सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के रोड शो का एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है। जिसको इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि हाल ही में अखिलेश यादव के रोड शो में मोदी और योगी के नारे लगाए गए। वीडियो एक फेसबुक रील है जिसको इस टेक्स्ट के साथ वायरल किया गया है…
अबकी बार 400 पार बीजेपी की रैली में अखिलेश यादव
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने जांच की शुरुआत में वीडियो से संबंधित कीवर्ड्स का इस्तेमाल किया। जिसके परिणाम में हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिली जो यह बताते हैं कि वीडियो एक साल पुराना है। सबसे पहले हमें दैनिक भास्कर की रिपोर्ट मिली जिसमें हमने वायरल वीडियो को शेयर किया हुआ देखा। यह वीडियो तब का है जब कानपुर में अखिलेश यादव के रोड शो के दौरान वंदना बाजपेई के लिए वोट मांगे जा रहे थें और इस बीच रास्ते में भाजपा का रोड शो आ गया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ता नारेबाजी करने लगे तो पुलिस से भी धक्का मुक्की हुई।
9 मई 2023 में प्रकाशित नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार , कानपुर में बीजेपी और सपा ने अपने-अपने मेयर प्रत्याशी के समर्थन में चुनाव प्रचार किया था। कानपुर के बिरहाना रोड पर सतीश महाना बीजेपी प्रत्याशी प्रमिला पांडेय के लिए रोड शो कर रहे थे। तो दूसरी तरफ अखिलेश यादव सपा कैंडिडेट वंदना वाजपेयी के समर्थन में रोड शो कर रहे थे। दोनों के बीच की दूरी मात्र 50 मीटर थी। इसी बीच अखिलेश यादव के रोड शो के दौरान योगी-मोदी जिंदाबाद के नारे भी लगे और अखिलेश यादव को बीजेपी का झंडा दिखाया गया।
इस रिपोर्ट में हमने नवभारत टाइम्स के एक्स हैंडल पर वोही वायरल वीडियो मिला। इसके साथ कैप्शन में कानपुर में अखिलेश के रोड शो में लगे योगी-मोदी के नारे लिखा था।
वायरल वीडियो को हम टीवी 9 भारतवर्ष के एक्स हैंडल पर 9 मई 2023 में, कानपुर: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के रोड शो के दौरान भाजपाइयों ने योगी-मोदी के नारे लगाए,कानपुर में हो रहा था अखिलेश का रोड शो के ट्वीट के साथ देख सकते हैं।
इसलिए हम यह कह सकते हैं कि वायरल वीडियो को हाल का बता कर गलत दावे से फैलाया जा रहा है।
निष्कर्ष-
तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने वायरल वीडियो को गलत पाया है। असल में वीडियो साल 2023 का है। जब यूपी के निकाय चुनावों के दौरान सपा प्रत्याशियों के प्रचार के लिए अखिलेश यादव का कानपुर में रोड शो हुआ था। इसी बीच भाजपा कार्यकर्ताओं ने जय श्रीराम व योगी-मोदी के नारे लगाए थे। इसका हाल की घटना से कोई संबंध नहीं है।
यह स्टोरी मूल रूप से Factcrescendo द्वारा प्रकाशित की गई थी, जिसे द मूकनायक द्वारा शक्ति कलेक्टिव के हिस्से के रूप में पुनः प्रकाशित की गई है।
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