राजस्थान: आसमान से बरसा अमृत...मावठ से खेतों में आई नमी, किसानों में खुशी

सवाईमाधोपुर में बदली होने से अमरूद बागवानों को हो रहा नुकसान.
राजस्थान: आसमान से बरसा अमृत...मावठ से खेतों में आई नमी, किसानों में खुशी
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जयपुर। राजस्थान में पश्चिम विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में फिर बदलाव आ गया है। मौसम परिवर्तन के साथ ही राज्य में कहीं मावठ (बारिश) गिरने से किसानों को चेहरे खिल उठे तो कहीं बादल छाए रहे। बारिश से रबी की सरसों, गेंहू व चना आदि फसलों में फायदा हुआ है। बिजली बचत के साथ ही किसानों को फसल सिंचाई के लिए रतजगा से निजात भी मिली है।

बीते दो दिनों से प्रदेश में सवाईमाधोपुर सहित कोटा, बूंदी, जयपुर, अलवर समेत कई जिलों में बादलों ने डेरा डाल रखा है। इन जिलों के कुछ हिस्सों में गत रविवार देर रात छितराई बारिश की खबरे भी आई है। ज्यादातर जिलों में सोमवार को भी सूरज नजर नहीं आया। जबकि पाली, सिरोही, जोधपुर, बाड़मेर सहित कई जिलों में रविवार दिन में बारिश से रबी की फसलों में जान आ गई। धरियावद इलाके में मूसलाधार बारिश हुई। बारिश के चलते लोग घरों में दुबके रहे। ठिठुरन बढ़ी तो लोग अलाव तापते नजर आए। यहां भी बारिश से फसलों में फयादा हुआ है। बारिश से तापमान में गिरावट के साथ ही ठिठुरन बढ़ने लगी है।

सरसों का खेत
सरसों का खेत

तीन घंटे का येलो अलर्ट

मौसम विभाग ने सोमवार को तीन घंटे के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। बीकानेर, जोधपुर, अजमेर, नागौर, झुंझुनू, चूरू, सीकर, बारां, कोटा, झालावाड़, जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ जिलों में मेघ गर्जन के साथ हल्की वर्षा होने की संभावना जताई है। इन जिलों में भी मावठ गिरती है तो किसानों को काफी फायदा होगा। मौसम विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार डबोक में 4 मि.मी., बाड़मेर में 17.1 मि.मी. जोधपुर में 5.6 मि.मी., फलोदी में 7.6 मि.मी. डूंगरपुर में 7 मि.मी., जालोर में 15.5 मि.मी. सिरोही में 7.5 मि.मी. बारिश दर्ज की गई है।

तापमान में आई गिरावट

राजस्थान में नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से राज्य में जालोर जिले के बागोड़ा गांव में ओले गिरे। सिरोही के माउंट आबू में भी तेज सर्दी रही। इधर, पाली, सिरोही, जोधपुर, बाड़मेर सहित कई जिलों में बारिश का दौर चला। बादल छाए रहने, बारिश और ओले गिरने से राज्य के जिलों में दिन के अधिकतम तापमान में गिरावट आई है। अधिकतर शहरों में दिन का अधिकतम तापमान 25 डिग्री से नीचे रहा। राज्य में बाड़मेर दिन में सबसे ठंडा रहा। यहां दिन का अधिकतम तापमान 17.9 डिग्री दर्ज हुआ। वही, एक दर्जन जगहों पर न्यूनतम तापमान 15 डिग्री से कम दर्ज किया गया। राजधानी जयपुर में दिन का तापमान 25 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान 15.9 डिग्री रहा। मौसम केन्द्र जयपुर के अनुसार बरसात की गतिविधियां सोमवार को भी प्रदेश के कई क्षेत्रों में जारी रहेंगी। खासकर कोटा, जयपुर, अजमेर व भरतपुर संभाग में बरसात की संभावना जताई गई है।

