MP: भोपाल में लगेगा नेचुरल फार्मिंग मेला, आदिवासी महिला किसान लेकर आएंगी प्राकृतिक रूप से उगाई गई सब्जियां और अनाज

कार्यक्रम के दौरान एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी, जिसमें नेचुरल फार्मिंग से जुड़ी तकनीक और मॉडल्स को प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही, जलवायु परिवर्तन और रासायनिक खाद के उपयोग से होने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की जाएगी।
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भोपाल। यदि आप बिना फर्टिलाइजर से उगाई गई सब्जियां और अनाज के समर्थक हैं, तो भोपाल के हाटा बाजार में 15 अक्टूबर को आयोजित हो रहे 'नेचुरल फार्मिंग मेला' में आपकी उम्मीदें पूरी हो सकती हैं। इस आयोजन में मध्य प्रदेश के 30 से अधिक जिलों से एक हजार से ज्यादा महिला किसान भाग लेंगी, जो जैविक रूप से उगाई गई कृषि उत्पादों को राजधानी में लाएंगी।

यह मेला महिला किसानों के सशक्तिकरण और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानने के उद्देश्य से 'महिला किसान दिवस' के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है। आयोजन का शीर्षक 'मिलकर लाएंगे हम एक नई हरित क्रांति' रखा गया है, जो महिला किसानों की अद्वितीय योगदान को मान्यता देने और कृषि में हरित क्रांति के एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है।

इस कार्यक्रम का आयोजन MAKAAM (महिला किसान अधिकार मंच), NCNF (नेशनल कोएलिशन फॉर नेचुरल फार्मिंग), RRAN (रूरल एंड एग्रीकल्चर नेटवर्क), और MPSDI (मध्य प्रदेश स्टेट डेवलपमेंट इनिशिएटिव) जैसे संगठनों के सहयोग से किया जा रहा है। आयोजन में शामिल होने वाली महिला किसानों का प्रतिनिधित्व कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, कृषि क्रेडिट, कृषि अभियांत्रिकी, और वनोपज जैसे विभिन्न क्षेत्रों से होगा।

आयोजन समिति के अनुसार, कार्यक्रम को किसान नीति-2007 की विस्तारित परिभाषा के अनुसार डिजाइन किया गया है, जिसमें केवल परंपरागत किसानों तक सीमित नहीं बल्कि कृषि से जुड़े अन्य क्षेत्रों में काम करने वाली महिला किसानों को भी शामिल किया गया है। इस मेले का मुख्य उद्देश्य इन महिला किसानों के अधिकारों को सुनिश्चित करना और उन्हें एक सशक्त मंच प्रदान करना है, जिससे वे अपने अनुभवों और चुनौतियों को साझा कर सकें।

नेचुरल फार्मिंग और जलवायु परिवर्तन पर जोर

नेचुरल फार्मिंग मेला में जैविक खेती के महत्व को रेखांकित करते हुए कई मुद्दों पर चर्चा होगी। आयोजकों के मुताबिक, यहां पर किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीक और उसके लाभों के बारे में जानकारी दी जाएगी। जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों को ध्यान में रखते हुए, खेती की पद्धतियों में बदलाव और भूमि की उर्वरता को बनाए रखने के उपायों पर भी विचार-विमर्श होगा।

'रन फॉर कॉज' से होगी शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत 'रन फॉर कॉज' से होगी, जो 15 अक्टूबर को सुबह 7:30 बजे भोपाल हाट परिसर से शुरू होगी। प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर प्रदान सिमरन मलकाना ने बताया कि यह जागरूकता दौड़ किसानों और आम जनता के बीच सेफ फूड (सुरक्षित खाद्य) के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित की जा रही है। यह दौड़ भोपाल हाट परिसर से जेल रोड और रोशनपुरा चौराहे से होते हुए पुनः हाट परिसर में समाप्त होगी। दौड़ के माध्यम से रासायनिक खाद से होने वाले नुकसान और जैविक खेती के फायदों पर चर्चा की जाएगी।

सुबह 10 बजे से भोपाल हाट परिसर में 'फार्मर मार्केट एग्जीबिशन' का आयोजन किया जाएगा, जहां पर 30 से अधिक जिलों की महिला किसान अपने जैविक कृषि उत्पादों को प्रदर्शित करेंगी। इसमें मुख्य रूप से डिंडौरी, बालाघाट, शहडोल और उमरिया के आदिवासी महिला किसान शामिल होंगी। इन किसान महिलाओं द्वारा प्राकृतिक खेती से उगाई गई सब्जियां और अनाज जैसे उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें करीब 40 स्टॉल लगाए जाएंगे, जिनमें स्वस्थ और जैविक खाद्य उत्पाद उपलब्ध होंगे।

कार्यक्रम के दौरान महिला किसान अपनी खेती की चुनौतियों और अनुभवों को भी साझा करेंगी। वे पंचायत स्तर पर नेचुरल फार्मिंग के बारे में चल रही गतिविधियों पर चर्चा करेंगी और यह भी बताएंगी कि किस तरह से जैविक खेती से उपजे उत्पादों को बाजार तक पहुंचाया जाता है। यह आयोजन उन किसानों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बनेगा, जो अभी तक रासायनिक खाद पर निर्भर हैं और जैविक खेती की ओर कदम बढ़ाना चाहते हैं।

प्रदर्शनी होगी आयोजित

कार्यक्रम के दौरान एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी, जिसमें नेचुरल फार्मिंग से जुड़ी तकनीक और मॉडल्स को प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही, जलवायु परिवर्तन और रासायनिक खाद के उपयोग से होने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की जाएगी। रासायनिक खाद के अत्यधिक उपयोग से भूमि की गुणवत्ता कैसे प्रभावित होती है, और किस तरह जैविक खेती इस स्थिति को सुधारने में मदद कर सकती है, इस पर भी बात होगी।

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