मध्य प्रदेश: तेंदुओं की संख्या में बढ़ोतरी, भोजन की कमी में जंगल से सटे गांव में पालतू जानवरों का कर रहे शिकार

मध्य प्रदेश: तेंदुओं की संख्या में बढ़ोतरी, भोजन की कमी में जंगल से सटे गांव में पालतू जानवरों का कर रहे शिकार
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भोपाल। इंदौर वन मंडल के जंगलों में तेंदुए की आबादी में लगातार बृद्धि हो रही है। वर्ष 2020 में तेंदुओं की संख्या 70 से 80 थी। अब संख्या 110 से 120 हो चुकी है। इस साल 25 से ज्यादा तेंदुए रेस्क्यू किए गए हैं। तेंदुओं की आबादी बढ़ने के बाद से ही जंगल के आस-पास रहवासी इलाक़ों में खतरा बढ़ गया है। तेंदुए जंगल पास के रिहायशी इलाके और गांव में जाकर पालतू जानवरों का शिकार कर रहे हैं। 

भोजन कमी हो रही महसूस

इंदौर वन मंडल में 1 जनवरी से 31 अक्टूबर के बीच तेंदुए 27 शिकार कर चुके हैं। मुर्गा, मुर्गी से लेकर गाय, भैंस, बकरा, बकरी का शिकार तेंदुओं ने किया है। गौरतलब है कि चोरल और मानपुर में आदिवासी बस्ती में दो लोगों पर भी तेंदुए हमला कर चुके हैं। हमले में तेंदुए ने एक आदिवासी युवक का हाथ दबोच लिया था तो दूसरे की पीठ पर पंजा मार दिया था।

इन रेंजों में किया है शिकार

तेंदुए की बढ़ती आबादी के करण अब वह जन आबादी वाले इलाकों में पालतू पशुओं के शिकार कर रहे हैं। इसी वर्ष में ही इंदौर रेंज में 1, महू में 26, मानपुर में 30, चोरल में 27 जानवरों का शिकार तेंदुए कर चुके हैं।

वन और पर्यावरण विशेषज्ञ के मुताबिक, जंगलों के पास रेल लाइन, बिजली लाइन, पानी की लाइन, सड़क, जंगल से सटकर टाउनशिप, रिसोर्ट के निर्मित होने के कारण वन्य प्राणी की संख्या में कमी हुई है। वहीं लकड़ी आपूर्ति के लिए कटाई होने से भी जंगल कम हो रहे हैं। तेंदुए हल्की झाड़ियों में भी रह लेते हैं। शिकार नहीं मिलने पर वह बसाहट (जहां इंसानों की बस्तियां होती है) के करीब पहुंच रहे हैं। वन्य क्षेत्रों में शिकार की कमी भी हुई है। 

रेंजर पीएस चौहान के मुताबिक मानपुर, महू में जितने भी शिकार हुए, वह देर शाम से सुबह के बीच हुए। तेंदुआ इसी समय शिकार के लिए सक्रिय रहता है। जंगलों से चरने के बाद घर लौटते मवेशी या फिर रात को बाड़े में बंधे मवेशियों पर हमले हुए हैं। गर्मी के समय अधिकांश शिकार हुए हैं। जंगलों में पानी नहीं मिलता है। लिहाजा प्यास बुझाने, नाले, कुएं या तालाब के पास तेंदुआ चला आता है।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए इंदौर वन मंडल सीसीएफ नरेंद्र कुमार सरोदिया ने बताया कि "तेंदुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। पहले हमारे यहाँ 70 से 80 तेंदुए थे। लेकिन अभी एसएफआरआई ने सर्वे में लगभग 25 प्रतिशत तेंदुओं को बढ़ जाने की जानकारी दी है।" उन्होंने बताया की एसएफआरआई सर्वे कर रहा है। फाइनल रिपोर्ट आने के बाद ही सही संख्या सामने आएगी। 

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