लखनऊ। नेपाल में हो रही मूसलाधार बारिश के बाद छोड़े गए पानी और उत्तराखंड से आए पानी से उत्तर प्रदेश के लगभग 10 जिले प्रभावित हैं। लगातार बिगड़ते हालातों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद नजर रख रहे हैं। हाल ही में, मुख्यमंत्री के निर्देश पर पीलीभीत में सात लोगों को एयरलिफ्ट किया गया और पशुओं को बचाया गया।
योगी आदित्यनाथ ने प्रभावित क्षेत्रों के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया ताकि राहत कार्यों में कोई कमी न रहे। वर्तमान में वहां पर युद्धस्तर पर राहत कार्य किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर क्षतिग्रस्त फसलों का भी सर्वे कराया जा रहा है। राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि पीलीभीत में बाढ़ से 5 तहसील के 252 गांव प्रभावित हैं। हालांकि, यहां पानी का स्तर घट रहा है।
राज्य आपातकालीन केंद्र को सूचना मिली कि पीलीभीत के ग्राम बिनौरा में कुछ लोग बाड़ में फंसे हुए हैं। इसकी जानकारी डीएम को दी गई। इसके बाद बाढ़ में फंसे 7 लोगों को एयरलिफ्ट के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इसके अलावा बाढ़ में फंसे अन्य 7365 लोगों और अनेक पशुओं को भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की एक-एक टीम और पीएसी की 2 टीम तैनात है। एसएसबी को एक टीम द्वारा बचाव कार्य किया जा रहा है। यहां पर राहत कार्यों में 37 नाव लगी हैं। 23 शरणालय स्थापित किए गए हैं, जिनमें 261 लोग रह रहे हैं। सभी को कम्युनिटी किचन के माध्यम से खाना खिलाया जा रहा है। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित गांवों में 3130 लंच पैकेट वितरित किए गए।
इसी तरह लखीमपुर खीरी की 5 तहसील के 41 गांव प्रभावित है। यहां पर एनडीआरएफ और पीएसी की एक-एक टीम द्वारा बचाव अभियान के जरिए 221 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
इसके अलावा निघासन के ग्राम मुगार्हा में फंसे 12 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। गोंडा में बाढ़ से 3 गांव की फसल प्रभावित हुई है। वहां पर क्षतिग्रस्त फसल का सर्वे कर रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करा दी गई है। बलरामपुर की 3 तहसील के 20 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।
फिलहाल यहां पर स्थिति सामान्य है। राहत कार्य के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पीएसी को एक-एक टीम तैनात है। श्रावस्ती में 2 तहसील के 82 गांव प्रभावित हैं। यहां पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की एक-एक टीम राहत कार्यों में लगी हुई है। फिलहाल स्थिति अभी सामान्य है।
कुशीनगर की 2 तहसील के 16 गांव प्रभावित हैं। यहां पर राहत कार्यों में एसडीआरएफ और पीएसी की एक-एक टीम तैनात है। फिलहाल स्थिति बेहतर है।
कम्युनिटी किचन के माध्यम से लोगों को पौष्टिक भोजन खिलाया जा रहा है। इसी तरह शाहजहांपुर की एक तहसील के एक गांव की फसल प्रभावित हुई। यहां पर क्षतिग्रस्त फसल का सर्वे किया हो रहा है। यहां 8 परिवार के 42 लोग बाढ़ में फंसे थे। सभी को नाव द्वारा सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। सभी को पंचायत भवन परचड़ में सुरक्षित रखा गया है। यहां खाने की भी व्यवस्था की जा रही है।
यूपी के सिद्धार्थनगर जिले के तहसील शोहरतगढ़ के कुछ गांवों की फसल प्रभावित हुई हैं, जिसकी सर्वेक्षण रपट शासन को भेजी गई है। बस्ती के हरैया का एक गांव प्रभावित है। इससे 150 लोग परेशान हैं।
दरअसल, जिले में बूढी राप्ती व राप्ती नदी खतरे के निशान को पार करने से बाढ़ जैसे हालात बन गए। बाढ़ का निरीक्षण करने मंगलवार को मंडलायुक्त अखिलेश कुमार सिंह पहुंचे। उन्होंने प्रधान से बात कर समस्याओं को जाना और उनके निराकरण के लिए डीएम को निर्देशित किया। इस दौरान डीएम डा राजा गणपति आर, आई जी आर के भारद्वाज, एसपी प्राची सिंह सहित अनेक प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
यूपी के बहराइच में सरयू उफान पर है। तीनों बैराजों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, इससे सरयू नदी लाल निशान पार कर गई है। नदी खतरे के निशान से सात सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। इससे मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है और दो दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है जिससे इन गांवों का संपर्क कट गया है। गांवों में बाढ़ से घिरे लोगों का ब्लाक व तहसील मुख्यालय से संपर्क कट गया है। जिसको लेकर तहसील प्रशासन भी सतर्क है। एसडीएम संजय कुमार व तहसीलदार अंचिका चौधरी ने प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और बचाव की तैयारियों की समीक्षा की।
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