पवई/आज़मगढ़। पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव वीरेंद्र यादव और उनके भाई अरुण यादव पर जानलेवा हमला करने का आरोप सामने आया है. गंभीर चोटों के चलते उन्हें पवई स्वास्थ्य केंद्र द्वारा सदर अस्पताल आज़मगढ़ रेफर कर दिया गया है। घटना की सूचना पाकर किसान नेता राजीव यादव, श्याम सुंदर मौर्या, जंगल देव, राज शेखर और अवधेश यादव ने किसान नेता वीरेंद्र यादव से मुलाकात कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव वीरेंद्र यादव ने कहा कि, किसानों का सवाल उठाने की वजह से साजिशन भाजपा एमएलसी रामसूरत राजभर की शह पर उनकी ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा कराने की कोशिश की गई। एसडीएम फूलपुर ने नापी करवाकर कब्ज़े को अवैध बताते हुए खेत में कब्ज़ा करने से रोकने के लिए स्टे ऑर्डर लाया है।
किसान नेता ने कहा कि, भाजपा एमएलसी रामसूरत राजभर लगातार प्रशासन पर दबाव बनाते रहे। आज सुबह सात बजे के करीब जब फिर से उनकी ज़मीन पर दबंगों द्वारा कब्ज़ा करने की कोशिश की गई तब उन्होंने रोका जिसपर उन्हें रस्सी से बांधकर रॉड से मारा पीटा गया।
किसान नेता ने बताया कि, उनको मारने बदमाश यूपी 45 एपी 6618 नंबर की गाड़ी से आए थे। उनको बचाने आए उनके भाई अरुण यादव को भी गंभीर चोटें आईं।
किसान नेता वीरेंद्र यादव ने कहा कि थानाध्यक्ष पवई ने कहा कि आप तहरीर बदल दीजिए और हमारे एसआई चंद्रशेखर सिंह से बात कर लीजिए। मैं जब चंद्रशेखर सिंह के पास गया तो उन्होंने कहा कि आपको जो अपहरण कर बंधक बनाया और रॉड से पीटा गया इस संदर्भ को हटा दीजिए इससे सरकार की बदनामी होगी।
पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव वीरेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा एमएलसी रामसूरत राजभर के दबाव के चलते मेरी एफआईआर नहीं दर्ज की गई और मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दिया गया।
किसान नेता वीरेंद्र यादव ने कहा कि उनको जान से मारने की नीयत से किया गया हमला भाजपा एमएलसी रामसूरत राजभर द्वारा जाति हिंसा भड़काने की कोशिश थी। किसान नेता ने कहा कि ठीक इस तरह देवरिया ज़िले में प्रेमचंद यादव की हत्या की गई थी। वीरेंद्र यादव ने अपने और अपने परिवार की जान-माल के सुरक्षा की मांग की है।
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