खिरिया बाग (आज़मगढ़)। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए भूमिअधिग्रहण के खिलाफ खिरिया बाग आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर शुक्रवार को जुलूस निकाला गया. खिरिया बाग से हजारों किसान-मजदूर हसनपुर, लक्षेहरा, श्रीकांतपुर, गढ़हन, जिगिना करमनपुर में पैदल जुलूस निकाला गया. इस दौरान जमीन नहीं देंगे, कौन बनाता हिंदुस्तान-भारत का मजदूर किसान, एयरपोर्ट विस्तार का मास्टर प्लान रदद् करो, पहले लड़े थे गोरों से-अब लड़ेंगे चोरों से, एयरपोर्ट बहाना है-जमीन लूट निशाना है के नारे गूंजते रहे.
अखिल भारतीय मजदूर किसान सभा के महासचिव और संयुक्त किसान मोर्चा के ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्य डॉक्टर आशीष मित्तल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से जनता का नहीं विदेशी कम्पनियों का विकास होगा. जनता की ताकत के सामने मोदी सरकार को झुकना हुआ और फिर से वो खिरिया बाग आंदोलन के सामने झुकेगी. जब कोरोना में पुलिस लाठी मार रही थी तब किसानों ने खाना खिलाया.
"शासन-प्रशासन भूमि अधिग्रहण कानून का उल्लंघन कर रहा है. आज़मगढ़ के किसानों-मजदूरों के आंदोलन के साथ संयुक्त किसान मोर्चा है. पूरा देश विदेशी कंपनियों के हाथों बेचा जा रहा है. ऑनलाइन व्यापार ने छोटे दुकानदारों का रोजगार छीन लिया. इस आंदोलन ने पूरे देश को उम्मीद दी है," उन्होंने कहा।
गोरखपुर से पूर्वांचल के गांधी कहे जाने वाले संपूर्णानंद मल्ल ने कहा कि सरकार बेईमानी कर रही है. आप एक इंच जमीन नहीं दीजिएगा. जो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जीवन छीन रहा वो विकास कैसे हो सकता है. अगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की परियोजना रदद् नहीं हुई तो मैं आमरण अनशन आपके समर्थन करूंगा. सरकार की हिम्मत नहीं की आपके घरों पर बुलडोजर चला दे.
21 और 22 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसान नेता का खिरिया बाग में जुटान होगा. संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर किसान परेड का आयोजन होगा.
भारतीय कृषि कानून के खिलाफ हल्ला बोल कर चुके राजकुमार भारत भी हरियाणा से आजमगढ़ के गांव में डेरा डालकर आंदोलन को धार देने में जुटे हैं। उन्होंने कहा, "यह एक अलग तरह का आंदोलन है। यह लड़ाई लंबी लड़ी जाएगी। यह पहला ऐसा आंदोलन होगा जब हमारे किसानों को मुआवजा नहीं अपनी जमीन चाहिए। हमारे किसान अपनी जान दे देंगे लेकिन जमीन बिल्कुल नहीं देंगे। हम किसानों की एक इंच जमीन भी नहीं जाने देंगे।"
जुलूस में इलाहाबाद से करन निषाद, कमलेश निषाद, हरियाणा-पंजाब से आए राजकुमार भारत, सूरज पाल, रामकुमार, दुखहरन राम, राजेश आज़ाद, राजीव यादव, वीरेंद्र यादव, विनोद यादव, ओम प्रकाश भारती, अवधेश यादव आदि प्रमुख रूप से रहे. अध्यक्षता किस्मती देवी और संचालन रामनयन यादव ने किया.
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