, प्रत्येक व्यक्ति को साल में 200 दिन काम और 600 रुपए प्रतिदिन मजदूरी निर्धारित करने, महात्मा गांधी नरेगा योजना (मनरेगा) को मजबूत करने, सभी को खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ कर लाभान्वित करने, भूमिहीन किसानों को भूमि देने की प्रमुख मांगो के साथ आंदोलन किया जाएगा। भारत बंद में राजस्थान किसान सभा का सवाईमाधोपुर जिला संगठन भी शामिल होगा।

जयपुर में आयोजित बैठक में प्रदेश भर के जिलाध्यक्षों सहित किसान नेता सोराम जस्टाना ने भी किसानों की विभिन्न मांगों सहित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सरलीकरण की मांग रखी। इसके अलावा भारत बंद आंदोलन के दौरान नए मोटर व्हीकल एक्ट, किसान कानून, नई शिक्षा नीति वापस लेने तथा जाति, धर्म, लिंग व क्षेत्र के आधार पर भेदभाव बंद करने, सवाईमाधोपुर जिले में अमरूद किसानों के लिए सरकार के स्तर पर प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने व पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने की मांग भी की जाएगी।

भारत बंद आंदोलन में राजस्थान किसान सभा के साथ ट्रेड यूनियन एटक, राजस्थान खेत मजदूर यूनियन, ऑल इंडिया स्टुडेंट फैडरेशन, राजस्थान प्रगतिशील महिला फैडरेशन, ई-रिक्शा चालक यूनियन, र्सावजिक निर्माण मजदूर यूनियन एकट, सिलाई मजदूर व बीड़ी मजदूर यूनियन एकता भी भाग लेंगे।

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