नई दिल्ली: बीते दो दिनों में राजधानी में गर्मी का सितम जारी है। चिलचिलाती धूप में लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। रविवार के लिए मौसम विभाग ने गर्मी का रेट अलर्ट जारी किया है। यह गर्मी का सबसे घातक अलर्ट होता है, जिसमें तापमान 44 से 45 डिग्री तक रह सकता है। शनिवार को तेज धूप रही और शाम के समय कुछ बादल दिखे। लेकिन लू से निजात नहीं मिली।
मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली हरियाणा चंडीगढ़ मध्य प्रदेश में लू चली। वहीं राजस्थान उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी चेतावनी जारी है। तापमान बढ़कर 43.7 डिग्री पर पहुंच गया। यह सामान्य से 3 डिग्री अधिक है। वहीं न्यूनतम तापमान भी 27.1 डिग्री तक रहा यह सामान्य से एक डिग्री अधिक है। सबसे गर्म इलाकों में मंगेशपुर का अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री, नजफगढ़ का 46.7 डिग्री, पीतमपुरा का 46.1 डिग्री और पूसा का 40 डिग्री रहा।
आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार आंशिक बादल छाए रहेंगे। तेज गर्म हवाएं चलेंगी। इनकी गति 25 से 35 किलोमीटर प्रति घंटे की रह सकती है। कई जगहों पर लू की स्थिति रहेगी। अधिकतम तापमान 44 और न्यूनतम 28 डिग्री तक रह सकता है। इसके बाद 20 से 22 मई तक ऑरेंज अलर्ट रहेगा। इस दौरान भी अधिकतम तापमान 44 से 45 डिग्री तक रहेगा। स्काईमेट के अनुसार दिल्ली समेत उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में कोई मौसमी गतिविधि नहीं होने की वजह से तापमान अत्यधिक बढ़ गया है। तापमान कई जगह पर 40 डिग्री तक पहुंच गया है। गर्म हवाएं इस स्थिति को और बदतर बना रही हैं। यही गर्मी हवाओं के साथ दिल्ली पहुंच रही हैं। अगले एक हफ्ते तक अधिकतम तापमान 44 से 45 डिग्री तक रह सकता है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल रात का तापमान भी 27 से 30 डिग्री तक रह सकता है। लू की स्थिति अब तक अधिक घातक हो जाती है। जब वह अधिक दिनों तक बनी रहे, और रात को तापमान कम ना हो। इस पर यदि तेज हवा चलती हैं तो यह गर्मी को एकत्रित करने का काम करती हैं। इन हवाओं की वजह से तापमान जितना दिखाता है व्यक्ति उसे 2 से 3 डिग्री अधिक महसूस करता है। शनिवार को हिट इंडेक्स 44 डिग्री रहा, अगले दो दिन तक यह बढ़कर 40 से 45 मिनट तक हो सकता है। लगातार इस तरह की गर्मी में रहने वाले व्यक्ति की गर्मी में रहने की क्षमता भी कम हो जाती है। बॉडी लगातार गर्मी को सहने में असमर्थ होती है।
दिल्ली में लू के हॉटस्पॉट जोन में एमसीडी जोन, नरेला जोन और नजफगढ़ जोन शामिल हैं. इसके अंतर्गत वार्ड - हरकेश नगर, ख्याला, वजीरपुर, बिजवासन, विश्वास नगर, हरी नगर, जहांगीरपुरी, दिल्ली गेट, शास्त्री पार्क हैं.
मीडिया रिपोर्ट में दिल्ली के बहुत से इलाकों में तापमान और गर्मी का एहसास कहीं ज्यादा रहता है जबकि कुछ इलाकों में यह अपेक्षाकृत कम बना रहता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मौसम विभाग से मिले आंकड़ों के आधार पर तैयार दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की रिपोर्ट बताती है कि बढ़ती आबादी एवं निम्न आय वर्ग के लोगों की बहुतायात के कारण दिल्ली में साल दर साल गर्मी का एहसास बढ़ रहा है। वैसे तो यहां गर्मी मार्च से शुरू हो जाती है, लेकिन अप्रैल से जून के दौरान अपने चरम पर रहती है।
2022 में राजधानी की गर्मी ने अप्रैल में 72 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। इसी तरह 2021 में दिल्ली में सिर्फ तीन ही दिन लू चली थी। वहीं, 2022 में लू वाले दिनों की संख्या 17 पहुंच गई थी।
जब किसी शहर में आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के मुकाबले तापमान में अधिक बढ़ोतरी हो जाती है, उसे अर्बन हीट आइलैंड कहते हैं। इसकी बड़ी वजह है इंसानी गतिविधियां। किसी भी शहर को हीट आइलैंड बनने में सबसे अहम रोल होता है उसकी बसावट। वह शहर किस तरह का है, वहां इमारते कैसी हैं और उसे किस तरह से डिजाइन किया गया है, यह बातें सबसे बहम होती हैं। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में तापमान बढ़ने और इनके हीट आइलैंड में तब्दील होने में भी यही फैक्टर जिम्मेदार हैं।
