भोपाल। मध्य प्रदेश की 230 अनाज मंडियों में सन्नाटा पसरा है। इसका कारण मंडी व्यापारियों की शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल है। मंडी में काम बंद हड़ताल के चलते अनाज खरीदी नहीं की गई। इसके साथ ही पल्लेदार से लेकर ट्रांसपोर्ट ड्राइवर जैसे तमाम मजदूरों के रोजगार पर भी असर पड़ा है। वहीं मण्डी उपज लेकर आए किसानों को बैरंग लौटना पड़ा।
राजधानी की करोंद अनाज मंडी सहित प्रदेश की 230 मंडियों में हड़ताल का असर देखने को मिला। गत सोमवार दोपहर 12 बजे से शुरू होने वाली अनाज की नीलामी नहीं हुई। शाम छह बजे तक कुछ किसान ट्रैक्टरों से मंडियों में गेहूं, सोयाबीन, चना समेत अन्य अनाज लेकर पहुंचे भी, लेकिन अनाज व्यापारियों ने अनाज की खरीदी करने से मना कर दिया।
मध्य प्रदेश सकल अनाज दलहन-तिलहन व्यापारी महासंघ समिति के आह्वान पर प्रदेश भर के अनाज व्यापारियों ने मंडी शुल्क 1.5 प्रतिशत से कम करके एक प्रतिशत करने, निराश्रित शुल्क हटाने, लाइसेंस नवीनीकरण की अनिवार्यता हटाने सहित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है। इसका असर मंडियों में होने वाली अनाज की खरीदी के साथ ही प्रदेशभर के हजारों किसानों पर पड़ा है, हड़ताल की वजह से अनाज मंडी में पल्लेदारी (मजदूरी) करने वाले लोगों को भी काम नहीं मिला।
भोपाल शहर के करोंद क्षेत्र में रहने वाले बालाराम कृषि उपज मंडी में पल्लेदारी का काम करते है। इन्हें मंडी में हड़ताल के चलते काम नहीं मिला द मूकनायक से बातचीत करते हुए बालाराम ने बताया कि वह सुबह से ही मंडी में काम की आशा में बैठे है पर कोई काम नहीं मिला। मंडी में एक अन्य मजदूर भूरा ने बताया कि रोजाना मंडी में काम करके करीब तीन सौ रुपए तक कमा लेते है, मगर आज इन्हें काम नहीं मिला।
अनाज व्यापारियों ने दावा किया है कि भोपाल की करोंद कृषि उपज मंडी समेत सीहोर, आष्टा, देवास, इंदौर, नीमच, मंदसौर, छिंदवाड़ा, ग्वालियर, भिंड, रीवा, सतना, सागर, विदिशा व नर्मदापुरम सहित प्रदेश की सभी छोटी-बड़ी अनाज मंडियों के बंद रहने से 700 करोड़ रुपए की अनाज खरीदी प्रभावित हुई है।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए भोपाल ग्रेन एन्ड ऑयल सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीशकुमार ज्ञानचंदानी ने बताया कि 11 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा रही है। जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है, हम किसी तरह की खरीदी नहीं करेंगे। भोपाल कृषि उपज मंडी समिति के सचिव रविन्द्र जैन ने कहा कि इस समय अनाज की आवक कम है, लेकिन प्रदेशव्यापी हड़ताल का असर पड़ रहा है। हड़ताल के चलते खरीद नहीं की जा रही है।
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