नई दिल्ली। किसान आंदोलन के दौरान 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर मारे गए 22 वर्षीय शुभकरण सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में पता चला है कि उनकी मौत सिर के पीछे ‘मेटल' (धातु) के छर्रे लगने से हुई है। पटियाला के राजिंदरा अस्पताल के डॉक्टरों के बोर्ड की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
इस रिपोर्ट में मौत के कारण को स्पष्ट करते हुए लिखा गया है कि “इस मामले में हमारी राय में मौत का कारण बन्दूक के परिणामस्वरूप सिर में लगी चोट है जो प्रकृति की सामान्य स्थिति में मृत्यु का कारण बनने के लिए पर्याप्त है।”
शुभकरण सिंह की मौत को लेकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने कई अहम खुलासे किए हैं। पांच डॉक्टरों की एक टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि शुभकरण के सिर से कई छर्रे बरामद हुए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक़, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने से पहले किए गए सीटी स्कैन में उसके सिर में कई धातु के छर्रे पाए गए। पिछले हफ्ते पटियाला के अस्पतालों द्वारा जारी की गई मेडिको-लीगल रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस कार्रवाई में घायल हुए कई प्रदर्शनकारी किसानों के ऊपरी शरीर पर धातु के छर्रों के घाव पाए गए।
डॉक्टरों ने शुभकरण सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी है। अब इन छर्रों की बैलिस्टिक विशेषज्ञों से जांच कराई जाएगी ताकि पता लगाया जा सके कि इसमें किस तरह की गन का इस्तेमाल किया गया है।
शुभकरण सिंह की पोस्टमार्टम के दौरान जांच में ओसीसीपिटल क्षेत्र (खोपड़ी का सबसे पिछला क्षेत्र) पर चोट का निशान पाया गया और यह भी पता चला कि उनके शरीर पर कोई अन्य चोट का निशान नहीं है।
क्या कहा गया रिपोर्ट में ?
'द मूकनायक' ने शुभकरण सिंह की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखी। रिपोर्ट को पांच डॉक्टरों की टीम ने तैयार किया है। जिसमें प्रीतिंदर सिंह, डॉ. मैरी पाल कौर, डॉ. संजीव गुप्ता, डॉ. परमजीत सिंह काहलों और डॉ. हरीश कुमार शामिल हैं। रिपोर्ट के कारण स्पष्ट बताया गया है। रिपोर्ट में लिखा है, हमारी राय में इस मामले में मृत्यु का कारण फायरआर्म (गोली) के परिणामस्वरूप सिर पर चोट है, जो प्रकृति की सामान्य स्थिति में मृत्यु का कारण बनने के लिए पर्याप्त है।
रिपोर्ट के मुताबिक, उनके सिर पर पीछे की तरफ 2 सेंटीमीटर से बड़ा एक घाव था जिसमें धातु की कई बॉल्स पाई गई है। इन बॉल्स को बैलेस्टिक एक्सपर्ट की राय जानने के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट में लिखा है, “एक समद्विबाहु त्रिभुज के आकार का घाव, जिसका शीर्ष ऊपर की ओर है, दोनों तिरछी लंबाई में प्रत्येक 2 सेमी आकार का है और आधार 2.8 सेमी आकार का है, जो बाएं पश्चकपाल (खोपड़ी का सबसे पिछला क्षेत्र) पर मौजूद है, जो पीछे की हेयरलाइन से 9.2 सेमी ऊपर और बाएं कान से 8.1 सेमी दूर स्थित है।”
आगे रिपोर्ट में लिखा है, “बायीं भौंह से 4 सेमी ऊपर बायीं ओर के क्षेत्र में हल्की सूजन मौजूद है। विच्छेदन पर, एक्स्ट्राकैलेवेरियल हेमेटोमा ललाट की हड्डी के अंतर्निहित फ्रैक्चर के साथ मौजूद होता है।”
वहीं रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि जांच अधिकारी को अगर बैलिस्टिक विशेषज्ञ की राय की आवश्यकता होती है तो घाव के आस-पास की त्वचा और कटे हुए बालों को एक जार में सील कर दिया जाता है और GSR के लिए जांच अधिकारी को सौंप दिया जाता है।
बता दें कि आंदोलन कर रहे किसानों ने पहले शुभकरण को रबड़ बुलेट लगने का संदेह जताया था, क्योंकि उस समय हरियाणा पुलिस रबड़ की गोलियां चला रही थी। हालांकि हरियाणा के डीजीपी ने कहा था कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर किसी भी पैलेट गन का इस्तेमाल नहीं किया, उन्होंने कहा था केवल आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया गया है।
किसान शुभकरण सिंह का गुरुवार (29 फरवरी) को उनके पैतृक गांव बलोह में अंतिम संस्कार कर दिया गया था। पंजाब पुलिस ने शुभकरण सिंह की मौत के मामले में ‘जीरो एफआईआर’ दर्ज की थी। ‘जीरो एफआईआर’ दर्ज करने के बाद ही दाह संस्कार किया गया था। मृतक का शव पंजाब के राजिंदरा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के शवगृह में रखा हुआ था। इस मामले में पुलिस की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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