शहरों के हीट आइलैंड बनने की दो सबसे बड़ी वजह हैं. पहली, वहां की इमारतों की बनावट। दूसरी, हरियाली का कम होना और जलाशयों का दायरा घटना। कंक्रीट की ऊंची बिल्डिंग, इनमें लगे एयरकंडीशनर से निकलने वाली गर्मी, शहरों में ट्रैफिक के कारण बढ़ती गर्मी। सिर्फ यही नहीं बिल्डिंग में ईंट की जगह शीशे और स्टील का बढ़ता इस्तेमाल भी गर्मी के असर को बढ़ाने में मदद करता है। यह सब चीजें मिलकर एक शहर को हीट आइलैंड में तब्दील कर देती हैं।
गर्मी के साथ लोग प्रदूषण से भी जूझ रहे हैं, लगातार छठे दिन राजधानी का प्रदूषण स्तर खराब रहा. अनुमान के मुताबिक शनिवार को इसे सामान्य स्तर पर रहना था लेकिन यह कम नहीं हुआ. लेकिन, अगले दो दिनों तक इसके सामान्य रहने की संभावना जताई गई है।
दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 4 बजे के बीच घर से बाहर काम काम ही निकले इस समय धूप सबसे तेज होती है। अगर घर से बाहर जा रहे हैं तो अपने सर और चेहरे को ढककर रखें, बहुत देर तक धूप में भी ना रहे।
एक की वजह से घर या ऑफिस का तापमान 20 डिग्री के करीब रहता है जबकि बाहर 40 से 45 डिग्री रहता है. तापमान में इतना अंतर अचानक हो जाए तो इसे बॉडी झेल नहीं पाती इसलिए तापमान नियंत्रित करके शरीर को तैयार होने के लिए वक्त दें.
ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहन कर ही बाहर निकलें.
पानी या दूसरे लिक्विड का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें, इससे शरीर में डिहाइड्रेशन का खतरा कम हो जाता है.
साथ में पानी भी रखें ताकि प्यास लगने पर फौरन पी सकें।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गर्मी बढ़ते ही अस्पतालों में जलजनित रोगों के मरीज बढ़ गए हैं। इनमें आधे मरीज डायरिया से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं। कई मरीजों की हालत काफी गंभीर होती है, जिस कारण उन्हें भर्ती तक करना पड़ रहा है। डॉक्टरों की मानें तो गर्मी बढ़ने के कारण डॉ. राम मनोहर लोहिया, लोकनायक, जीटीबी, सफदरजंग, लेडी हार्डिंग, डीडीयू सहित दूसरे अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है, इसमें छोटे बच्चों की संख्या ज्यादा है।
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के मेडिसिन डॉक्टर प्रताप सिंह द मूकनायक को इस गर्मी से बचने के कुछ उपाय बताते हैं, "इस गर्मी को कम करना हमारे हाथ में नहीं है। लेकिन इस गर्मी से बचने के उपाय हम बता सकते हैं। बुजुर्ग बच्चे, महिलाएं सीधे धूप में न जाएं। लू, गर्मी का जो तापमान या इसका असर होता है, वह ज्यादातर 12 बजे दोपहर से 4:30 बजे दोपहर तक रहता है। इस समय आप कम ही घर से निकलें। अगर बाहर जाना ही पड़ रहा है, तो हल्के कपड़े पहन कर निकलें। पानी हमेशा अपने साथ रखें। हमेशा छावदार जगह पर चलें। हर आधा 1 घंटे में एक से दो गिलास पानी पीते रहें। हल्का खाना खाएं। 24 घंटे में 3 से 4 लीटर पानी पियें। अगर किसी को चक्कर, उल्टी जैसा हो, तो तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं।"
डॉ. प्रताप ने अगले चार 4 दिनों के दौरान उष्ण लहर से तीव्र उष्ण लहर चलने की संभावना पर द मूकनायक से एडवाइजरी शेयर की। लू से बचाव के लिए "क्या करें, क्या न करें" के संबंध में जनहित में एडवाइजरी इस प्रकार से जारी है-
1. प्रचार माध्यमों पर हीट वेव/लू की चेतावनी पर ध्यान दें।
2. अधिक से अधिक पानी पीयें, यदि प्यास न लगी हो तब भी।
3. हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले सूती वस्त्र पहने।
4. घर से बाहर निकलते समय धूप के चश्मे, छाता, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें।
5. अगर आप खुले में कार्य करते हैं तो सिर, चेहरा, हाथ, पैरों को गीले कपड़े से ढककर रखें तथा छाते का प्रयोग करें।
6. लू से प्रभावित व्यक्ति/ महिला को छाया में लिटाकर सूती गीले कपड़े से पोंछे अथवा नहलायें तथा चिकित्सक से सम्पर्क करें।
7. यात्रा करते समय पीने का पानी साथ रखें।
8. ओ0आर0एस0, घर में बने पेय पदार्थ जैसे-लस्सी, चावल का पानी, नीबूं पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके।
9. हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट कैम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना, बेहोशी आदि को जानें।
10. यदि बेहोशी या बीमारी अनुभव करते है तो तुरन्त चिकित्सकीय सलाह लें।
11. अपने घर को ठण्डा रखें। पर्दे, दरवाजे आदि का प्रयोग करें तथा रात व शाम के समय कमरों व घर को ठण्डा करने के लिये इन्हें खोल दें।
12. पंखे, गीले कपड़े का प्रयोग करें तथा बार-बार स्नान करें।
13. कार्यस्थल पर ठंडे पीने का पानी रखें/उपलब्ध करायें।
14. कर्मियों को सीधे सूर्य की रोशनी से बचने हेतु सावधान करें।
15. श्रमसाध्य कार्यो को ठंडे समय में करने/कराने का प्रयास करें।
16. घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने की समयावधि तथा आवृत्ति को बढायें।
17. गर्भवती महिला कर्मियों तथा रोग्रगस्त कर्मियों पर अतिरिक्त ध्यान देना चाहिये।
1- जानवरों एवं बच्चों को कभी भी बंद/खड़ी गाडियों में अकेला न छोडें।
2- दोपहर 11 से 04 बजे के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचें। सूर्य के ताप से बचने के लिये जहां तक सम्भव हो, घर के निचली मंजिल पर रहें।
3- गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहनें।
4- जब बाहर का तापमान अधिक हो, तब श्रमसाध्य कार्य न करें।
5- अधिक प्रोटीन तथा बासी एवं संक्रमित खाद्य व पेय पदार्थ का सेवन न करें।
गर्मी कम करने के लिए हम अपना थोड़ा सा योगदान यह दे सकते हैं कि चारों तरफ हरियाली यानी पेड़-पौधों की संख्या को बढ़ाए। खुली जगहों पर पौधे लगाकर तापमान में कमी लाई जा सकती है। इसके लिए टैरेस गार्डन और किचन गार्डन बनाए जा सकते हैं। छत पर सफेद रंग से पुताई करा सकते हैं। ऐसे कई तरीकों को अपनाकर गर्मी के असर को कम किया जा सकता है। इसके अलावा ऐसी चीजों के इस्तेमाल को बढ़ावा दें जो एनर्जी की खपत को कम करें। एसी का जरूरत भर ही इस्तेमाल करें। जहां पर पंखे और कूलर से काम चल सकता है, वहां इनका ही इस्तेमाल करें।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गर्मी से लोगों के गुस्से का पारा भी चढ़ रहा है। साथ ही लोग चिड़चिड़े भी हो रहे हैं। जिला एमएमजी अस्पताल के वाह्य रोगी विभाग (ओपीडी ) में ऐसे 35 से 40 मरीज रोज आ रहे हैं जिनमें गर्मी की वजह से तनाव देने वाले हार्मोन बढ़ जाने की समस्या मिल रही है। ऐसे मरीज मानसिक रोग विभाग में भेजे जा रहे हैं। एक महीने पहले तक इनकी संख्या 10 से 15 ही रहती थी। गर्मी बढ़ने से माइग्रेन के मरीजों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे ग्रसित होने वाले लोगों को आंखों के पास दर्द, कान के पास दर्द या फिर सिर के पीछे दर्द की समस्या हो सकती है। इसमें सबसे ज्यादा दर्दनाक एक तरह की चुभन होती है, जो प्रभावित व्यक्ति को हिलाकर रख देती है। माइग्रेन के होने पर व्यक्ति को हार्मोन में बदलाव, इमोशनल स्ट्रेस, तेज रोशनी और शोर से परेशानी, नींद की कमी और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
माइग्रेन से बचाव करने के लिए तनाव से दूर रहना बेहद जरूरी है। तनाव को कम करने के लिए आप योग, एक्सरसाइज और डीप ब्रीथिंग एक्सरसाइज करके आप माइग्रेन से बचाव कर सकते हैं।
नींद पूरी लेना भी तनाव को दूर करने का सबसे आसान उपाय है। हर रात 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेना आपके लिए जरूरी है।
पानी का अधिक सेवन करना भी माइग्रेन का उपचार करने का आसान और असरदार तरीका है।
माइग्रेन से बचाव करने के लिए फ्रेश फ्रूट, साबुत अनाज और हरी सब्जियों का सेवन करना जरूरी है।
आयुर्वेद के मुताबिक कुछ हर्ब्स का सेवन करके इस दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। ब्राह्मी और अश्वगंधा का सेवन करने से इस दर्द के लक्षणों को कम किया जा सकता है। ये दोनों जड़ी बूटियां ब्रेन के फंक्शन को ठीक करती हैं और तनाव को दूर करती हैं।
अदरक और तुलसी का सेवन करें। ये दोनों जड़ी बूटियां इंफ्लामेशन को कंट्रोल करती हैं और पाचन को ठीक करती हैं।
घी और बादाम का सेवन करें तो आपकी बॉडी को फायदा मिलेगा।
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