उत्तर प्रदेश। यूपी के आजमगढ़ के खिरिया बाग में चल रहे धरना प्रदर्शन में किसानों ने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन कलेक्ट्रेट तक मार्च निकालने का ऐलान कर दिया है। कानून व्यवस्था बिगड़ने के डर से 103 वें दिन 23 जनवरी 2023 को सुबह से ही जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन किसानों से बातचीत करने के लिए तैयार हो गया।
जिलाधिकारी घण्टो कंधरापुर थाने में बैठकर किसान नेताओं से वार्ता करने के लिए बैठे रहे। इस दौरान आला-अफसर धरना स्थल पर जाकर किसान नेताओं को थाने चलकर बातचीत करने का दबाव बनाते रहे। दोपहर बाद जिलाधिकारी आजमगढ़ और किसान नेताओं के बीच बात हो सकी। इसके बाद जिलाधिकारी धरना स्थल पर भी पहुंचे। सभी किसान लिखित रूप से जमीन न जाने की बात पर अड़े रहे। जिलाधिकारी ने ऐसा करने से मना कर दिया। इसके बाद किसानों ने डीएम के खिलाफ नारेबाजी की, जिससे किसान और प्रशासन के बीच हुई यह तीसरी वार्ता भी बे-नतीजा निकली।
यूपी में आजमगढ़ के मन्दूरी के खिरियाबाग में पिछले 104 दिनों से किसान धरना दे रहे हैं। इस धरने के बीच प्रशासन और किसानों के बीच कई बार वार्ता भी हुई। लेकिन सभी बेनतीजा निकली। बीते 23 जनवरी को भी प्रशासन ने एक बार फिर से किसानों से बातचीत करने की कोशिश की।
आजमगढ़ के किसान अपने आंदोलन को बड़ा रूप देने के लिए 26 जनवरी 2023 को मन्दूरी से आजमगढ़ कलक्ट्रेट तक मार्च निकाल रहे हैं। इसके लिए सभी किसान नेता एकजुट होने लगे हैं। इससे जिला प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मचा हुआ है। जिला प्रशासन और पुलिस को मन्दूरी से आजमगढ़ निकलने वाले इस किसान परेड से कानून व्यवस्था बिगड़ने का भय सता रहा है।
आजमगढ़ के जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज लगातार प्रशासन के बढ़ते दबाव के चलते किसानों से तीसरी बार वार्ता करने के लिए तैयार हुए। किसानों से बातचीत करने के लिए जिलाधिकारी ने किसान नेताओं को बातचीत के लिए कंधारपुर थाने पर आमंत्रित किया था, लेकिन पूर्व में हुए मुकदमे और साजिशों के कारण किसान थाने जाने को तैयार नहीं थे। प्रभारी निरीक्षक कंधरापुर दिलीप कुमार सिंह किसान नेताओं को मनाते रहे। जब बात नही तब डिप्टी एसपी गौरव शर्मा और एसडीएम राम रत्न सिंह ने धरना स्थल पर जाकर किसानों को थाने में वार्ता करने के लिए मनाया।
कंधरापुर थाने में लगभग एक घण्टे तक चली वार्ता के बाद जिलाधिकारी आजमगढ़ खिरिया बाग धरना स्थल पहुंचे। जिलाधिकारी ने बताया, "ग्राम वासियों की भूमि/भवन अधिग्रहण उनकी सहमति के बैगर नहीं किया जाएगा।" लेकिन रिहाई मंच और किसान नेता राजीव यादव ने प्रश्न किया, "क्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मास्टर प्लान रद्द किया जायेगा?"
राजीव यादव ने बताया, "इस प्रश्न पर जिलाधिकारी ने कोई स्पष्ट करने वाला जवाब नहीं दिया।इस बात से यह साफ होता है कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जो परियोजना है उसे अभी रद्द नहीं किया जा रहा है। और जब तक यह परियोजना रदद् नहीं होती तब तक जमीन जाने का खतरा ग्रामीणों को लगा रहेगा।"
वहीं इस मामले में किसान नेता रामनयन यादव ने बताया, "जब उनसे लिखित आश्वासन मांगा गया तब डीएम जवाब दिया —जब लिखित रूप से यह कार्रवाई नहीं की गई तो लिखित रूप से कैसे दिया जा सकता है।"
राजीव यादव आगे कहते हैं, "जिलाधिकारी का यह कहना कानून के खिलाफ है। बिना किसी लिखित कार्रवाई के जबरन सर्वे की कोशिश की गई, झूठी सर्वे रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दी गई है। वहीं बिना नोटिस/नोटिफिकेशन और सूचना के अधिकार के तहत जिला प्रशासन द्वारा बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण परियोजना शासन में विचाराधीन है। ऐसे में ग्रामीणों को मंदुरी स्थित हवाई पट्टी में बुलाकर सहमति पत्र के नाम पर किसी कागज पर दस्तख़त करवाना और ग्रामीणों से फोन पर सहमति के लिए बात करना किस निर्देश पर हो रहा है। इस पूरे मामले में सर्वे से लेकर सहमति तक, सभी स्तरों पर प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ जाकर काम किया है।"
जिलाधिकारी के खिरिया बाग से जाने के बाद ग्रामीणों ने धरना जारी रखा और आगे रखने की बात भी कही। राजीव ने बताया, "देर शाम और रात गांव में राजस्व कर्मियों और बड़ी संख्या में पुलिस गस्त करती रही। इसके साथ ही पुलिस किसान नेताओं के बारे मे पूछताछ कर रही है। पुलिस की इस कार्रवाई से लगता है कि वह किसान नेताओं सहित अन्य किसानों पर फर्जी मुकदमा कर सकती है।"
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