बिजली गिरने से दो की मौत

जालोर जिले के सायला के पास डाबली में आकाशीय बिजली गिरने से एक युवती की मौत हो गई। जबकि बाड़मेर जिले के बाखासर पुलिस थाना क्षेत्र के मूलानी गांव में आकाशीय बिजली गिरने से 12 वर्षीय बच्चे की मौत हुई है। झुलसी हालात में मृतक बच्चे के पिता मुस्ताक को अस्पताल में भर्ती करवाया है। जिले के शिव के सूजों का निवाण में एक बाड़े पर बिजली गिरने से 90 भेड़-बकरियों की मौत हो गई। दूसरी तरफ बाड़मेर शहर की इंदिरा कॉलोनी में एक मकान की छत पर बिजली गिरने से काफी नुकसान हुआ।

आकाशीय बिजली गिरने से दर्जनो भेढ़ बकरियां बनी काल का ग्रास

सरहदी जिला बाडमेर के सेड़वा उपखण्ड के पांधी का निवाण गांव में तेज गर्जना के साथ बारिश हुई। रविवार सुबह अचानक तेज गर्जना के साथ आकाशीय बिजली गिरने से जानू खान पुत्र अमीन खान के खेत में बने पशु बाड़े में 92 भेड़ व बकरियों की मौत हो गई। चौहटन में देर रात आकाशीय बिजली गिरने की खबरें आई हैं।

पाली जिले के बाली उपखंड क्षेत्र के बड़ी दुदनी गांव में बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से एक भैंस काल का ग्रास बनी। जानकारी के अनुसार रविवार दोपहर 3 बजे बारिश के दौरान बाड़े में बंधी भैंस पर आकाशीय बिजली गिरी। जोधपुर जिले के लूणी इलाके में आकाशीय बिजली गिरने से दो गोवंशों की मौत हो गई। जनाकारी के अनुसार ग्राम पंचायत बालाजी नगर के मंगलनगर में प्रेमाराम जाणी के घर के बाहर खेजड़ी के पेड़ से बन्धी गोवंश पर आकाशीय बिजली गिर गई। जिसमें दोनों गोवंशों की मौत हो गई।

अमरूद को नुकसान पहुंचाते हैं बादल

कृषि विशेषज्ञों की माने तो मावठ ने जहां रबी फसलों को जीवनदान दिया है। वहीं पूर्वी राजस्थान के अमरूद पैदावार वाले जिलों में बिन बरसे छाए रहे बादलों से किसानों को नुकसान भी हुआ है। संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार सवाईमाधोपुर रामराज मीना ने द मूकनायक को बताया कि मावठ रबी की सभी फसलों के लिए फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में अमरूद की पैदावार होती है। उन इलाकों में बिन बरसे बादल छाए रहने से अमरूद के किसानों को नुकसान हो रहा है। अमरूद बादल छाए रहने से कम समय में पक जाता है। पके हुए फल का किसानों को बाजार भाव नहीं मिलता। पीला पड़ने के बाद फल झड़ने की शिकायतें भी मिल रही हैं। अच्छी बारिश व ठंड अमरूद के लिए फायदेमंद होती है।

उत्तर प्रदेश में गेहूं की बुवाई के बाद खेतों में अंकुरित होते गेहूं के बीज
उत्तर प्रदेश में गेहूं की बुवाई के बाद खेतों में अंकुरित होते गेहूं के बीज फोटो- राजन चौधरी, द मूकनायक

बदली गेहूं के अंकुरण में मददगार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में बीते कुछ दिनों से आंशिक रूप से बादल छाए हुए हैं। पूर्वी यूपी में सोमवार को पूरे दिन धूप नहीं निकली। मौसम के इस मिजाज पर द मूकनायक ने बस्ती जिले के किसान अमर लाल साहनी से बात की। उन्होंने द मूकनायक को बताया कि, 'आज जैसा मौसम है, यह गेहूं की बुवाई के बाद उसके अंकुरण में बहुत फायदेमंद है। सुबह-शाम कुहासा भी पड़ रहा है जो अभी गेहूं के लिए ठीक है। अगर कहीं बारिश हो गई तो गेहूं, जो अभी खेत में अंकुरित हो रहे हैं, सड़ जायेंगे।'

अमर लाल ने बताया कि, 'अभी जैसा सामान्य वातारण बना है। इतने तक ठीक है। अगर कड़ी धूप भी निकलने लगी तो खेतों में बोए गए गेहूं अंकुरित ही नहीं होंगे। इसलिए अभी धूप, और बारिश दोनों गेहूं के लिए नुकसानदेह हैं।'

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