घर और खेत-खलिहान बचाने की जंग-6: किसान परिवारों में आक्रोश, प्रधान का घर घेरकर प्रदर्शन

7 प्रधानों के घर के बाहर नारेबाजी और प्रदर्शन, पुलिस द्वारा लगातार दबाव बनाने पर आक्रोशित हुए किसान
प्रधान के घर पर धरने पर बैठे किसान नारेबाजी करते हुए
प्रधान के घर पर धरने पर बैठे किसान नारेबाजी करते हुएफोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक
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उत्तर प्रदेश। यूपी के आजमगढ़ जिले में खिरियाबाग आंदोलन में पुलिस प्रशासन और किसानों के बीच वार्ता के बीच रविवार को तनाव बढ़ गया। किसान परिवारों का आरोप है कि पुलिस लगातार 8 गांवों के प्रधानों को थाने पर बुलाकर बातचीत कर रही है। वहीं किसानों के विरोध के कारण प्रधान किसी भी बातचीत के लिए थाने जाने को तैयार नहीं है। प्रत्येक गांव में किसानों ने प्रधानों के घर का घेराव कर दिया। सभी किसान आक्रोशित होकर नारेबाजी कर रहे थे। सभी किसान परिवारों ने अपने गांव के प्रधानों को ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन को यह प्रधान जिलाधिकारी को सौपेंगे।

प्रधान के घर पर धरने पर बैठे किसान नारेबाजी करते हुए
घर व खेत-खलिहान बचाने की जंगः आजमगढ़ का खिरिया बाग आंदोलन, जमीन के लिए जान देने को तैयार महिलाएं

जानिए क्या है पूरा मामला?

यूपी के आजमगढ़ जिले में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की कवायद चल रही है। एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर सरकार ने कुल 670 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने का निर्णय लिया है। पहले चरण में सरकार द्वारा 360 एकड़ जबकि दूसरे चरण में 310 एकड़ जमीन को अधिग्रहित करने के लिए कार्यवाही चल रही है। इस जमीन को अधिग्रहित करने में कुल 8 गांवों की जमीनें व घर-मकान जा रहे हैं। इन 8 गांवों में लगभग दस हजार परिवार रहते हैं, जिसमें लगभग चार हजार घर मौजूद हैं। इससे कुल पचास हजार की आबादी प्रभावित होगी। यही नहीं यह आंकड़ा केवल जनगणना में दर्ज लोगों के हैं। इन लोगों के साथ इनके पूर्वजों द्वारा बनाई गई गृहस्थी और उनके पशु भी हैं। इसके विरोध में जिला मुख्यालय से लगभग 18 किमी दूर खिरिया बाग में पिछले 109 दिनों से किसान घरों की महिलाएं धरना प्रदर्शन कर रही हैं, जिसमें पुरुष भरपूर साथ दे रहे हैं।

हसनपुर गांव में ग्राम प्रधान कुंवर फतेह बहादुर को ज्ञापन सौंपते किसान
हसनपुर गांव में ग्राम प्रधान कुंवर फतेह बहादुर को ज्ञापन सौंपते किसानफोटो- सत्य प्रकाश भारती, द मूकनायक

पुलिस द्वारा बातचीत के लिए प्रधानों पर दबाव बनाने पर हुआ विरोध

गांवों में रविवार को प्रधानों के घर जाकर किसानों ने प्रदर्शन किया। हसनपुर गांव में लगभग 300 घर हैं, जबकि दो हजार के करीब आबादी है। इस गांव में केवट, यादव और दलित समुदाय के लोगों के घर हैं। इस गांव के प्रधान कुँवर फतेह बहादुर के घर किसान पहुंचकर प्रदर्शन करने लगे। नारेबाजी करने के बाद सभी ने प्रधान को ज्ञापन सौंपा।

जिगना करमनपुर के ग्राम प्रधान राम बांस बताते हैं, "मेरे गांव में लगभग 600 से अधिक घर हैं। लगभग तीन हजार से ज्यादा लोग रहते हैं। हमारे गांव में राय, शर्मा (नाई), प्रजापति (कुम्हार), गुप्ता, गोंड, मौर्य सहित मुस्लिम परिवारों के 15 घर हैं। मेरे गांव में सबसे ज्यादा आबादी दलित परिवारों की है। पुलिस हम सभी प्रधानों को बार-बार फोन कर अथवा किसी व्यक्ति के माध्यम से बातचीत के लिए थाने आने की बात कर रही है। वहीं जब इस बात की खबर गांव वालों को लगी तो लोगों ने मेरा घर घेरकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया है।"

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सभी आठ गांवों में हुआ प्रदर्शन, लोगों ने सौंपा ज्ञापन

आजमगढ़ के सगड़ी तहसील में आने वाले सभी आठ गांव जिगना करमनपुर, हसनपुर के साथ ही जमुआ, गदनपुर हिच्छनपट्टी, मन्दूरी व बलदेव मन्दूरी, जेहरा पिपरी और कादीपुर हरिकेश गांव के प्रधान को क्षेत्रीय ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपा है।

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